संजय गुप्ता @ INDORE. पंजीयन विभाग भोपाल महानिरीक्षक पंजीयक ( igr ) एम. सेलवेंद्रन ने रविवार रात को एक आदेश जारी किया। इसमें लिखा है कि लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) आचार संहिता के प्रभावी होने से साल 2023-23 की प्रभावी बाजार मूल्य गाइडलाइन ( guideline ) की समयावधि आगामी आदेश तक बढ़ाई जाए। यानि इसका अतलब है कि पुरानी गाइडलाइन ही चलती रहेगी अभी नई लागू नहीं होगी।
इसके पहले 11 मार्च को यह आदेश और बयान दिया
इसके पहले 11 मार्च को ( 16 मार्च को आचार संहिता लागू हुई ) सभी कलेक्टर के नाम पर उन्होंने पत्र जारी किया और कहा कि केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने साल 2024-25 की गाइडलाइन का अनुमोदन कर दिया है, उपबंध आदि भी अनुमोदित हो गए हैं। इन्हें एक अप्रैल से प्रभावशाली किया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही मीडिया को यह बयान दिया कि- गाइडलाइन का आचार संहिता पर कोई प्रभाव नहीं होता है। फिर भी हमने इसे मंजूर कर लिया है औऱ् मीटिंग भी जल्दी की ताकि कोई आपत्ति नहीं आए।
प्रॉपर्टी गाइडलाइन बढ़ने वाली है, इस चक्कर ऐसे हुई कमाई
अब यह पूरा खेल हुआ क्यों? दरअसल यह सब हुआ पंजीयन विभाग ने अपने राजस्व टारगेट 10700 करोड़ रुपए पाने के लिए किया। मप्र शासन इस लक्ष्य से पीछे था। इसके लिए आचार संहिता लगने से पहले ही एक अप्रैल गाइडलाइन बढ़ने का आदेश 11 मार्च को ही जारी कर दिया गया। इस दौरान 12 से 31 मार्च के दौरान मप्र शासन को गाइडलाइइ बढ़ने की चमक में रजिस्ट्री बढ़ गई और शासन को इस दौरान 1200 करोड़ रुपए करीब का राजस्व मिल गया। विभाग का टारगेट 10700 करोड़ रुपए था और जो वह इसके करीब 10300 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। यदि गाइडलाइन बढ़ने का मुद्दा नहीं उठता तो वह यहां तक पहुंच ही नहीं पाता।
इस दौरान त्योहार पर भी खुले रहे पंजीयन कार्यालय
इस दौरान होली, रंगपंचमी जैसे त्योहार भी आए। रंगपंचमी 30 मार्च को रात 12 बजे तक दफ्तर चालू रहे। क्योंकि लोगों को प्रॉपर्टी गाइलाइन बढ़ने की जानकारी थी, उन्होंने धड़ाधड़ा अपने स्लॉट बुक करे और त्योहार व अन्य कार्यक्रम स्थगित कर पहले रजिस्ट्री कराई। इस दौरान पंजीयन दफ्तर में भारी भीड़ में लोगों को धक्के खाते रहना पड़ा। इधर सरकार ने दाम बढ़ने की चमक दिखाकर अपना टारगेट पूरा कर लिया।
दो महीने तक कराई लगातार बैठक
इस पूरे अभियान में पंजीयन विभाग ने करीब दो महीने तक पूरे विभाग को जुटाकर रखा। पंजीयन अधिकारियों को जनवरी माह में आदेश जारी कर संपदा साफ्टवेयर की जानकारी भेज दी और AI के आधार पर प्रॉपर्टी बढ़ाने के प्रस्ताव बनाकर भेजने के आदेश आईजीआर ने दे दिए। इसके बाद लगातार उप मूल्यांकन कमेटी और फिर जिला मूल्यांकन कमेटी की बैठक हुई। दावे-आपत्ति बुलाए गए और फिर इन्हें सभी जिलों से भोपाल में केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड जिसके प्रमुख आईजीआर ही होते हैं, उनके पास भेजे गए। वहां इन सभी प्रस्तावों को हरी झंडी देकर कलेक्टर को आदेश दिए गए कि एक अप्रैल से इसे लागू किया जाए। इस तरह 12 मार्च से 31 मार्च के बीच गाइडलाइन बढ़ने की लगातार खबरें आई और विभाग के बयान भी यही थे कि एक अप्रैल ले नई गाइडलाइन होगी और बाद में खेल हो गया।