मध्य प्रदेश सरकार ने सिंहस्थ 2028 की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव चाहते हैं कि श्रद्धालु केवल उज्जैन तक सीमित न रहें, बल्कि प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों तक भी जाएं। इसी उद्देश्य से सरकार ओंकारेश्वर के शिव पंचायतन मंदिर को महाकाल लोक की तरह विकसित करेगी। ओंकारेश्वर के शिव पंचायतन मंदिर को महाकाल लोक की तरह विकसित किया जाएगा। मंदिर नागर शैली में बनाया जाएगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। रोपवे, सड़कें और अन्य सुविधाओं का विकास जल्द पूरा किया जाएगा।
ओंकारेश्वर का होगा भव्य विकास
ओंकारेश्वर में शिव पंचायतन मंदिर को अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर नागर शैली में बनाया जाएगा। सरकार आगामी बजट में इसके लिए वित्तीय प्रावधान करेगी। इसके अलावा, एकात्म धाम का भी पूर्ण विकास किया जाएगा। यह सभी कार्य सिंहस्थ 2028 से पहले पूरे किए जाएंगे, जिससे उज्जैन आने वाले श्रद्धालु ओंकारेश्वर तक पहुँचने के लिए प्रेरित हों।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिंहस्थ 2028 तक ओंकारेश्वर भी विशेष आकर्षण का केंद्र बने। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित है और यह स्थान हिंदू आस्था का केंद्र है। सरकार वहाँ रोपवे, सड़कें और अन्य सुविधाओं का तेजी से विकास करेगी।
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धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सरकार चाहती है कि उज्जैन आने वाले श्रद्धालु पहले ओंकारेश्वर जाएं और फिर मैहर, चित्रकूट, ओरछा आदि तीर्थस्थलों की यात्रा करें। इस पहल से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। प्रयागराज महाकुंभ की तरह उज्जैन सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रदेश के अन्य धर्मस्थलों तक जोड़ा जाएगा।
अयोध्या की तर्ज पर होगा मंदिर निर्माण
सरकार ने तय किया है कि ओंकारेश्वर का शिव पंचायतन मंदिर अयोध्या के राम मंदिर की तरह नागर शैली में बनाया जाएगा। इससे यह मंदिर प्रदेश की विशेष पहचान को और मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के लिए सभी जरूरी सुविधाओं का विकास जल्द किया जाए।
रोपवे और परिवहन सुविधाओं का होगा विस्तार
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ओंकारेश्वर आने-जाने के लिए सुविधाजनक मार्गों का निर्माण किया जाए। प्रस्तावित रोपवे की व्यवस्था को भी समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा। इससे श्रद्धालु आसानी से ओंकारेश्वर पहुँच सकेंगे और वहाँ अधिक समय बिता सकेंगे।
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