/sootr/media/media_files/2025/02/11/fUT57uJ2nYGb9J8Ue4Gb.jpg)
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया को अब ऑल इंडिया आदिवासी कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। विक्रांत जो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे हैं, अब शिवाजीराव मोघे की जगह यह जिम्मेदारी संभालेंगे। इस नियुक्ति से कांग्रेस पार्टी में आदिवासी समुदाय के बीच एक नई उम्मीद जगी है, क्योंकि भूरिया का आदिवासी वर्ग में मजबूत प्रभाव रहा है।
ये खबर भी पढ़िए...जब अचानक पीएम श्री स्कूल पहुंचे विधायक विक्रांत भूरिया, हाल देखकर जड़ दिया ताला
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में थे विक्रांत भूरिया
डॉ. विक्रांत भूरिया ने पिछले साल अप्रैल में मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे के बाद मितेन्द्र दर्शन सिंह यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद, विक्रांत भूरिया युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की रेस में थे। हालांकि, सितंबर में जम्मू-कश्मीर के रहने वाले उदय भानु चिब को राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। फिर भी, भूरिया की आदिवासी समुदाय में गहरी पैठ और मजबूत नेतृत्व की क्षमता को देखते हुए उन्हें इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है।
ये खबर भी पढ़िए...शिक्षक भर्ती घोटाले की CBI जांच से इनकार , जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया पर FIR
कांग्रेस का आदिवासी वर्ग में पैठ बढ़ाने की रणनीति
मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की संख्या लगभग 22 प्रतिशत है। राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इनमें से 24 सीटों पर बीजेपी और 22 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। आदिवासी समुदाय को कांग्रेस का परंपरागत वोटर माना जाता है, और पार्टी ने हमेशा इस समुदाय के लिए अपनी नीतियों और कार्यों में विशेष ध्यान दिया है। कांग्रेस अब आदिवासी वर्ग को वापस अपने पक्ष में लाने के लिए युवा नेताओं को आगे बढ़ा रही है, और विक्रांत भूरिया की नियुक्ति इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ये खबर भी पढ़िए...Jeetu Patwari और विक्रांत भूरिया पर FIR, जानें क्या है मामला
आदिवासी नेताओं का कांग्रेस में बढ़ा कद
कांग्रेस पार्टी में आदिवासी वर्ग के नेताओं का कद लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे पहले, डिंडोरी से विधायक और पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम को कांग्रेस की केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीईसी) का सदस्य बनाया गया था। इसके अलावा, उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया था। अब विक्रांत भूरिया को आदिवासी कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने से यह साफ संकेत मिलता है कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी समुदाय के नेताओं को आगे बढ़ाने की नीति पर काम कर रही है।
आदिवासी कांग्रेस को मिलेगी नई दिशा
विक्रांत भूरिया की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति से आदिवासी कांग्रेस को नई दिशा मिल सकती है। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी आदिवासी समुदाय से जुड़ी समस्याओं को और अधिक प्रभावी तरीके से उठाने और हल करने में सक्षम होगी। आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद, भूरिया अब पार्टी के आदिवासी वर्ग के मुद्दों पर और अधिक ध्यान देंगे, जिससे पार्टी का आधार मजबूत हो सकता है।
आदिवासी वर्ग के लिए कांग्रेस की योजनाएं
कांग्रेस पार्टी आदिवासी वर्ग के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम चलाती है। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाएं शामिल हैं। विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में, आदिवासी कांग्रेस इन योजनाओं को और अधिक सशक्त रूप से लागू करने पर जोर दे सकती है। इसके साथ ही, वे पार्टी को आदिवासी वर्ग के मुद्दों पर एकजुट करने का काम करेंगे, जो आने वाले चुनावों में कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
FAQ