मध्यप्रदेश पुलिस का एक निलंबन आदेश हाल ही में सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना है। उज्जैन में एक दीवार गिरने की घटना के बाद महाकाल थाने के टीआई और एसआई को निलंबित कर दिया गया। इसके कारण सोशल मीडिया पर पुलिस का मजाक उड़ाया जा रहा है। इसके चलते डीजीपी ने सभी एसपी को सख्त हिदायत दी।
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जानें क्या है पूरा मामला
27 सितंबर को उज्जैन में भारी बारिश के कारण एक दीवार गिर गई। इससे दो लोगों की मौत हो गई। उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने इसे गंभीर मानते हुए टीआई (TI) अजयकुमार वर्मा और बीट प्रभारी एसआई (Sub-Inspector) भरतसिंह निगवाल को निलंबित कर दिया। आदेश में कहा गया कि दीवार के नीचे अवैध रूप से बैठे लोगों की मृत्यु हुई, और इसमें पुलिस अधिकारियों की लापरवाही मानी गई।
सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहा निलंबन आदेश
इस निलंबन आदेश के बाद पुलिस पर सोशल मीडिया पर तीखे तंज कसे गए। यूजर्स ने कमेंट्स किए कि "पुलिसकर्मी दीवार पकड़कर खड़े रहते तो दीवार नहीं गिरती।" एक यूजर ने लिखा कि "टीआई और बीट प्रभारी दोनों खराब इंजीनियर हैं, इसलिए दीवार गिर गई।"
आदेश पर अधिकारी और जनता की प्रतिक्रिया
कई सोशल मीडिया यूजर्स और अधिकारियों ने इस फैसले पर सवाल उठाए। लोगों का कहना है कि पुलिसकर्मियों को दीवार गिरने का जिम्मेदार ठहराना अनुचित है। दोष नगर निगम और अन्य संबंधित अधिकारियों का भी हो सकता है।
डीजीपी ने दी सख्त हिदायत
पुलिस पर ट्रोलिंग के बाद डीजीपी सुधीर सक्सेना ने एक्शन लिया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी एसपी को निर्देश दिया कि इस तरह के आदेश जारी करने से पहले सावधानी बरती जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे आदेश पुलिसकर्मियों का मनोबल गिराते हैं, और त्योहारों के मौसम में यह स्थिति कानून व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।
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