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The Sootr
उज्जैन में सिंहस्थ मेला क्षेत्र की जमीनें लेने का विरोध कर रहे किसान नेताओं को एक बार फिर प्रदर्शन से पहले ही पुलिस ने पकड़ लिया है। वे आज उज्जैन के कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर ज्ञापन देने जाने वाले थे। पुलिस की गिरफ्तार से बचे किसान नेताओं ने इसकी जानकारी नई गढ़ी रेलवे स्टेशन के पास से रात साढ़े 3 बजे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी है। किसान संगठनों का आरोप है कि लैंड पुलिंग एक्ट के विरोध में उज्जैन कलेक्टर को ज्ञापन देने से रोकने के लिए जनहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जैन को रविवार रात 12 बजे गिरफ्तार किया गया। सरकार ने लैंड पुलिंग एक्ट का विरोध करने पर कुछ दिन पूर्व भी किसान नेताओं ने उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर धरना प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने उसकी एक रात पूर्व ही किसान नेताओं को उनके घरों से दरवाजा तोड़कर निकाला और पकड़कर थाने में रखा था। इसके बाद उन्हें अगले दिन छोड़ा गया था।
किसान नेताओं ने रात साढ़े 3 बजे यह मैसेज किया पोस्ट
आज सोमवार दिनांक 28 अप्रैल को उज्जैन में किसानों के संयुक्त मोर्चे का प्रात 11 बजे उज्जैन कलेक्टर को, सिंहस्थ क्षेत्र की अपनी भूमि बचाने के लिए, ज्ञापन देने का कार्यक्रम तय हुआ था। उसी की तैयारी में पुलिस और प्रशासन ने पुनः जनहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जैन को गिरफ्तार कर लिया है। रात में शायद और भी किसान कार्यकर्ताओं, नेताओं को गिरफ्तार किया जाएगा। कल ज्ञापन न दिलवाने की सरकार की पूरी तैयारी है। लोकतंत्र में किसानों का इतना भी अधिकार नहीं बचा है कि वह अपनी बात सरकार से कह सकें? क्या यह कार्यवाही दमनकारी नहीं है?
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जिन्होंने मोबाइल बंद कर लिए वे बच गए
किसान नेताओं ने अपने इस वीडियों में यह भी बताया है कि वे रविवार रात को एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। इस दौरान जब उन्हें उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष के गिरफ्तार होने की सूचना मिली तो बाकी किसान नेताओं ने अपने फोन बंद कर लिए और तत्काल उज्जैन की ओर रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा उनके मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लिया जा रहा है। जिससे पुलिस उनकी लोकेशन को ट्रेस करके उन्हें आंदोलन के एक दिन पूर्व ही पकड़ लेता है। पुलिस और प्रशासन इस बार भी ऐसा ना कर पाएं, इसके लिए उन्होंने रात को ही अपने फोन बंद कर लिए थे। जिससे वे पुलिस की कार्रवाई से बच गए।
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बिना मुआवजा दिए जमीनें छीन रही सरकार
उज्जैन सिंहस्थ मेला क्षेत्र में आ रही जमीनों को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लाए गए लैंड पुलिंग एक्ट में छीने जाने का विरोध बड़ता ही जा रहा है। पिछले दिनाें हुए धरना आंदोलन में तो पुलिस ने किसान नेताओं को प्रदर्शन करने जाने से पहले ही रास्ते व घरों से उठा लिया था और प्रदर्शन के अगले दिन छोड़ा था। इससे नाराज किसान एक बार फिर 28 अप्रैल को उज्जैन में कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने जा रहे थे। उनका कहना है कि 23 अप्रैल को प्रशासन और पुलिस ने उनके साथ जो ज्यादती की वह उनके लिए कल्पना से परे थी। अब विरोध के लिए वे उज्जैन के आसपास के गांव–गांव जाकर किसानों को लैंड पुलिंग एक्ट की बारीकियों को समझा रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को किसानों ने कोर्ट में पर्चे बांटकर भी किसानों को जागरुक करने का प्रयास किया। वहीं, किसान नेताओं का कहना है कि अभी तक धरने की अनुमति प्रशासन की तरफ से नहीं मिली है, लेकिन वे अपना प्रयास जारी रखेंगे।
रास्ते में ही रोक लिया था किसानों को
उज्जैन में 23 अप्रैल को किसान संगठनों के द्वारा सरकार के लैंड पुलिंग एक्ट के विरोध में प्रदर्शन किया जाना था। उसके समर्थन में आंदोलन करने गए जनहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जैन और राष्ट्रीय महामंत्री मनीष काले को उनके दो साथियों सहित उज्जैन पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इसके बाद उन्हें धरना स्थल से 28 किलोमीटर दूर इंगोरिया थाना तहसील बड़नगर में रखा गया था। इसके बाद अगले दिन 24 अप्रैल को दोपहर 1 बजे महाकाल थाने से उन्हें छोड़ दिया गया। किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि सभी के मोबाइल छीन लिए गए और गाड़ी भी जप्त कर ली गई। चारों के संबंध में बाकी के किसान संगठनों को कोई जानकारी नहीं दी ई। बिना मुआवजा और बिना सहमित किसानों की जमीन छीनने के मामले में जनहित पार्टी उज्जैन में विरोध प्रदर्शन कर लगातार किसानों से संवाद कर रही थी।
घर कर दरवाजा तोड़, आधी रात को किसानों को उठाया
जनहित पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री मनीष काले ने बताया कि किसानों के इस धरना प्रदर्शन की जानकारी जैसे ही प्रशासन को लगी तो उन्होंने रातों–रात पुलिस को सक्रिय कर दिया। इसके बाद पुलिस की अलग–अलग टीमों ने किसानाें के घरों पर पहुंचना शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि धरना प्रदर्शन एक दिन पहले पुलिस आधी रात को किसानों के घर पहुंची। यहां पर उन्होंने एक किसान के घर का गेट तोड़कर उसे बाहर निकाला और अपने साथ लेकर चली गई। वहीं, कई अन्य किसानों को भी आधी रात को दरवाजे पर दस्तक देकर बाहर बुलाया और अपने साथ लेकर चली गई। ताकि वे अगले दिन महाकाल मंदिर पर होने वाले धरना प्रदर्शन में शामिल ना हो सकें।
इंदौर में भी दे चुके हैं धरना
पार्टी के डॉ. सुभाष बारोड़ ने बताया कि उज्जैन के पूर्व इंदौर के कलेक्टर कार्यालय पर भी लैंड पुलिंग एक्ट के विरोध में धरना प्रदर्शन हो चुका है। उन्होंने बताया कि बिना सहमति - बिना मुआवजा... खेती की जमीन छीनने के विरोध में जनहित पार्टी द्वारा 17 अप्रैल को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जैन व नगर अध्यक्ष स्वप्निल जोशी के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना देकर ज्ञापन सौंपा गया थाl
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यह है किसानों की मांग
किसानों ने मांग की है कि मध्य प्रदेश सरकार के लैंड पूलिंग एक्ट 2025 के अनुसार अब अधिग्रहण के पहले किसानों की सहमति नहीं ली जाएगी। अधिग्रहित भूमि का आधा हिस्सा विकसित करके कब और कहां दिया जाएगा ? यह स्पष्ट नहीं है। जब तक परियोजना पूरी नहीं हो जाती तब तक किसान अपनी आजीविका की पूर्ति कैसे करेगा ? विकसित भूमि का कीमती हिस्सा किसे मिलेगा ? मध्य प्रदेश सरकार किसान की जमीन छीन रही है। जनहित पार्टी की मांग है कि इस किसान विरोधी काले कानून को तुरंत रद्द किया जाए। जनहित पार्टी की मांग है किसी भी स्थिति में किसानों की उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए। उद्योगों के लिए केवल ऐसी भूमि उपयोग की जाना चाहिए, जो खेती के लिए उपयुक्त नहीं है।