आदिवासी छात्रा पर वार्डन की अभद्र टिप्पणी पर बवाल, ITI कॉलेज में हंगामा

छात्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वार्डन दुर्गेश्वरी नायकर कई दिनों से उसके कपड़ों पर टिप्पणी कर रही थीं। हाल ही में वार्डन ने अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि छात्रा बुर्का पहनकर कॉलेज आए।

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Neel Tiwari
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शासकीय आईटीआई कॉलेज, जबलपुर में एक आदिवासी छात्रा के पहनावे को लेकर विवाद हुआ है। छात्रावास की महिला वार्डन दुर्गेश्वरी नायकर पर आरोप है कि उन्होंने छात्रा को छोटे कपड़े पहनने पर ताना मारा।

वार्डन ने छात्रा से कहा, “ऐसे कपड़े पहनने की क्या जरूरत है, बुर्का पहन कर आया करो।” इसके बाद छात्रा ने छात्र संगठनों से मदद मांगी। NSUI ने कॉलेज परिसर में प्रदर्शन किया। छात्रा जब प्रिंसिपल के पास शिकायत करने गई तो वार्डन ने और भी अपमानजनक टिप्पणियां कीं।

वार्डन ने दिखाई अपनी छोटी मानसिकता

पीड़ित छात्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वार्डन दुर्गेश्वरी नायकर कई दिनों से उसके कपड़ों पर टिप्पणी कर रही थीं। हाल ही में वार्डन ने अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि छात्रा बुर्का पहनकर कॉलेज आए।

जब छात्रा ने इस मामले की शिकायत की, तो प्राचार्य ने कहा, "क्या यह बिना कपड़ों के घूमेगी?" छात्रा का आरोप है कि वार्डन का पति भी हॉस्टल परिसर में रहता है, जिससे छात्राओं को असहजता होती है।

जबलपुर ITI कॉलेज के बवाल को 5 प्वाइंट्स में समझें...

👉 शासकीय आईटीआई कॉलेज, जबलपुर में एक आदिवासी छात्रा के पहनावे को लेकर विवाद पैदा हुआ। छात्रा ने महिला वार्डन दुर्गेश्वरी नायकर पर आरोप लगाया कि उन्होंने छात्रा के कपड़ों पर टिप्पणी करते हुए उसे बुर्का पहनने की सलाह दी। 

👉 वार्डन ने छात्रा से कहा कि उसे छोटे कपड़े पहनने की कोई जरूरत नहीं है और बुर्का पहनकर कॉलेज आने को कहा। इसके बाद छात्रा ने इस मामले की शिकायत प्रिंसिपल से की, पर वार्डन ने और भी अपमानजनक टिप्पणियां कीं।

👉 इस घटना के विरोध में NSUI ने कॉलेज परिसर में प्रदर्शन किया और वार्डन को तुरंत हटाने की मांग की। NSUI के प्रदेश सचिव राहुल यादव ने कहा कि यह आदिवासी छात्रा का आत्मसम्मान अपमानित करने का मामला है।

👉 कॉलेज की नवनियुक्त प्राचार्य ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा और गरिमा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

👉 यह घटना सरकारी संस्थानों में महिलाओं, विशेष रूप से आदिवासी छात्राओं के प्रति संवेदनशीलता की कमी को उजागर करती है। 

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आदिवासी बेटियों का अपमान बर्दाश्त नहीं - NSUI 

घटना के सामने आते ही NSUI ने कॉलेज परिसर में जमकर प्रदर्शन किया। प्रदेश सचिव राहुल यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और वार्डन को तत्काल हटाने की मांग की। राहुल यादव ने कहा, यह सीधे-सीधे एक आदिवासी छात्रा के आत्मसम्मान पर हमला है।

एक सरकारी संस्थान में इस तरह की मानसिकता बिल्कुल अस्वीकार्य है। चाहे हमारे खिलाफ कार्रवाई हो, लेकिन हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक वार्डन को हटाया नहीं जाता।

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जांच के बाद होगी कार्रवाई

कॉलेज की नवनियुक्त प्राचार्य ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वार्डन के पति को परिसर से अलग करने के लिए लिखा गया है और छात्राओं की सुरक्षा व गरिमा से कोई समझौता नहीं होगा। इस मामले में संस्थान की प्राचार्य ने कहा कि मैंने हाल ही में पदभार संभाला है, लेकिन इस मामले को प्राथमिकता पर देख रही हूं। छात्राओं का विश्वास बहाल करना हमारी जिम्मेदारी है।

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छात्रा को लगातार प्रताड़ित कर रही वार्डन

पीड़िता ने मीडिया के सामने आकर भावुक आवाज में कहा कि “मैंने कुछ गलत नहीं किया। कॉलेज में पढ़ने आती हूं, कोई शो में नहीं। लेकिन वार्डन हर बार कपड़ों को लेकर ताने मारती है। अब कह रही हैं बुर्का पहन कर आया करो, क्या यह कोई मदरसा है?” छात्र ने यह भी बताया कि वार्डन के द्वारा उसे लगातार प्रताड़ित कर बॉयफ्रेंड से बात करने के भी झूठे आरोप लगाए जाते हैं। 

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शासकीय संस्थानों में जिंदा है मानसिक पिछड़ापन

इस घटना ने सरकारी संस्थानों में महिलाओं, खासकर आदिवासी छात्राओं के प्रति संवेदनशीलता की कमी को उजागर किया है। यदि एक महिला वार्डन ही छात्राओं के कपड़ों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करती है, तो छात्राओं की गरिमा और आत्मसम्मान की रक्षा कैसे हो सकती है? इस तरह की घटनाएं संस्थानों में महिलाओं के अधिकारों की अवहेलना को दर्शाती हैं।

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