केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए अहम घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वे हर मंगलवार को दोपहर के भोजन से पहले किसानों से मुलाकात करेंगे, ताकि उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान निकाला जा सके। शिवराज ने बताया कि वे कृषि मंत्री होने के नाते खेतों का दौरा करते हैं और कृषि विज्ञान केंद्रों की बैठकों में भी भाग लेते हैं, लेकिन अब वे नियमित रूप से किसानों के साथ संवाद स्थापित करेंगे।
शिवराज ने कहा, "किसानों की समस्याओं को सुनना और उनका समाधान करना मेरी प्राथमिकता है। मैं हर मंगलवार दोपहर के भोजन से पहले किसान और किसान संगठनों के साथ बैठक करूंगा।" उनका उद्देश्य संवाद के माध्यम से समस्याओं को सुलझाना है, और उन्होंने किसान संगठनों से अपील की है कि वे सूचित करके समय ले सकते हैं।
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जीतू बोले - 24 सितंबर को मिलना चाहता हूं
इस घोषणा के बाद, मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शिवराज से मिलने का समय मांगा। उन्होंने कहा, "यह एक सराहनीय कदम है। मैं 24 सितंबर को किसान प्रतिनिधिमंडल के साथ आपसे मिलना चाहता हूं।" जीतू ने यह भी बताया कि संवाद से समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।
किसानों के लिए नया कॉल सेंटर
शिवराज ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि किसानों की समस्याओं के लिए एक विशेष कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा, जिसकी निगरानी वे स्वयं करेंगे। यह कदम किसानों को अपनी समस्याओं को सीधे साझा करने का एक नया मंच प्रदान करेगा।
केंद्र सरकार के 100 दिन के काम बताए
केंद्र सरकार के 100 दिन के कार्यों का उल्लेख करते हुए शिवराज ने बताया कि डिजिटल कृषि मिशन को स्वीकृति दी गई है, जिससे कृषि क्षेत्र में तकनीकी सुधार होगा। उन्होंने कहा, "एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को बढ़ावा देने के लिए लाइसेंस की संख्या बढ़ाई गई है।"
उर्वरकों के लाइसेंस की संख्या 1516 से बढ़ाकर 3571, कीटनाशकों के लाइसेंस की संख्या 1060 से 3067 और एपीएमसी मंडी लाइसेंस की संख्या 597 से 1814 की गई है। ये सभी पहलें किसानों के हित में उठाए गए कदम हैं और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने का प्रयास हैं।
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