सिंहस्थ के पहले सजाया जा रहा महाकाल लोक, नई मूर्तियां बनाने ओडिशा के कलाकार जुटे

11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। इसके बाद से से ही यहां दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या एकदम से बढ़ गई है। अब सिंहस्थ के लिए नए सिरे से उज्जैन को सजाया जा रहा है…

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
एडिट
New Update
SANDEEP 2024 Copy of STYLESHEET THESOOTR - 2024-06-05T090302.431.jpg
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

उज्जैन स्थित महाकाल लोक ( Mahakal Lok ) में 2028 में होने वाले सिंहस्थ से पहले सभी 106 नई मूर्तियां लगेंगी। हाट बाजार में मूर्तियां बनाने का काम भी शुरू हो गया है। सबसे पहले सप्तऋषि (saptrshi ) की सात मूर्तियों को बनाया जाएगा। वर्तमान में यहां लगी मूर्तियों को चौराहों पर शिफ्ट किया जाएगा।

बता दें कि 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। इसके बाद से यहां भक्तों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो गई। इस बीच, 28 मई 2023 की शाम आंधी के चलते महाकाल लोक में स्थापित सप्तऋषि की 6 मूर्तियां गिर गईं। इसके बाद मूर्तियों की मजबूती को लेकर सवाल खड़े किए गए।

ये खबर भी पढ़िए...एमपी की 29 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की करारी शिकस्त, हार के बाद क्या बोले पीसीसी चीफ जीतू पटवारी

सप्त ऋषियों की मूर्तियों का हो रहा निर्माण

विक्रमादित्य शोध पीठ, हरिफाटक स्थित उज्जैन हाट बजार में महाकाल लोक के लिए सप्त ऋषि की 7 मूर्तियों का निर्माण करवा रहा है। यहां ओडिशा के 10 कलाकार दिन-रात मेहनत कर मूर्तियों को आकार दे रहे हैं। सप्त ऋषि की मूर्तियां राजस्थान के बंसी पहाड़पुर पत्थर से बनाई जा रही हैं।

हालांकि राजस्थान से पत्थर आने में देरी के कारण सप्त ऋषियों की मूर्ति बनने में भी देरी हो रही है। ओडिशा के कलाकार बताते हैं कि दो अलग-अलग हिस्से में टीम काम कर रही है। पहली टीम सप्तऋषि की मूर्तियों को उकेर रही है, तो वही दूसरी टीम मूर्ति को रखने के लिए आधार बनाने का कार्य कर रही है।

ये खबर भी पढ़िए...MP Weather update : भोपाल में तेज आंधी-बारिश, मौसम विभाग ने कई जिलों में जारी किया बूंदाबांदी का अलर्ट

महाकाल लोक की मूर्तियों को शिफ्ट करेंगे

विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि 5 जनवरी 2024 को विक्रमोत्सव को लेकर हुई बैठक में सीएम मोहन यादव ने निर्देश दिए थे कि मूर्तिकला की कार्यशाला होना चाहिए। जिससे मालवा के लोग मूर्ति कला को रोजगार के रूप में अपना सकते हैं।

सीएम ने कहा कि महाकाल लोक की फायबर की मूर्तियां भविष्य में खराब हो जाएंगी। इन मूर्तियों को चौराहों या अन्य जगह स्थापित करेंगे। शुरुआत में इन मूर्तियों को विक्रमशोध पीठ परिसर और कीर्ति मंदिर में स्थापित किया जाएगा।

ये खबर भी पढ़िए...गैंगस्टर सतीश भाऊ ने किया सरेंडर, कुछ दिन पहले पत्रकार पर किया था जानलेवा हमला

ओडिशा के कलाकार बने रहे मूर्ति 

आगामी सिंहस्थ कुंभ से पहले सभी मूर्तियों को बदला जाएगा। फिलहाल, ओडिशा के कलाकार इन्हें बना रहे हैं। भविष्य में अन्य शहरों के कलाकार भी मूर्तियों को बनाने के लिए उज्जैन के हाट बाजार पहुंचेंगे। 15 फीट ऊंची एक मूर्ति की लागत करीब 20 से 25 लाख रुपए के बीच आएगी।

सभी मूर्तियों को भारतीय मूर्ति कला का विधान की तरह बनाया जाएगा। जितनी जरुरत होगी, उतनी मूर्तियां बनाई जाएंगी। सीएम के निर्देश पर काम हो रहा है। हालांकि अब तक लिखा-पढ़ी नहीं हुई।

ये खबर भी पढ़िए...बकरों का रैंप वॉक : सज-धजकर रैंप वॉक करते दिखा 177 किलो का बकरा, लोग बोले- वाह...

एफआरपी की 106 मूर्तियां खोखली बनाई गईं

7 मार्च 2019 को एमपी बावरिया, सूरत को मूर्ति बनाने का वर्क ऑर्डर जारी किया गया था। अनुबंध में पत्थर की 60 मूर्तियां बनाने का उल्लेख था, लेकिन नवग्रह की 6 फीट ऊंची सिर्फ 9 मूर्तियां ही पत्थर से बनाई गई। ऐसे ही एफआरपी की 100 मूर्तियां बनाने का उल्लेख था, लेकिन इसकी 106 मूर्तियां स्थापित करवाई गईं।

15 फीट ऊंचाई होगी सप्तऋषि की मूर्तियां 

प्लान में पहले से ही था कि FRP की मूर्तियों को अंदर से खोखला बनाकर अंदर स्टील या लोहे की रॉड से मजबूती दी जाएगी। संभवत: मूर्तियों के आधार में मजबूती नहीं होने के कारण ही मूर्ति गिरी हैं। मजबूती के लिए मूर्तियों में केमिकल डालकर इन्हें ठोस किया जा सकता था। इससे इनकी उम्र भी कई गुना बढ़ जाती। सप्तऋषि भारद्वाज, विश्वामित्र, अत्रि, कश्यप, गौतम, जमदग्नि, वशिष्ठ की मूर्तियों की ऊंचाई 15 फीट होगी।

thesootr links

 सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

सिंहस्थ कुंभ सप्तऋषि saptrshi महाकाल लोक Mahakal Lok Ujjain