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मध्य प्रदेश के विदिशा जिला पंचायत कार्यालय में नियमों की अवहेलना का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इसमें जिला पंचायत कार्यालय में एसीईओ पंकज जैन नाम के एक अधिकारी की पीठ, गर्दन और कंधों की मालिश की जा रही है और यह सब कुछ उनके दफ्तर के अंदर हो रहा है। इस वायरल वीडियो को लेकर लोगों के बीच अधिकारी की जमकर फजीहत भी हो रही है।
वीडियो में क्या है?
वायरल वीडियो में, अधिकारी पंकज जैन अपनी कुर्सी पर बैठे हुए हैं, जबकि एक बाहरी व्यक्ति उनकी पीठ, गर्दन और कंधों की मालिश कर रहा है। यह दृश्य न केवल अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह यह भी बताता है कि कैसे सार्वजनिक कार्यालयों का निजी सुख-सुविधाओं के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है।
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— TheSootr (@TheSootr) August 21, 2025
अधिकारी का हो चुका है तबादला
यह मामला और भी गंभीर हो जाता है जब यह पता चलता है कि कुछ महीने पहले ही इन सरकारी अधिकारी का तबादला हो चुका है, लेकिन इसके बाद भी वह अपनी कुर्सी पर जमे हुए हैं। सरकारी सेवा नियमों के अनुसार, किसी भी कर्मचारी को अपना कार्यालय छोड़ने के बाद नए स्थान पर पदस्थापित किया जाता है, लेकिन यहां स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि तबादला होने के बाद भी अधिकारी अपनी पुरानी कुर्सी पर बने हुए हैं। यह स्थिति सरकारी विभागों में जवाबदेही और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या यह दर्शाता है कि सरकारी संस्थाएं अपने नियमों का पालन नहीं कर रही हैं?
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एसीईओ पंकज जैन ने दी सफाई
इस मामले में एसीईओ पंकज जैन ने सफाई देते हुए कहा कि उनका कंधा जाम हो गया था और दर्द की वजह से उन्होंने विभाग के ही फिजियोथैरेपिस्ट वीर बहादुर सिंह यादव की मदद ली थी। फिजियोथैरेपिस्ट का कहना है कि यह अवकाश का दिन था और वे सिर्फ जैन की चेकिंग कर रहे थे। लेकिन जैन से जुड़ा विवाद सिर्फ इस वीडियो तक ही सीमित नहीं है। दरअसल, उनका ट्रांसफर 6 जून 2025 को डिंडोरी के लिए हो चुका था, लेकिन ढाई महीने बीतने के बावजूद वह अब तक रिलीव नहीं हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, जैन रिलीव होने से बचने और ट्रांसफर को रुकवाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। उनके कार्यकाल के दौरान कथित भ्रष्टाचार की शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुकी हैं। पंकज जैन दो साल तक कुरवाई जनपद पंचायत के सीईओ रहे थे और प्रमोशन के बाद जिला पंचायत में एसीईओ बने थे। इसके बाद, पूर्व सीईओ डॉ. योगेश भरसट के तबादले के बाद उन्होंने करीब छह महीने तक जिला पंचायत सीईओ का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। इस दौरान उनके कई कार्यों पर अनियमितता के आरोप भी लगे थे।
सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन
भारत में सरकारी सेवा नियमों के तहत, कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी अपने कार्यालय परिसर का इस्तेमाल निजी कामों के लिए नहीं कर सकता। ये नियम सरकारी दफ्तरों में अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं। इस मामले में, अधिकारी ने न केवल इन नियमों का उल्लंघन किया है, बल्कि अपने पद का दुरुपयोग भी किया है। इस प्रकार के कार्यों से सरकारी दफ्तरों की छवि धूमिल होती है और यह एक नकारात्मक संदेश भी भेजता है।
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विदिशा न्यूज