धार्मिक नगरी उज्जैन में पॉड टैक्सी: 1900 करोड़ रुपए से बदलेगा शहर का ट्रैफिक सिस्टम

उज्जैन में 1900 करोड़ रुपए से पॉड टैक्सी योजना तैयार की गई है। यह प्रोजेक्ट शहर के ट्रैफिक सिस्टम को बदलने और पर्यावरण को फायदा पहुंचाने में मददगार होगा। यह योजना 25.46 किलोमीटर लंबी होगी। इसमें 13 स्टेशन होंगे, जो शहर के विभिन्न इलाकों को जोड़ेंगे।

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Manish Kumar
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Photograph: (The Sootr)

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UJJAIN.मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के होमटाउन उज्जैन को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने 1900 करोड़ रुपए की पॉड टैक्सी योजना तैयार की है। उज्जैन इस तरह के प्रोजेक्ट को शुरू करने वाला देश का पहला धार्मिक शहर बनेगा।

सिंहस्थ कार्यों से जुड़ी संभाग स्तरीय समिति ने इस परियोजना की अनुशंसा कर दी है। अब पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट को राज्य स्तरीय पर्यवेक्षण समिति की बैठक में अंतिम स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। स्वीकृति मिलने के साथ ही उज्जैन देश का ऐसा पहला धार्मिक और तीर्थ नगर बन जाएगा जहां यह मेट्रो-समकक्ष सुविधा उपलब्ध होगी।

यह योजना उज्जैन को आधुनिक परिवहन वाले शहरों में शामिल करेगी। इसके चालू होने से लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा। यह परियोजना श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को सुविधाजनक और अभूतपूर्व बनाएगी।

पॉड टैक्सी: क्या है यह हाईटेक ट्रांसपोर्ट सिस्टम? 

पॉड टैक्सी (Pod Taxi) जिसे पर्सनल रैपिड ट्रांजिट के नाम से भी जाना जाता है। यह एक अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली है। यह व्यवस्था शहरी परिवहन को आधुनिक, व्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने में अत्यधिक मददगार साबित होगी।

यह योजना मेट्रो जैसी आधुनिक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराएगी। पॉड टैक्सी परियोजना (Pod Taxi Project) से शहर का परिवहन ढांचा बदल जाएगा। योजना स्वीकृत होने पर उज्जैन की कनेक्टिविटी में भी सुधार देखने को मिलेगा। सिंहस्थ 2028 महाकुंभ (Simhastha 2028) के महाकुंभ की तैयारियों के लिए यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण है। 

पॉड टैक्सी की मुख्य विशेषताएं 

विशेषताविवरण
संचालन (Operation)स्वचालित (Automated) और चालक-रहित (Driver-less)
ईंधन (Fuel)इलेक्ट्रिक (Electric), पर्यावरण के अनुकूल
ट्रैक (Track)ऊंचे स्टील ट्रैक (Elevated Steel Track) पर चलती है
क्षमता (Capacity)कॉम्पैक्ट कार जैसी, एक बार में 4 से 6 यात्री
नियंत्रण (Control)कंप्यूटर और सेंसर (Computer and Sensor) के जरिए हाईटेक संचालन
लाभ (Advantage)ट्रैफिक जाम से मुक्ति, तेज और कुशल यात्रा

साढ़े 25 किलोमीटर रूट में होंगे 13 स्टेशन

उज्जैन में प्रस्तावित इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत कुल 25.46 किलोमीटर लंबे दो रूट पर काम किया जाएगा। इस पर कुल 13 स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं। परियोजना को शहर के सबसे व्यस्त व्यावसायिक, आवासीय और धार्मिक क्षेत्रों को जोड़ने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है

ऐसा होगा प्रोजेक्ट का प्रस्तावित रूट 

पहला रूट (लगभग 17 किलोमीटर) -

यह रूट देवास गेट बस स्टैंड से शुरू होकर उज्जैन शहर के कई महत्वपूर्ण हिस्सों को जोड़ेगा। यह रूट विशेष रूप से शहर के ट्रैफिर और शैक्षणिक केंद्रों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

स्टेशन: देवास गेट बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, टॉवर चौक, तीन बत्ती चौराहा, शास्त्री नगर, संत नगर, मलखंभ स्टैच्यू, ऋषि नगर, विश्वविद्यालय, इस्कॉन मंदिर,  नानाखेड़ा बस स्टैंड और महामृत्युंजय द्वार।

दूसरा रूट (लगभग 8.46 किलोमीटर) -

यह रूट मुख्य रूप से महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir) और उससे जुड़े पर्यटन स्थलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जो सिंहस्थ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

स्टेशन: महाकाल महालोक, जंतर-मंतर, जीवनखेड़ी, त्रिवेणी हिल्स और तपोभूमि।

उज्जैन पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट एक नजर में

बिंदुविवरण
परियोजना लागत1900 करोड़ रुपए
कुल रूट लंबाई25.46 किलोमीटर
कुल स्टेशन13 (दो रूट पर)
प्रौद्योगिकीस्वचालित, चालक-रहित, इलेक्ट्रिक (Personal Rapid Transit)
विशेषतामेट्रो जैसी सुविधा वाला देश का पहला धार्मिक शहर
मुख्य उद्देश्यट्रैफिक जाम से मुक्ति और सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को गति

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