निविदा नस्तियां चोरी से PWD में हड़कंप उधर मरम्मत पर लाखों खर्च और अफसरों को पता नहीं

मध्‍य प्रदेश ठेकेदारों से साठगांठ और गड़बड़ी के आरोपों से घिरे लोक निर्माण विभाग में बड़ा कारनामा उजागर हुआ है। ग्वालियर अंचल में कार्यालय से 118 से ज्यादा निविदा दस्तावेज गायब हो गए हैं।

author-image
Sanjay Sharma
New Update
PWD
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

BHOPAL. ठेकेदारों से साठगांठ और निर्माण कार्यों में गड़बड़ी के आरोपों से घिरे लोक निर्माण विभाग में बड़ा कारनामा उजागर हुआ है। विभाग के ग्वालियर संभागीय कार्यालय से 118 से ज्यादा निविदा दस्तावेज और फाइल गायब हो गई हैं। इससे ग्वालियर से भोपाल तक हड़कंप मच गया है।

निविदा दस्तावेजों के गायब होने के बाद विभागीय अधिकारी आमने- सामने आ गए हैं। वहीं मामले में मुख्य अभियंता की जांच में अनाधिकृत भुगतान, अधिकारियों की स्वीकृति के बिना मरम्मत कार्य कराते हुए ठेकेदारों को भुगतान की बात सामने आई है। इसके बाद निविदा शाखा के बाबू का निलंबन कर दिया गया है।

इस गड़बड़झाले की जांच कर रहे मुख्य अभियंता द्वारा भुगतान रोकने से ठेकेदार विरोध पर उतर आए हैं। ठेकेदारों ने सीएम से शिकायत कर मुख्य अभियंता को ग्वालियर से हटाने के लिए विभाग पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। 

मुख्य अभियंता के खिलाफ खुला मोर्चा

पीडब्ल्युडी के ग्वालियर संभागीय कार्यालय में पिछले दिनों ठेकेदारों को मुनाफा पहुंचाने और अनियमित भुगतान की शिकायतें सामने आई थीं। जिसके बाद निविदा दस्तावेज, नस्तियां और पुराने बिल खंगाले गए। इस दौरान कार्यालय की निविदा शाखा से पूर्व में जारी हुई 118 निविदाओं की नस्तियां ही नहीं मिलीं। काफी खंगालने के बाद भी जब नस्तियां कार्यालय में नहीं पाई गई तब इसकी सूचना पुलिस को दी गई।

कार्यालय से करोड़ों रुपए के कामों की निविदा नस्तियां चोरी होने की आशंका के बावजूद कार्यपालन यंत्री चुप्पी साधे रहे। मामला गंभीर होने पर मुख्य अभियंता एसएल सूर्यवंशी ने निविदा लिपिक से पूछताछ की और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उसे निलंबित कर दिया। 

स्वीकृति के बिना किया लाखों का भुगतान

कार्यालय से निविदा नस्तियां गायब होने की खबर के बाद संभागीय कार्यालय सहित अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। वहीं पीडब्ल्यूडी के भोपाल मुख्यालय तक भी यह मामला पहुंच गया है। मुख्य अभियंता ने मामले में जांच शुरू कर दी है। जांच में कई अनियमितताएं मिली हैं।

कार्यालय से कर्मचारियों ने प्रशासकीय स्वीकृति से बाहर जाकर विशेष मरम्मत और अन्य कार्यों के लिए सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना किया था। इन गड़बड़ियों और लाखों रुपए के मनमाने भुगतान की संदेहास्पद स्थिति को देखते हुए मुख्य अभियंता ने अंचल में कराए गए भवन और सड़कों के मरम्मतीकरण के कार्यों का भुगतान रोक दिया है। कार्यालय को केवल बिजली और वाहनों के भुगतान करने के ही निर्देश दिए गए हैं। 

ये खबरें भी पढ़िए :

बीजेपी का एक परिवार एक पद फॉर्मूला, मंत्री-विधायक पुत्रों को नहीं मिलेगा सगंठन में पद

कौन हैं DFO नेहा श्रीवास्तव जिन्होंने लगाए विधायक अनुभा मुंजारे पर वसूली के आरोप

भौतिक सत्यापन की शर्ते से बढ़ी नाराजी

जहां लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री कार्यालय से 118 निविदाएं गायब होने से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं भवन और सड़कों की मरम्मत कार्यों के भुगतान रुकने से ठेकेदारों ने मुख्य अभियंता के विरुद्ध मोर्चा खोल लिया है।

मुख्य अभियंता द्वारा मरम्मत कार्यों के निरीक्षण और अधीक्षण यंत्री की भौतिक सत्यापन रिपोर्ट के बिना भुगतान नहीं करने के आदेश का ठेकेदार विरोध कर रहे हैं।

ठेकेदारों के एक समूह ने इसे मुख्य अभियंता की मनमानी बताकर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन याादव से भी शिकायत की है। ठेकेदार भौतिक सत्यापन की बाध्यता से तनाव में हैं। उन्हें मरम्मत कार्यों की गुणवत्ता की पोल खुलने का भय सता रहा है। 

ये खबरें भी पढ़िए :

एमपी के कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, बोनस में मिलेगा पूरे महीने का वेतन, मंत्री ने की घोषणा

इंदौर के एमवाय अस्पताल में दूसरे बच्चे की भी मौत, क्यों न गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हो?

साठगांठ के बाद सख्ती नहीं आ रही रास 

विवादों से घिरे रहने और ठेकेदारों को मुनाफा पहुंचाकर विभाग को नुकसान में डालने के मामले पूर्व में भी उजागर होते रहे हैं। अधिकारियों की साठगांठ से करोड़ों के ठेके हासिल करने, डिजाइन- ड्राइंग में मनमाने बदलाव कराने वाले ठेकेदारों को अब मुख्य अभियंता की कसावट अच्छी नहीं लग रही है।

वहीं ठेकेदारों के पाले में खड़े रहने वाले अधिकारी भी अब उनकी खिलाफत से असमंजस में हैं। मुख्य अभियंता की जांच के बाद अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है की निविदा नस्तियां गायब करने में किस अधिकारी या कर्मचारी की भूमिका है।

वहीं अनाधिकृत रूप से लाखों रुपए के बिलों का भुगतान करने में भी जिम्मेदारी तय नहीं की  गई है। केवल निविदा शाखा के एक बाबू को ही निलंबित किया गया है। जबकि एक अकेले कर्मचारी द्वारा करोड़ों के निविदा दस्तावेज गायब नहीं किए जा सकते। इसको लेकर भी विभागीय अधिकारी आमने- सामने आ गए हैं।  

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट केसाथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

भुगतान नहीं कार्यालय लोक निर्माण विभाग पीडब्ल्यूडी ग्वालियर भोपाल