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Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. सरकार का खजाना खाली है। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले की गई शिवराज सिंह चौहान की एक घोषणा डॉक्टर मोहन यादव के लिए परेशानी का कारण बन गई है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से ठीक एक महीने पहले सितंबर माह का बिजली का बिल जीरो करने की घोषणा कर दिया था।
चुनाव में इसका फायदा तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिल सके इसके चलते बिजली महकमे ने सितंबर में बिजली का बिल जारी नहीं किया। अब बिजली वितरण कंपनियां सरकार से सितंबर 2023 में माफ किए गए बिजली बिल का पैसा मांग रही हैं।
वहीं वित्त विभाग ने ये पैसा देने से साफ इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि कागजों में बिजली का बिल माफ होने की कोई बात नहीं है। ये बिल केवल स्थगित किया गया था। इसलिए अब अगले तीन सालों में धीरे-धीरे जनता से सितंबर 2023 के बिल की वसूली कर ली जाए।
उर्जा मंत्री भी वित्त विभाग के प्रस्ताव से सहमत नहीं
वित्त विभाग के इस प्रस्ताव से उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सहमत नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से कहा है कि जनता से वादा किया था कि सितंबर माह का बिल जीरो आएगा तो अब ऐसे में उनसे वसूली कैसे कर सकते हैं।
उधर वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने मुख्यमंत्री के सामने राज्य के खजाने की पूरी स्थिति बताते हुए कहा कि हम इस इस हालात में बिल्कुल नहीं है कि सितंबर 2023 में जीरो बिल के 4774 करोड़ बिजली कंपनियों को सीधे खजाने से दे सकें।
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सीएम मोहन यादव ने कहा- रास्ता खोजें अधिकारी
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी की बात सुनने के बाद कहा कि हमारी सरकार ने जनता से वादा किया था कि बिल नहीं लेंगे, तो अब इसका रास्ता खोजें किस तरह से इसकी भरपाई होगी। बिजली कंपनियों पर लगाए जाने वाली ब्याज पैनाल्टी या ब्याज की राशि से कुछ एडजस्टमेंट हो सकें तो उस रास्ते को तलाशिए।
इसके साथ बिजली कंपनियों से कहा कि आप भी इसका रास्ता खोजें कि 4774 करोड़ के बिजली बिल में से कितने गरीब लोग हैं जिनका बिल 500 से कम है उसका फिल्टर लगाएं। कितने लोग हैं जिनका बिल 5 से 10 हजार रुपए का था जो जीरो हुआ वो भी फिल्टर लगाएं। जिससे गरीबों को छोड़ बड़े लोगों से बिजली की राशि वसूलने का कोई रास्ता निकले। इस मामले को लेकर दो बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस रास्ता नहीं निकल पाया है।
दतिया में की थी शिवराज ने घोषणा
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अगस्त 2023 को दतिया जिले की भांडेर में हुई चुनावी सभा में कहा था कि कमलनाथ ने सभी योजनाएं बंद कर दी थीं। दिग्विजय और कमलनाथ को तकलीफ क्या थी। अब यह सभी चालू होंगी। वह तो गरीबों के 5 हजार रुपए के कफन का पैसा भी खा गए। अब शिवराज सिंह चौहान आ गया है। खाली हाथ नहीं आया है। बिजली के बड़े बिल को छोटा किया जाएगा। जो गरीब बिजली का बिल नहीं भर पाएंगे, उनका बिल शिवराज सरकार भरेगी। अगले महीने से एक ही महीने का बिजली का बिल चुकाना पड़ेगा। सितंबर महीने का बिजली का बिल जीरो आएगा। मामा शिवराज आ गए हैं। किसान, गरीब और नौजवानों को पैसों की कमी नहीं आने दूंगा।
वित्त विभाग ने तब भी की थी आपत्ति
सार्वजनिक घोषणा के बाद जब इस पर अमल करने की बारी आई तो तब भी वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति जाहिर की थी। वित्त विभाग का कहना था कि राज्य के खजाने में बिजली का बिल माफ करने की स्थिति नहीं है।
वित्त की आपत्ति के बाद विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुई कैबिनेट में सितंबर माह का बिल स्थगित करने का निर्णय लिया गया था। अब बिजली कंपनियां इस पैसे की मांग राज्य सरकार से कर रही हैं। MP News
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