संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, एलन मस्क की Starlink को मिलेगा सैटकॉम लाइसेंस

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि स्टारलिंक तीसरी कंपनी होगी जिसे भारत में सैटकॉम लाइसेंस मिलेगा। इससे पहले रिलायंस जियो और भारती वनवेब को यह अनुमति मिली थी।

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Sandeep Kumar
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एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के लिए तीसरा सैटकॉम लाइसेंस मिलेगा। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि लाइसेंस मिलने के बाद स्टारलिंक को स्पेक्ट्रम भी आवंटित किया जाएगा। इससे दूरदराज इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी का विस्तार होगा। अब तक भारती वनवेब और रिलायंस जियो को ही ऐसे लाइसेंस दिए गए थे। स्टारलिंक के आने से डिजिटल पहुंच का दायरा बढ़ेगा। यह पहल भारत की डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी।

भारत में तीसरी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा

भारत सरकार अब एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को देश में सैटेलाइट संचार सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देने जा रही है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि स्टारलिंक तीसरी कंपनी होगी जिसे भारत में सैटकॉम लाइसेंस मिलेगा। इससे पहले रिलायंस जियो और भारती वनवेब को ही यह अनुमति प्राप्त थी।

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स्पेक्ट्रम आवंटन के बाद सेवाएं होंगी शुरू

लाइसेंस जारी होने के बाद स्टारलिंक को भारत में संचालन के लिए आवश्यक स्पेक्ट्रम भी प्रदान किया जाएगा। यह आवंटन कंपनी को देश के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने में मदद करेगा, जहां पारंपरिक नेटवर्क बिछाना कठिन है।

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इंटरनेट कनेक्टिविटी के परिदृश्य में बदलाव

सिंधिया ने कहा कि पहले सिर्फ फिक्स्ड लाइन की सुविधा होती थी, लेकिन अब मोबाइल, ब्रॉडबैंड और फाइबर कनेक्टिविटी के साथ-साथ सैटेलाइट कनेक्टिविटी भी एक सशक्त विकल्प बन चुकी है। इससे इंटरनेट सेवाएं अब देश के उन कोनों तक पहुंच सकेंगी जहां अब तक डिजिटल इंडिया की पहुंच नहीं थी।

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दूरदराज़ क्षेत्रों में होगी नई क्रांति

भारत के कई ऐसे इलाके हैं जहां अभी भी इंटरनेट कनेक्टिविटी एक सपना है। तार बिछाना या मोबाइल टावर स्थापित करना वहां संभव नहीं होता। ऐसे में स्टारलिंक की सैटेलाइट कनेक्टिविटी इन स्थानों में इंटरनेट पहुंचाने के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकती है।

मंत्री सिंधिया ने बताया कि जैसे ही स्टारलिंक की सेवाएं शुरू होंगी, देशभर में ग्राहक आधार में भी जबरदस्त वृद्धि देखने को मिलेगी। इससे एक ओर जहां लोगों को बेहतर सेवा मिलेगी, वहीं डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

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तकनीकी गुलदस्ते में नया फूल

सिंधिया ने  Starlink की सेवा को भारत के दूरसंचार तकनीकी गुलदस्ते में एक नया फूल बताते हुए कहा कि यह पहल भविष्य की तकनीक का द्वार खोलेगी। उन्होंने इसे एक ऐसा कदम बताया जो भारत को वैश्विक डिजिटल पटल पर अग्रणी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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