उज्जैन के महाकाल मंदिर में यदि आप आम श्रद्धालु की हैसियत से जाएंगे तो वहां कई घंटों तक लाइन में धक्के खाने के बाद आपको कुछ देर के लिए ही महाकाल का दर्शन करने का मौका मिलेगा। लेकिन, इसके विपरीत यदि आप वीआईपी हैं तो आप बेधड़क गर्भगृह में भी घुस सकते हैं। ऐसा हम नहीं बोल रहे हैं बल्कि हाल के दिनों में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इनमें वीआईपी दर्शन के लिए पहुंचे लोग नंदी हॉल से सीधे गर्भगृह में घुस जाते हैं।
शुक्रवार की सुबह भी ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें एक वीआईपी ने अपनी बेटी को गर्भगृह में घुसा दिया और उसका फोटो-वीडियो बनाने लगा। इस घटना का वीडियो वायरल होने पर हंगामा मचा तो मंदिर प्रशासन और सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। कहा जाने लगा कि सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर आरोपी की पहचान कर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
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प्रशासन का नकारापन या लीपापोती की कोशिश
आपको बता दें कि मामले को सामने आए 16 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अब न तो मंदिर प्रशासन किसी की पहचान कर पाया है और न इस मामले पर कोई अपडेट दे रहा है। इतना समय बीत जाने के बाद भी यदि वीआईपी की पहचान नहीं हो पाई है। इसे लेकर यह सवाल उठना लाजिमी है कि ये प्रशासन की नाकामी-नकारापन है या फिर उस वीआईपी को बचाने के लिए लीपापोती करने की तैयारी चल रही है।
आखिर क्या कारण है कि गाहे-बगाहे कोई भी गर्भगृह में घुसा चला जाता है और सुरक्षा व्यवस्था को धता बता देता था। कुछ दिनों पहले ही एक युवक गर्भगृह में घुस आया था और उसने शिवलिंग को स्पर्श भी कर लिया था। हालांकि, पुजारी-पुरोहितों ने उसे पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया था, लेकिन इसके बावजूद मंदिर प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है।
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आम लोगों को घंटों इंतजार के बाद मिलता है दर्शन का मौका
बता दें कि आम श्रद्धालुओं को महाकाल के दर्शन करने का मौका घंटों-घंटों तक लाइन में लगे रहने के बाद ही मिल पाता है। मंदिर प्रशासन 250 रुपए में शीघ्र दर्शन करवाने की व्यवस्था करता है। इससे मंदिर की झोली तो जरूर भर रही है, लेकिन उसे अपने ही बनाए नियमों को अमलीजामा पहनाने में कोई खास इंटरेस्ट नहीं लगता है।
मंदिर परिसर में जगह-जगह मोबाइल से फोटो-वीडियो बनाने से मना करने का पोस्टर तो लगा है, लेकिन मोबाइल लेकर मंदिर के अंदर जाने से कोई नहीं रोकता है। खासकर, वीआईपी लोगों की जांच भी नहीं होती। मंदिर परिसर में भले ही बीसियों सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन वे भी ऐसा लगता है कि केवल शीपीस मात्र ही हैं।
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