मध्य प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, बोला- आईएफएस एपीआर लेखन प्रक्रिया में बदलाव को वापस लें

सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने मध्य प्रदेश सरकार को आईएफएस अधिकारियों की एपीआर लेखन प्रक्रिया में किए गए बदलाव को वापस लेने का आदेश दिया है।

Advertisment
author-image
Pratibha ranaa
New Update
सुप्रीम कोर्ट
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वह आईएफएस (Indian Forest Service) अधिकारियों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीआर) लिखने की प्रक्रिया में किए गए हालिया बदलाव को वापस ले।

बता दें, नए आदेश के तहत, एपीआर लिखने का अधिकार आईएएस (Indian Administrative Service) अधिकारियों को दे दिया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने चेतावनी दी है कि यदि राज्य सरकार ऐसा नहीं करती, तो उसे अवमानना की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी

यह आदेश 29 सालों से लंबित टीएन गोदावर्मन थिरुमूलपाद केस की सुनवाई के दौरान जारी किया गया। सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने मामले की सुनवाई के लिए दो से तीन सप्ताह की मोहलत मांगी है। मामले की अगली सुनवाई संभावित रूप से 13 सितंबर को होगी।

ये खबर भी पढ़िए...आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का एक और बड़ा फैसला, MP हाईकोर्ट का फैसला किया रद्द

पूर्व आदेश और मौजूदा स्थिति

सुप्रीम कोर्ट ने 1996 में वन और पर्यावरण से संबंधित मामलों में सुधार के लिए आईएफएस की एपीआर लेखन प्रक्रिया में बदलाव किया था। उस समय जूनियर आईएफएस अधिकारियों की एपीआर लेखन का अधिकार राजस्व अधिकारियों से लेकर सीनियर आईएफएस अधिकारियों को सौंपा गया था।

नई याचिका और मप्र आईएफएस एसोसिएशन

पर्यावरण से संबंधित मामलों में सक्रिय दिल्ली के वकील गौरव कुमार बंसल ने सुप्रीम कोर्ट में एक इंटरिम एप्लीकेशन दायर की है। वहीं मध्य प्रदेश आईएफएस एसोसिएशन के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कोई याचिका दायर नहीं की है, लेकिन वे याचिका दायर करने की तैयारी में थे।

ये खबर भी पढ़िए...सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मप्र बार काउंसिल ने अधिवक्ता नामांकन शुल्क की सूचना जारी की, 750 रुपए हुआ

मध्य प्रदेश आईएफएस एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएस अन्निगेरी ने सीएम मोहन यादव को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें उन्होंने 29 जून के फैसले को रद्द करने की मांग की है। हालांकि सरकार ने इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है।  

thesootr links

 

  द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें 

 

MP CM Mohan Yadav Madhya Pradesh government मोहन यादव Supreme Court order सुप्रीम कोर्ट आदेश आईएफएस अधिकारियों की एपीआर IFS Officers APR मप्र आईएफएस एसोसिएशन MP IFS Association