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Photograph: (the sootr)
NEW DEHLI. लगातार बढ़ते डॉग बाइट (कुत्ते के काटने) के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि स्थिति अब “अलार्मिंग” स्तर पर पहुंच चुकी है। तत्काल सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि स्कूल, अस्पताल, बस स्टैंड, खेल परिसर और अन्य सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए। ताकि आम नागरिक, विशेषकर बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षित रह सकें।
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सुप्रीम कोर्ट ने दिया स्पष्ट आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था। इस मामले में देश के सभी 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों को पार्टी बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में स्कूल, अस्पताल और बस अड्डों से आवारा कुत्तों को तत्काल हटाएं। उनके टीकाकरण और नसबंदी की व्यवस्था करें और फिर उन्हें निर्धारित डॉग शेल्टर (Dog Shelter) में रखें।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि हटाए गए कुत्तों को दोबारा उन्हीं स्थानों पर न छोड़ा जाए, जहां से उन्हें उठाया गया था। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को आठ सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं।
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सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी कहा कि मानव जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा राज्य का संवैधानिक दायित्व है। न्यायमूर्तियों ने टिप्पणी की कि सार्वजनिक स्थल असुरक्षित बनते जा रहे हैं। यह प्रशासनिक लापरवाही है। नागरिक अधिकारों का हनन भी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पशु प्रेमियों में चिंता
पशु प्रेमी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश पर चिंता जाहिर की है। इनका कहना है कि यदि कुत्तों को उनके स्थान से हटाया तो नए आ जाएंगे। कोर्ट ने इस पर कहा कि पशुओं की सुरक्षा जरूरी है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा सबसे ऊपर है। अदालत ने कहा कि यह आदेश पशु क्रूरता के लिए नहीं बल्कि लोगों की सुरक्षा के लिए है।
इधर आवारा पशुओं पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, हाईवे से हटाने के निर्देश
सड़क हादसों और सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा आदेश जारी किया है। अदालत ने देश के हाईवे, एक्सप्रेसवे से आवारा कुत्ते, गायों, बैलों और अन्य पशुओं को तुरंत हटाने का निर्देश दिया है।
आवारा पशुओं से सड़क हादसे को लेकर दाखिल याचिका पर कोर्ट ने कहा कि अगर किसी क्षेत्र में आदेश का पालन नहीं होता है, तो जिम्मेदार अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह होंगे। उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश
- सभी राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश यह सुनिश्चित करें कि हाईवे व एक्सप्रेसवे पर कोई भी पशु खुले में न छोड़ा जाए।
- ऐसे पशुओं को सुरक्षित आश्रय स्थलों (Animal Shelters) में भेजा जाए, जहां उनके भोजन और स्वास्थ्य की व्यवस्था हो।
- एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी विभाग को अपने अधीन सड़कों पर विशेष निगरानी टीम तैनात करनी होगी।
- हर राज्य में 24×7 हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं। ताकि किसी भी दुर्घटना या सूचना पर तुरंत कार्रवाई की जाएं।
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