संजय गुप्ता, INDORE. हनी ट्रैप मामले में पूर्व सीएम कमलनाथ को लेकर एसआईटी उलझ गई है। अभी तक इस मामले में एसआईटी कमलनाथ से सीडी-पैनड्राइव जब्ती नोटिस संबंध में कोर्ट में यह तर्क देती रही कि अभी एसआईटी चीफ नहीं है, ट्रेनिंग पर गए हैं। लेकिन अब कोर्ट में एसआईटी ने अपना रूख बदल दिया है और आरोपियों के इस आवेदन को ही धारा 91 के तहत उपयुक्त (पोषणीय) नहीं होना बता दिया।
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कमलनाथ मामले में पल्ला झाड़ रही एसआईटी
दरअसल इस मामले में एसआईटी पूर्व में कह चुकी है कि पूर्व सीएम कमलनाथ सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्हें धारा 160 में नोटिस दिया था और दो जून 2021 को श्यामला हिल्स बंगले में रहकर एसआईटी को कथन और सीडी-पैनड्राइव देने के लिए कहा गया था, लेकिन बाद में एसआईटी ने कहा था वह बंगले पर नहीं मिले और जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
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इसके बाद कोर्ट में एसआईटी ने अभी तक कोई जवाब ही नहीं दिया
आरोपी श्वेता विजय जैन, आरती दलाल और बरखा सोनी की ओर से अधिवक्ता यावर खान ने कोर्ट में आवेदन लगाकर पूर्व सीएम कमलनाथ से जब्त साक्ष्य, रिपोर्ट को कोर्ट में पेश कराने का आवेदन दिया था। अधिकवक्ता खान ने कहा कि पहले एसआईटी चीफ बदलने, फिर नए चीफ आदर्श कटियार के ट्रेनिंग पर जाने संबंधी जानकारी कोर्ट में दी गई और अब कहा जा रहा है कि आरोपियों की ओऱ् से लगा आवदेन ही धारा 91 के तहत पोषणीय (यानि उपयुक्त) नहीं है। एसआईटी की ओर से विशेष लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर ने कोर्ट में बताया कि क्योंकि अभी जांच चल रही है और साथ ही कोर्ट ने आरोपियों पर अभी तक आरोप भी फ्रेम नहीं किए हैं। इसलिए धारा 91 आवेदन पोषणीय नहीं है।
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एक माह में जांच पूरा करने का आवेदन भी लगाया
आरोपियों की ओर से अधिवक्ता यावर खान ने एक और आवेदन कोर्ट में धारा 171 के तहत लगाया है, जिसमें कहा गया है कि इस मामले में चालान दिसंबर 2019 में पेश हुआ और इसके बाद से ही प्रकरण में जांच ही चल रही है। कोई पूरक चालान तक पेश नहीं हुआ। इतनी लंबी जांच नहीं हो सकती है। इसलिए माननीय कोर्ट एसआईटी को आदेशित करे कि इस केस को एक माह के भीतर उचित निष्कर्ष निकालकर जांच समाप्त करें तथा अंतिम प्रतिवेदन या पूरक चालान जो भी हो इस कोर्ट को प्रस्तुत करे। इस मामले में भी शासकीय अभियोजन पक्ष की ओर से जवाब दिया गया है कि किसी भी स्तर पर जांच में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है और ना ही अधिकारी को जांच जल्द करने कि लिए बाध्य किया जा सकता है। इस मामले में दो मार्च को सुनवाई होना है।
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