संजय शर्मा, BHOPAL. मंत्रालय में शनिवार, 9 मार्च को सुबह लगी आग और उससे हुए नुकसान की जांच के लिए सरकार ने सात सदस्यीय कमेटी बना दी है। प्रदेश के साथ सीनियर अफसरों की यह कमेटी वल्लभ भवन अग्निकांड की जांच 5 बिंदुओं पर करेगी। घटना की शार्ट रिपोर्ट 3 दिन और विस्तृत जांच प्रतिवेदन 15 दिन में सौंपने के आदेश भी कमेटी को दिए गए हैं। पूर्व में हुई घटनाओं का अब तक खुलासा ना होने इस कमेटी की रिपोर्ट के उजागर होने पर भी शंका है ! वहीं कांग्रेस पूर्व की तरह इस अग्नि दुर्घटना को भी सरकार की साजिश बताकर हमलावर बनी हुई है।
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अधिकारियों की सफाई नहीं जले जरूरी दस्तावेज, कहीं सच तो नहीं डाल रहे पर्दा !
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8 साल में 6 बार लगी मंत्रालय में आग, एक मामले में भी उजागर नहीं हुआ घटना का सच
जांच कमेटी
एसीएस की अध्यक्षता में होगी जांच
वल्लभ भवन में आग की घटना की जांच के लिए सरकार ने एसीएस मोहम्मद सुलेमान की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। शाम को इसके आदेश जारी हुए। समिति में एसीएस मोहम्मद सुलेमान के साथ गृह विभाग के पीएस संजय दुबे, पीएस नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई, पीएस पीडब्लूडी डीपी आहूजा, एडीजी फायर सेफ्टी आशुतोष राय, भोपाल कमिश्नर पवन शर्मा और पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र शामिल हैं।
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इन बिंदुओं पर तैयार होगी जांच रिपोर्ट
अग्निकांड की जांच के लिए गठित समिति 5 बिंदुओं पर अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी। इसमें आग लगने का कारण, उससे हुए नुकसान का आकलन, घटना के जिम्मेदार अधिकारी पर दायित्व का निर्धारण, घटना में आग की चपेट में आने से मंत्रालय के भवन को कितनी क्षति हुई है, इसका ब्यौरा होगा। वहीं भविष्य में ऐसी घटना दोबारा ना हो, इसके लिए भी समिति अपने सुझाव जांच रिपोर्ट में लिखेगी। समिति प्राथमिक जांच प्रतिवेदन तीन दिन में सरकार को सौंपेंगी, जबकि 15 दिन में घटना की विस्तृत जांच रिपोर्ट देगी।
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दस्तावेज नहीं जले तो फिर क्या था इन फाइलों में ?
आग की घटना के बाद कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर मंत्रालय के अधिकारी बचाव की मुद्रा में नजर आए। मंत्रालय के 5वे और 6वे फ्लोर पर दो राज्यमंत्रियों के कक्ष हैं। वहीं अन्य विभागों के कमरे हैं। जिनमें विभाग के जरूरी दस्तावेज रखे हैं। शनिवार को इन दोनों फ्लोर पर आग लगी थी और वे पूरी तरह लपटों में घिर गए थे। इन दोनों फ्लोर पर महत्वपूर्ण दस्तावेजों को नुकसान होने से अधिकारी इनकार कर रहे हैं, लेकिन आग बुझाने की कोशिश के दौरान सामने आए एक वीडियो ने सच उजागर कर दिया है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है जिस कमरे में फायर फाइटर आग बुझा रहे हैं। वहां फाइलों का ढेर लगा हुआ है। अकेले इसी कमरे में कई सैकड़ों फाइल राख में बदली दिख रही हैं। फिर दो फ्लोर पर स्थिति क्या हुई होगी समझा जा सकता है। भीषण अग्निकांड के बाद भी अधिकारियों का दस्तावेजों के जलने की बात को टालना सवाल खड़े कर रहा है।
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प्रदेश के सबसे बड़े प्रशासनिक ऑफिस में क्यों बंद थे कैमरे ?
वल्लभ भवन कड़ी सुरक्षा में रहने वाली प्रदेश की शासन- प्रशासनिक व्यवस्था की धुरी है। शनिवार को घटना के बाद सामने आया है कि जिस फ्लोर पर आग लगी, वहां पर सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हुए थे। यदि कैमरे चालू होते तो यह पता लगना आसान हो जाता की आग कब और कैसे लगी ? मंत्रालय के पुराने भवन में लगे सीसीटीवी कैमरे कितने दिन से बंद हैं और यहां तैनात रहने वाले भारी भरकम सुरक्षा दस्ते और अधिकारियों को इसकी खबर क्यों नहीं लगी या फिर उनके द्वारा इसकी अनदेखी की गई, यह भी घटना पर सवाल खड़े कर रहा है।
लपटों से मची अफरा-तफरी, कर्मचारियों की तबियत बिगड़ी
शनिवार सुबह 9.30 बजे दूसरे और तीसरे फ्लोर पर काम करने पहुंचे कर्मचारियों ने आग को सबसे पहले देखा था। उन्होंने मंत्रालय के सुरक्षा अमले को खबर दी। जिसके बाद सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। जब तक फायर ब्रिगेड और पुलिस ने मोर्चा संभाला तब तक आग पूरी तरह भभककर पांचवे और छठवे फ्लोर पर फैल चुकी थी। आग की लपटों के बीच से उठ रहे धुएं के गुबार में कुछ कर्मचारी फंस गए, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान धुएं के कारण दो कर्मचारियों की तबियत बिगड़ गई, जिन्हें एम्बुलेंस से हॉस्पिटल भेजना पड़ा।