गुना साइबर फ्रॉड गैंग : लॉ स्टूडेंट ने बनाई साइबर फ्रॉड गैंग, महिला से लूटे 39 लाख, ऐसे हुआ पर्दाफाश

यूपी की महिला से साइबर ठगी करने वाले 7 आरोपियों को मध्य प्रदेश के गुना से गिरफ्तार कर लिया गया है। ये आरोपी गुना में बैठकर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे थे।

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Deeksha Nandini Mehra
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यूपी की एक महिला से ऑनलाइन कार बिकवाने के बहाने 39.15 लाख रुपए की साइबर ठगी (Cyber ​​fraud) करने वाले 7 आरोपियों को मध्य प्रदेश के गुना से गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी आरोपी गुना में बैठकर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे थे। पुलिस को मिली टिप के आधार पर वाराणसी पुलिस (Varanasi Police) ने गुना पहुंचकर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि गैंग के दो मास्टरमाइंड में से एक लॉ का स्टूडेंट ( Law Student) है।

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मामला कैसे सामने आया

18 दिसंबर 2023 को वाराणसी के अस्सी घाट निवासी संभावना त्रिपाठी ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। संभावना ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें वेबसाइट www.socardata.com के जरिए कार बुकिंग्स का प्रचार करने का लालच दिया। आरोपियों ने कमीशन के बदले, उनकी बैंक डिटेल्स को प्लेटफार्म से लिंक करने को कहा और पहले से मौजूद 10 हजार पॉइंट्स को बढ़ाकर 10757 कर दिया।

पीड़िता संभावना त्रिपाठी के अनुसार, उन्होंने 10 हजार रुपए जमा किए और धीरे-धीरे राशि बढ़कर 39.15 लाख रुपए तक पहुंच गई। जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की, तो रकम निकली ही नहीं।

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पुलिस की कार्रवाई

यूपी पुलिस ने वेबसाइट, टेलीग्राम अकाउंट्स और बैंक खातों की जांच की और गुना में आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की। 21 अगस्त को कमलेश किरार ने ऑनलाइन सामान मंगवाया था, जिस पर यूपी पुलिस ने डिलीवरी बॉय के साथ जाकर उसे गिरफ्तार किया। घर में जांच के दौरान महंगे फोन, कई सिम और एटीएम कार्ड मिले, और बाकी आरोपी भी पकड़े गए।

ठगी की तकनीक

आरोपी ब्रांडेड कंपनियों की वेबसाइट से मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट (Fake website) बनाते थे और बल्क SMS के माध्यम से लोगों को पार्ट टाइम जॉब का झांसा देते थे। जब लोग इनकी स्कीम में फंस जाते, तो उन्हें छोटी-छोटी रकम जमा करवाई जाती और फिर बड़े अमाउंट का लालच दिया जाता। बाद में पैसे निकालने पर रकम मिलती नहीं थी क्योंकि ये पैसे फ्लैश अमाउंट के रूप में दिखाए जाते थे।

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विदेशी आईपी एड्रेस का इस्तेमाल

आरोपी विदेशी आईपी एड्रेस (IP address) का इस्तेमाल करते थे जैसे कि चीन, सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया, और दुबई, ताकि उनकी पहचान छुपी रहे और पुलिस से बचा जा सके।

गैंग के मास्टरमाइंड

पकड़े गए आरोपियों में जितेंद्र अहिरवार और कमलेश किरार मुख्य सरगना हैं। कमलेश पोस्ट ग्रेजुएट है, जबकि जितेंद्र ग्रेजुएट और वर्तमान में कानून की पढ़ाई कर रहा है। बाकी आरोपियों में कोई भी 12वीं कक्षा से ज्यादा नहीं पढ़ा है और वे अकाउंट, पासबुक, एटीएम, चेकबुक की व्यवस्था करते थे।

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ये आरोपी हुए गिरफ्तार 

  • जितेंद्र अहिरवार, निवासी कड़िया, राघोगढ़ (गुना)
  • कमलेश किरार, निवासी भार्गव कॉलोनी (गुना)
  • रामलखन मीना, निवासी आनंदपुर मवैया, राघोगढ़ (गुना)
  • संजय मीना, निवासी आनंदपुर मवैया, राघोगढ़ (गुना)
  • अमोल सिंह मीना, निवासी मोहम्मदपुर, मृगवास (गुना)
  • सोनू शर्मा, निवासी महुखान, कैंट (गुना)
  • निक्की जाट, निवासी जोलन, ईसागढ़ (अशोकनगर)

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