मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ पुलिस ने चिटफंड कंपनी का भंडाफोड़ किया, जिसने निवेशकों से करोड़ों रुपए की ठगी की। ठगी करने वाले इस गिरोह के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 4 करोड़ 15 लाख 26 हजार रुपए की संपत्ति जब्त की गई। यह कंपनी भारत के 10 राज्यों में कार्यरत थी।
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जानें क्या है पूरा मामला...
इस मामले को लेकर शहर के कई निवेशकों ने एसपी ऑफिस जाकर सिकायत दर्ज कराई थी। टीकमगढ़ पुलिस ने निवेशकों की शिकायत पर एलजेसीसी कोऑपरेटिव सोसाइटी के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए लिखा, एलजेसीसी ने अपना बैंक ऑफिस बंद कर दिया और निवेशकों को करोड़ों रुपए वापस नहीं किए। वहीं इस मामले की जांच के लिए एडिशनल एसपी के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई।
ठगी कर करोड़ों की संपत्ति बनाई
टीकमगढ़ पुलिस ने चिटफंड कंपनी के ब्रांच मैनेजर सुबोध रावत और 4 अन्य को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिससे कंपनी के ठगी के गिरोह का पर्दाफाश हुआ। आरोपियों ने करोड़ों रुपए की ठगी करके संपत्ति बनाई और बैंकों में एफडीआर किए। कंपनी के सीएमडी समीर अग्रवाल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, जो दुबई में रहता है।
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सात समितियां बनाकर कर रहे थे ठगी
पुलिस अधीक्षक रोहित ने बताया कि मुंबई की रहने वाले समीर अग्रवाल ने 2012 में 7 समितियां बनाईं, इसमें से एक ने टीकमगढ़ में ब्रांच खोली और लोगों को जल्दी धन बनाने वाला लालच देकर उनकी राशि हड़प ली।
हर बार करते थे कंपनी का नाम चेंज
पुलिस अधीक्षक रोहित ने बताया कि ऑप्शन वन नाम की कंपनी ने टीकमगढ़ में ऑफिस खोलकर निवेश शुरू किया, बाद में नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद और फिर एलजेसीसी किया। 2012 से 2024 तक 12 सालों में कंपनी ने टीकमगढ़ के निवेशकों से करोड़ों रुपए हड़प लिए और बैंक बंद करके फरार हो गए।
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पकड़े गए पांच आरोपी
पुलिस ने चिटफंड कंपनी के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले 5 आरोपियों - सुबोध रावत, अजय तिवारी, विजय कुमार शुक्ला, राहुल यादव और जियालाल राय को गिरफ्तार किया। इन पर धारा 111, 318, 61(2)bns के तहत मामला दर्ज किया गया है। अभी 6 आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है, इसमें कंपनी का सीएमडी भी शामिल है।
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