नील तिवारी, JABALPUR. जबलपुर में अन्नदूत योजना के तहत गरीबों का राशन परिवहन करने वाले ट्रक से राशन चोरी करते हुए वीडियो वायरल (Video of ration theft goes viral) हुआ है। वीडिओ देखा जा सकता है कि अन्नदूत ही गरीबों के हक पर डाका डालते हुए नजर आ रहे हैं। अब मामले में गंभीरता जताते हुए जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ( Collector Deepak Kumar Saxena ) ने जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
जबलपुर में राशन चोरी का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि गरीबों के लिए राशन ले जा रहे ट्रक को सड़क पर खड़े करके राशन की कुछ बोरियाँ रास्ते में ही चोरी हो जाती हैं। वीडिओ में नजर आ रहा है कि राशन के ट्रक से दो युवक स्कूटर पर बोरियाँ लाद कर सरेराह राशन की चोरी कर रहे हैं। वीडिओ सामने आने के बाद इस ट्रक की पहचान कर ली कर गई है और कार्रवाई और जांच की जा रही है। लेकिन इस तरह राशन की चोरी को पकड़ने के लिए वीडिओ आने का ही इंतज़ार क्यों किया जाता है? जब राशन वितरण प्रणाली (ration distribution system) पूरी तरह से ऑनलाइन और हाईटेक बना दी गई है तो बीच रास्ते में चोरी गया राशन हिसाब के दौरान ही क्यों नहीं पकड़ा जा सकता। लेकिन गोदाम से दुकान तक पहुंचने के पहले ही राशन चोरी हो जाता है और यह चोरी भी उस वाहन से की जा रही जो बेरोजगारों को रोजगार दिलाने शासन ने ही ऋण देकर फाइनेन्स कराए हैं।
यह खबर भी पढ़ें...
नगर निगम बिल घोटाले में पहली बड़ी कार्रवाई, चहेता इंजीनियर हुआ सस्पेंड
इंदौर में Congress किसी को समर्थन नहीं देगी, नोटा पर वोट देने की अपील
क्या है अन्नदूत योजना
बता दे कि मध्यप्रदेश में उचित मूल्य दुकानों तक परिवहन में ठेकेदारी व्यवस्था को समाप्त कर बेरोजगार युवकों को मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत ऋण स्वीकृत कराकर वाहन प्रदान किए गए हैं, इस योजना का नाम युवा अन्नदूत योजना (Annadoot Scheme) है। राशन वितरण प्रणाली में गोदाम से राशन का लॉट ट्रकों के जरिए उचित मूल्य कि दुकान या कहें राशन दुकान तक पहुंचाया जाता है।
ये खबर भी पढ़ें...
48 घंटे में इमरती देवी का दूसरा ऑडियो ...? चाची आदेश करें , तब कांग्रेस में आना...
आखिर कैसे काम करता है राशन माफिया
गरीबों के राशन की चोरी सिर्फ सड़क पर नहीं होती बल्कि राशन दुकानों में भी कुछ लुटेरे इस राशन पर नज़र गड़ाए बैठे रहते हैं। पीडीएस वितरण प्रणाली में राशन वितरण के लिए हितग्राहियों के मोबाईल नंबर पर मैसेज से सूचना भी आती है और पीडीएस मशीन में उनके अंगूठे का निशान भी लिया जाता है। इस सब के बावजूद राशन दुकान संचालक कम पढ़े लिखे हितग्राहियों को अपना निशाना बनाते हैं। इनका पूरा राशन निकाल कर इन्हे माल कम होने का बहाना बनाकर कहीं कम राशन दे दिया जाता है तो कहीं चावल के बदले गेंहू। चावल के बदले गेहूं देने के पीछे का कारण यह है की राशन के गेहूं की कीमत भले बाजार में कम हो पर चावल को किराना दुकानदार अच्छे दाम में खरीदते हैं, क्योंकि वह इसे बाद में चावल के आटे के रूप में बेचते हैं। इस चोरी किए गए राशन के बदले राशन दुकान को जेब से मात्र 1 रु प्रति किलो शासन को देना होता है जबकि बाजार में यह 15 से 20 रुपए किलो बिकता है।
अन्नदूत योजना में मिले ट्रक से ही हो रही चोरी
जांच में सामने आया कि यह ट्रक जिसका नंबर MP20 ZH8291 है वह बेरोजगार युवकों को रोजगार देने शुरू की गई अन्नदूत योजना के अंतर्गत मिला है। आखिरकार योजना के हितग्राही ने ही बाकी हितग्राहियों का हक मारते हुए इस तरह की हरकत की है।
जबलपुर कलेक्टर (Jabalpur Collector) दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि इस ट्रक की पहचान कर ली गई और कार्रवाई की जा रही है, वहीं इस तरह के मामलों की शिकायत के लिए विभाग की हेल्पलाइन के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि 181 यानि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में इसकी शिकायत की जा सकती है। अब 181 हेल्पलाइन कि स्थिति तो किसी से छुपी नहीं है ऐसे में गरीबों के राशन को बचाने खाद्य अधिकारीयों के नंबर जारी किए जाने सहित नोडल अधिकारी नियुक्त करने कि आवश्यकता है।