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BHOPAL. केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने मोर्चा खोला है। कांग्रेस ने सिंगरौली में अडानी की कंपनी द्वारा पेड़ कटाई का विरोध किया। एक दिन पहले कांग्रेस की जांच टीम सिंगरौली पहुंची थी। टीम ने पेड़ों की कटाई को लेकर बड़ा आरोप लगाया।
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने गुरुवार को आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार 33 हजार पेड़ों की कटाई दिखाकर सच को छोटा कर रही है। उन्होंने दावा किया कि जमीनी तस्वीर ​प्रशासन के दावों के बिल्कुल उलट है। मौके पर 3 लाख से ज्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं। आंकड़े छिपाने के लिए काटे जा रहे पेड़ों पर नंबर तक नहीं लिखे गए। उन्होंने बिना नंबर वाले काटे गए वृक्षों का वीडियो भी जारी किया।
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जल-जंगल-जमीन की लड़ाई संसद तक जाएगी
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मीनाक्षी नटराजन ने कहा कि सिंगरौली का मामला सिर्फ पेड़ों का नहीं है। यह आदिवासी समुदाय के अधिकार और अस्तित्व का सवाल है। उन्होंने ऐलान किया कि जब तक प्रभावितों को न्याय नहीं मिलेगा। कांग्रेस हर मंच पर लड़ाई लड़ेगी-राज्यसभा से लेकर लोकसभा तक।
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अधिग्रहण और मुआवजे में भी बड़ा खेल
भूरिया ने कोल ब्लॉक के लिए जमीन अधिग्रहण और मुआवजे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सिंगरौली में एक एकड़ का मुआवजा 4 लाख से 16 लाख तक दिया जा रहा है। यह गरीब आदिवासियों के साथ छल है। यह सब योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है।
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देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर
कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण दो महीने चर्चा में रहता है,पर सिंगरौली के लोग 12 महीने जहरीली हवा में रहते हैं। अब जब पेड़ भी तेजी से हटाए जा रहे हैं, भविष्य में स्थिति बेहद गंभीर होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
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नेतृत्व के इशारे पर मप्र इकाई ने खोला मोर्चा
पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी व जयराम रमेश भी लगातार सिंगरौली मामले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर ही प्रदेश इकाई ने यह मोर्चा खोला है। इससे पहले कांग्रेस ने राज्य विधानसभा में भी इस मामले को ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए उठाया। गुरुवार को भूरिया ने भी संकेत दिए कि जांच रिपोर्ट पार्टी सांसद राहुल गांधी को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सिंगरौली का नहीं बल्कि राष्ट्रीय मुद्दा है।
भूरिया,उमंग चोरी छिपे पहुंचे जंगल
धिरौली कोल ब्लॉक पेड़ कटाई मामले की जांच के लिए मप्र कांग्रेस की 12 सदस्यीय टीम एक दिन पहले सिंगरौली पहुंची। जांच समिति ने जब समर्थकों के साथ जंगल की ओर कूच किया तो पुलिस ने इन्हें रोक दिया। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, अजय सिंह और कई कांग्रेसी नेता धरने पर बैठ गए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और विधायक डॉ विक्रांत भूरिया मोटर सायकिल से प्रभावित जंगल में पहुंचे। वहां उन्होंने काटे जा रहे पेड़ों के वीडियो भी बनाए।
सख्त पहरे के साथ सिर्फ 5 नेताओं को मिली इजाजत
बुधवार शाम जिला प्रशासन ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को अनुमति दी। जीतू पटवारी और चार अन्य सदस्य जंगल में गए। कांग्रेस टीम ने बंधा, पचोर, देवरी, तेंदुआ और बड़ी झरिया गांवों का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था।
यह है सिंगरौली का पेड़ कटाई मामला
केंद्र सरकार ने अडानी समूह की स्ट्राटेक रिसोर्सेज कंपनी को सिंगरौली जिले के धिरौली क्षेत्र में कोल ब्लॉक आवंटित किया है। कंपनी को करीब 14 हजार हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है। इसमें 1335 हेक्टेयर वन भूमि है, जिसमें 5 लाख 70 हजार 666 पेड़ हैं। इन पेड़ों को काटकर जमीन समतल कर कंपनी को सौंपा जाएगा। बदले में कंपनी शिवपुरी, सागर, आगर और रायसेन जिले में करीब 13 लाख पौधे रोपित कराएगी।
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