जबलपुर रेलवे स्टेशन पर एसपी ने 11 जीआरपी कर्मियों को किया सस्पेंड, लेकिन फिर से हो गए बहाल

प्रयागराज महाकुंभ 2025 के मद्देनजर रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस अधीक्षक रेल शिमाला प्रसाद ने जबलपुर रेलवे स्टेशन का आकस्मिक निरीक्षण किया।

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Neel Tiwari
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जबलपुर में औचक निरीक्षण के दौरान रेलवे एसपी द्वारा 11 पुलिस कर्मियों को निलंबित करने और थोड़ी देर बाद उन्हें बहाल कर दिए जाने को लेकर अब महकमे में चर्चाएं तेज हो गई हैं। रेलवे कर्मचारियों का मानना है कि एसपी मैडम ने मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए जल्दबाजी में इतना बड़ा आदेश दिया था।  

प्रयागराज महाकुंभ 2025 के मद्देनजर रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस अधीक्षक रेल शिमाला प्रसाद ने जबलपुर रेलवे स्टेशन का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान स्टेशन पर सुरक्षा में गंभीर लापरवाही सामने आई, जब जीआरपी (Government Railway Police) के कई कर्मचारी ड्यूटी के दौरान अपने निर्धारित स्थानों पर अनुपस्थित पाए गए। इस लापरवाही को देखते हुए एसपी रेल ने 11 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस बड़ी कार्रवाई के बाद रेलवे पुलिस बल (जीआरपी) के अन्य कर्मियों में कुछ समय के लिए हड़कंप मच गया। लेकिन कुछ घंटों बाद दोषी पुलिस कर्मियों की सफाई सुनने के बाद उन्हें वापस बहाल कर दिया गया। हालांकि, उप पुलिस अधीक्षक के अनुसार, इन कर्मियों पर जांच जारी है और जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि यह जबलपुर रेलवे पुलिस के इतिहास की सबसे कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही थी।  

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रात के निरीक्षण में खुली थी पोल  

रेलवे के उप पुलिस अधीक्षक लोकेश मार्को ने बताया कि पुलिस अधीक्षक रेल शिमाला प्रसाद ने बीती रात अचानक जबलपुर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। सबसे पहले उन्होंने प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर स्थित जीआरपी सहायता केंद्र का जायजा लिया, लेकिन वहां कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं मिला। यह सहायता केंद्र यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित मदद के लिए स्थापित किया गया था, लेकिन कर्मियों की गैरमौजूदगी से सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर अनदेखी उजागर हो गई। इसके बाद उन्होंने स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 समेत अन्य महत्वपूर्ण सुरक्षा बिंदुओं की जांच की, जहां भी ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी नदारद मिले। इस लापरवाही से नाराज एसपी रेल ने तुरंत उच्चाधिकारियों से चर्चा कर 11 कर्मचारियों के निलंबन का आदेश जारी कर दिया। लेकिन, दोषियों की सफाई सुनने के बाद उन्हें वापस बहाल कर दिया गया है।  

महाकुंभ के चलते रेलवे स्टेशन पर बढ़ी भीड़

प्रयागराज महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। लाखों श्रद्धालु देशभर से ट्रेन के माध्यम से प्रयागराज पहुंचने की योजना बना रहे हैं, जिससे रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त सतर्कता और निगरानी की जरूरत बढ़ गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे पुलिस के अधिकारियों को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन, जीआरपी की इस लापरवाही से साफ हो गया कि कई पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे पुलिस बल की मजबूत उपस्थिति आवश्यक है, लेकिन जिस तरह से ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी गैरहाजिर मिले, उसने सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है।  

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इन 11 पुलिसकर्मियों पर गिरी थी गाज  

ड्यूटी से नदारद रहने के कारण कुल 11 पुलिसकर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई थी, जिनमें 1 सहायक उपनिरीक्षक, 4 प्रधान आरक्षक और 6 आरक्षक शामिल हैं।  

सहायक उप निरीक्षक:

 - हरिराम चौधरी  

प्रधान आरक्षक:

- शकील सिद्दीकी  
- रामनिवास ओझा  
- लक्ष्मण प्रसाद  
- वीरन महोविया  

आरक्षक:

- रविकांत रजक  
- संजीत शर्मा  
- गोपाल सिंह  
- हेमलता राज (महिला आरक्षक)  
- बब्बर यादव  
- मनीष यादव  

इन सभी पुलिसकर्मियों को रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किया गया था, लेकिन ड्यूटी के दौरान अपनी पोस्ट से गायब रहने के चलते यह कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी। एसपी के आदेश के बाद भी इन पुलिसकर्मियों को बहाल कर दिया गया है। हालांकि, इन्होंने ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के क्या कारण बताए हैं, इसका अब तक खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन जांच जारी रहने की बात कही जा रही है।  

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रेलवे एसपी ने कहा था- आगे भी होंगे निरीक्षण 

इस पूरी घटना के बाद रेलवे पुलिस अधीक्षक शिमाला प्रसाद ने स्पष्ट कर दिया कि ड्यूटी में लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्टेशन पर तैनात पुलिसकर्मियों को हमेशा सतर्क रहना होगा और अपने निर्धारित स्थानों पर मुस्तैदी से ड्यूटी करनी होगी। उन्होंने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और जीआरपी अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाए, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या आपराधिक घटना को रोका जा सके। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि आगे भी अचानक निरीक्षण किए जाएंगे और यदि कोई कर्मचारी लापरवाह पाया गया, तो इससे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, बीते दिनों निरीक्षण के बाद रेलवे एसपी द्वारा दी गई चेतावनी अब हवा-हवाई साबित हो रही है। महकमे में यह चर्चा तेज है कि इतने बड़े फैसले को आनन-फानन में क्यों लिया गया और फिर कुछ ही घंटों में वापस क्यों ले लिया गया। कुछ लोग इसे मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए किया गया कदम भी बता रहे हैं।

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