संजय गुप्ता @INDORE. नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) की विधानसभा ( Assembly ) इंदौर एक में महू की विधायक उषा ठाकुर ( Usha Thakur ) ने उन्हीं के विभाग के अधीन आने वाले नगर निगम की कार्रवाई रुकवाने के लिए जमकर हमला बोला। मामला एरोड्रपर मारवड़ी अग्रवाल नगर का है, जहां सुबह-सुबह निगम की रिमूवल टीम जेसीबी, पोकलेन के साथ मकान तोड़ने पहुंची थी। मौके पर ठाकुर भी पहुंच गई और अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई और धमकियां दी।
यह बोली ठाकुर- बुलाओ कहां है निगमायुक्त, अभी दो दिन पहले आए हैं
ठाकुर को सुबह रहवासियों ने रिमूवल की सूचना दी, वह तत्काल मौके पर पहुंच गई। उन्होंने आते ही रहवासियों से कहा कि जेसीबी की चाबियां निकाल लो। फिर पुलिस अधिकारियों से कहा कार्रवाई तत्काल रुकवाओ, यहां खड़े मत रहो, जाओ और जाकर रुकवाओ।
* उधर रहवासी इसी बीच बोले आग लगा दो जेसीबी में। आंदोलित हुए, इसी दौरान ठाकुर ने कहा कि रूकवाओ यह सब
* निगम के अधिकारियों से ठाकुर ने कहा निगमायुक्त को यहां बुलवाईए, जब रजिस्ट्री सब कागज है तो फिर कार्रवाई क्यों? अभी दो दिन पहले तो आए हैं निगमायुक्त
* निगम के अधिकारी देवकीनंदन से बोली ठाकुर, क्यों देवकी क्या हो रहा है यह सब, उन्होंने कहा मैं तो जा रहा हूं, इस पर ठाकुर ने कहा जाओ मत इन मशीनों को भी यहां से ले जाओ।
* रहवासियों ने आरोप लगाए कि एमआईसी मेंबर अश्विनी शुक्ला यह सब करवा रहे हैं।
निगम पहले ही कॉलोनी को वैध करने प्रक्रिया की सूचना जारी कर चुका है
रहवासियों का कहना है कि पहले यह छोटा बांगड़दा पंचायत क्षेत्र में थी और पंचायत से मंजूरी लेकर ही कॉलोनी कटी है। नगर निगम द्वारा यहां संपत्ति कर व अन्य कर लिए जा रहे हैं और रसीद भी है। वहीं जुलाई 2023 में निगम इसे अवैध से वैध करने की सूची में शामिल कर सूचना जारी कर चुकी है। फिर कार्रवाई की जरूरत ही नहीं है। रहवासी भी आवेदन दे चुके हैं।
नोटिस 18 को लगाए लेकिन 16 तारीख के थे
रहवासियों के आरोप है कि यह नोटिस 18 मार्च को लगाए गए हैं, लेकिन इन पर तारीख 16 मार्च लिखी गई है, जिस दिन आचार संहिता लगी थी। इसमें तीन दिन में कार्रवाई की बात कही गई थी। रहवासियों का कहना है कि यहां 70 से ज्यादा मकान बने हैं और कॉलोनी 30 साल पुरानी है।
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ठाकुर क्यों आईं इस विधानसभा में ?
ठाकुर मूल रूप से इंदौर विधासनभा एक ही रहवासी है। वह साल 2003 में यहां से विधायक रह चुकी है। उन्हीं के समय पर इस कॉलोनी में बिजली के खंबे व अन्य सुविधाएं शुरू हुई थी। वहीं कहा यह भी जाता है कि ठाकुर के ही एक परिचित द्वारा यह कॉलोनी काटी गई थी। इसके चलते भी वह इस कार्रवाई को रूकवाने के लिए पहुंची थी।
कैलाश और उषा की नहीं बैठती है पटरी
कैलाश विजयवर्गीय और उषा ठाकुर की राजनीतिक पटरी मेंल नहीं खाती है। दरअसल साल 2013 में ठाकुर इंदौर विधानसभा 3 से विधायक बनी, वह साल 2018 में भी यहीं से टिकट चाहती थी लेकिन कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश को यहां से टिकट मिला और उन्हें पार्टी ने महू भेज दिया। इसके चलते उन्होंने खुलकर आरोप लगाए थे कि पुत्र के चलते उन्हें महू में भिजवाया गया। हालांकि वह महू से 2018 में जीती और मंत्री बनी, फिर 2023 में भी रिकार्ड मत से जीती, हालांकि इस बार मंत्री नहीं बनाया गया।
कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष ने की ठाकुर पर रासुका लगाने की मांग
उधर इस पूरे विवाद में कांग्रेस से नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने निगम के समर्थन में उतरते हुए ठाकुर पर रासुका लगाने की मांग कर डाली। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई करने गई निगम की टीम को वापस लौटना पड़ा है उससे स्पष्ट हो गया है कि अवैध काम करने वालों ने राजनीतिक दबाव में नगर निगम के हाथ पैर बांध दिए हैं । हाल ही में राज्य सरकार के द्वारा यह घोषणा की गई थी कि अवैध कालोनी काटने वाले कॉलोनाइजर को रासुका में निरुद्ध किया जाएगा । अवैध कॉलोनी को बचाने के लिए मैदान पकड़ने वाली पूर्व मंत्री और विधायक उषा ठाकुर को रासुका में विरुद्ध किया जाना चाहिए । इस अवैध कॉलोनी को काटने वाले कॉलोनाइजर पर भी रासुका की कार्रवाई सबसे पहले की जाना चाहिए । नगर निगम की टीम जिस तरह से मौके से वापस लौटी है वह बेहद शर्मनाक है । इस घटना की जिम्मेदारी इंदौर के जिम्मेदार महापौर पुष्यमित्र भार्गव को लेना चाहिए