मौत के साए में सौदा: बहन बिलखती रही, भाई ने बंटवारे के बाद दी मुखाग्नि

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर एक बेटे ने अपने पिता की चिता को आग देने से मना कर दिया। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला 

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Sandeep Kumar
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MP NEWS: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के बल्देवगढ़ थाना क्षेत्र के तालमऊ गांव में एक दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बेटे ने अपने पिता की चिता को आग देने से मना कर दिया, जिससे पूरे गांव में हैरानी फैली। यह घटना उस समय घटी जब पिता चिन्ना अहिवार का निधन हुआ और उनके बेटे राजू ने उनका अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया।

पिता की जायदाद को लेकर विवाद

चिन्ना अहिवार की उम्र 70 साल थी और वह अपने बेटे राजू के व्यवहार से परेशान थे। जब वह बीमार थे, तब उनकी देखभाल करने करने के लिए उनकी बेटी सुनीता थी। इस दौरान राजू ने अपने पिता की कोई देखभाल नहीं की। इस कारण चिन्ना ने अपनी दो एकड़ पैतृक जमीन अपनी बेटी सुनीता के नाम कर रजिस्ट्री भी करवा दी थी। शख्स की मौत के बाद नाराज बेटे ने कहा जिसे जमीन दी है, उसी से अंतिम संस्कार कराओ, मेरा उनसे कोई नाता नहीं है।"

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बहन से समझौता और फिर अंतिम संस्कार

राजू के जिद पर अड़े रहने के कारण पुलिस ने उसकी बहन सुनीता से बात की और उसे समझाया। हालांकि, सुनीता का दिल टूटा हुआ था, लेकिन उसने भाई से समझौता किया और आधी जमीन यानी एक एकड़ भूमि भाई को देने की बात की। हालांकि, राजू केवल मौखिक आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुआ। उसने पहले तहसील से इसका पक्का लिखित समझौता कराया और फिर उसके बाद शनिवार को दोपहर 3 बजे राजू ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी, और उनका अंतिम संस्कार किया।

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23 घंटे तक रखा रहा शव

चिन्ना की मृत्यु शुक्रवार की शाम 4 बजे हुई। इस खबर के बाद रिश्तेदार और गांव के लोग अंतिम संस्कार के लिए चिन्ना के घर पहुंचे, लेकिन राजू ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। परिवार के लोग, रिश्तेदार और पुलिस अधिकारी भी समझाते रहे, लेकिन वह नहीं माना। इसके कारण पिता की पार्थिव देह पूरे 23 घंटे तक घर में रखी रही।

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