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यूनियन कार्बाइड के 337 टन जहरीले कचरे को निष्पादन के लिए पीथमपुर भेजने का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है। मंगलवार को तीसरे दिन तक कचरे की लोडिंग जारी रही, और देर रात तक पांच कंटेनरों को अपलोड किया जा चुका था। उम्मीद की जा रही है कि बुधवार तक सभी शेष कंटेनरों की लोडिंग पूरी हो जाएगी। इसके बाद, यह जहरीला कचरा 12 कंटेनरों में एक साथ पीथमपुर भेजा जाएगा।
वीआईपी मूवमेंट के तहत कंटेनरों की आवाजाही
कचरा पीथमपुर भेजने के लिए एक विशेष कारकेड तैयार किया जाएगा, जैसे वीआईपी मूवमेंट होता है। जिस रास्ते से ये कंटेनर गुजरेंगे, वहां ट्रैफिक को रोका जाएगा। कंटेनरों के गुजरने का समय ऐसे निर्धारित किया जाएगा, जब हाईवे पर ट्रैफिक कम हो, ताकि कोई असुविधा न हो।
पीथमपुर में कचरा निस्तारण के दो चरण
पीथमपुर में कचरे का निस्तारण ( Waste disposal ) एक बार में नहीं किया जाएगा। एक्शन प्लान के तहत, कचरे का निपटान दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में 37 मीट्रिक टन कचरा इंसीरनेटर में जलाया जाएगा। इस दौरान कचरे के निस्तारण की प्रक्रिया की ट्रायल रन की जाएगी, जिसमें प्रति घंटे 90 से 270 किलो कचरा जलाने का लक्ष्य होगा।
पहले चरण से पहले होगा ये काम
गौरतलब है कि पहले चरण कचरे का निस्तारण करने से पहले 1200 डिग्री सेल्सियस पर फर्नेस के साथ जहरीले कचरे को जलाया जाएगा। पहले 10 किलो कचरा जलाकर जांच किया जाएगा। फिर राख को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। बता दें कि ये जांच केंद्रीय एजेंसी व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नहीं करेगा बल्कि हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त तीसरी एजेंसी इसका परीक्षण करेगी। इसके बाद ही पहले चरण में 37 मीट्रिक टन कचरा इन्सिनरैटर में जलाया जाएगा।
पर्यावरण पर प्रभाव की जांच
कचरे के निस्तारण के दौरान एमपी इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी (रामकी इनवायरो) के अधिकारियों के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर भी मौजूद रहेंगे। कचरे को जलाने के बाद, इंसीरेनेटर और आसपास के क्षेत्रों में पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव की जांच की जाएगी। जांच के बाद ही बचा हुआ कचरा, जिसे सुरक्षित तरीके से निपटाना जरूरी होगा, बाकी 300 मीट्रिक टन कचरे का निपटान किया जाएगा।
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विरोध की बढ़ती लहर
पीथमपुर में कचरे के निस्तारण ( waste disposal ) की प्रक्रिया के बीच विरोध भी बढ़ने लगा है। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कचरा जलाने के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। भारतीय मानवाधिकार परिषद और पीथमपुर बचाओ समिति ने 2 जनवरी को जंतर-मंतर पर धरना देने की योजना बनाई है। इसके अलावा, स्थानीय संगठन 3 जनवरी को पीथमपुर बंद करने का एलान कर रहे हैं।
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सुरक्षा उपाय और पुलिस की तैयारी
कचरे के निष्पादन के लिए रामकी कंपनी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कंपनी के आसपास पुलिस का कड़ा पहरा है, और रास्तों पर बेरिकेडिंग की गई है। पुलिस ने अस्थायी चौकी भी बनाई है और आने वाले दो दिनों के लिए पीथमपुर को छावनी में तब्दील करने की योजना है। इसके अलावा, 25 से ज्यादा होटल और लॉज भी बुक किए गए हैं।
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