संजय शर्मा, BHOPAL. वल्लभ भवन अग्निकांड यानी मंत्रालय में आग लगने की घटना के चौथे दिन जांच कमेटी ने सामान्य प्रशासन विभाग ( GAD ) को अपनी शॉर्ट रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में एसीएस की अध्यक्षता वाली समिति ने हादसे के लिया प्राथमिक रूप से वल्लभ भवन की फायर टेंडर व्यवस्था को जिम्मेदार पाया है। वहीं रिपोर्ट में आग लगने का कारण इलेक्ट्रिक वायरिंग में शॉर्ट सर्किट होना बताया गया है। हालांकि यह रिपोर्ट प्रारंभिक है और कई अहम सवालों का जवाब आना अभी बाकी है। जिसके लिए फाइनल रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। शासन ने फाइनल रिपोर्ट पेश करने के लिए समिति को 15 दिन का समय दिया है, जो 24 मार्च को पूरा होगा। उधर, अग्निकांड के नुकसान का आकलन किया जा रहा है जिससे की वहां फिर से कार्यालय शुरू कराए जा सकें।
शॉर्ट रिपोर्ट में फायर टेंडर सिस्टम को बताया फेल
शनिवार 9 मार्च की सुबह हुए मंत्रालय अग्निकांड की जांच कर रही समिति ने मुख्य बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी है। समिति की रिपोर्ट से भी साफ हो गया है कि मंत्रालय की सुरक्षा में कितनी बड़ी लापरवाही बरती जा रही थी। GAD ( सामान्य प्रशासन विभाग ) के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी को सौंपी गई रिपोर्ट में समिति ने स्पष्ट तौर पर मंत्रालय में PWD के अधीन काम करने वाले फायर टेंडर सिस्टम को फेल बताया है। यह भी उल्लेख किया है की आग लगने के बाद फायर फाइटर दस्ता तो मंत्रालय पहुंच गया था, लेकिन उनके काम करने का तरीका चुस्त नहीं था। इस वजह से काबू पाने में देरी हुई और आग फैलती गई।
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विस्तृत रिपोर्ट 24 मार्च को आएगी
शॉर्ट जांच रिपोर्ट में वल्लभ भवन की मुख्य बिल्डिंग में आग भड़कने की वजह लूज हो चुकी इलेक्ट्रिक वायरिंग में शॉर्ट सर्किट होने दर्ज किया गया है। यह दूसरी बड़ी चूक है जिसका उल्लेख करते हुए समिति ने रेगुलर मेंटेनेंस की अनदेखी के रूप में किया है और इसके लिए PWD के अफसरों पर जिम्मेदारी तय की है। यानी की मंत्रालय की सुरक्षा में कदम -कदम पर चूक होने की पुष्टि एसीएस, पीएस और एडीजी लेवल के अधिकारियों की रिपोर्ट में हो गई है। हालांकि, अभी भी बिल्डिंग में आग लगने से इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरणों और दस्तावेजों को कितनी क्षति हुई है। यह सामने नहीं आया है। इसके लिए भी अधिकारी पड़ताल में जुटे हुए हैं और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स द्वारा जुटाए गए सैंपलों की रिपोर्ट आने के बाद ही इसका खुलासा होने का अनुमान है। जिसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार कर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय की जा सकेगी। इसके लिए तय समय सीमा 24 मार्च को पूरी होगी।
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