इंदौर सांसद टिकट पर लालवानी का क्या होगा? पहली सूची में इंदौर होल्ड, फिर नजरें महिला और युवा दावेदारों पर

मध्यप्रदेश के इंदौर से सांसद लालवानी पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के गुट में शामिल रहे हैं। इंदौर में कोविड काल में चर्चा में रहे लालवानी, भाई यानि कैलाश विजवर्गीय गुट की नजरों में भी आ गए थे ऐसे में उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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Jitendra Shrivastava
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संजय गुप्ता, INDORE. मप्र के लोकसभा उम्मदीवारों की पहली सूची में बीजेपी ने मौजूदा इंदौर सांसद शंकर लालवानी का टिकट होल्ड कर दिया है। इसके बाद अब यहां बदलाव की आहट सुनाई देने लगी है। बीजेपी के पास 35 साल से यह सीट है और यह मजबूत किला है। ऐसे में इस सीट पर बीजेपी प्रयोग के मन में लग रही है, यदि ऐसा हुआ तो संभावना है कि यह महिला के खाते में जाएगी। ऐसे में फिर डॉ. दिव्या गुप्ता, कविता पाटीदार जैसे चेहरे सामने आ सकते हैं। या फिर किसी युवा या अन्य समीकरण को देखते हुए पार्टी किसे टिकट देना चाहती है यह अभी भविष्य में ही पता चलेगा। 

इंदौर सांसद की दौड़ में फिर उभरे ये नाम

बात रायशुमारी की करें तो पर्चियों में जो नाम लिखे गए थे इसमें मुख्य तौर पर शंकर लालवानी के साथ कैलाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला, पुष्यमित्र भार्गव, जीतू जिराती, निशांत खरे, गौरव रणदिवे जैसे नाम प्रमुखता से थे। 

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शिवराज गुट में शामिल होना भारी तो नहीं पड़ रहा

बीते पांच साल के काम को देखे तो यदि लालवानी का टिकट कटता है तो इसकी प्रमुख वजह तो यही होगी कि बीजेपी को यहां प्रयोग करना है और नए को लाना हो। वहीं राजनीति की बात करें तो मप्र में जिस तरह से अब राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है, ऐसे में यह भी एक अंदरखाने की वजह बन सकती है, क्योंकि लालवानी हमेशा से ही पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के गुट में शामिल रहे हैं। एक समय तो ताई गुट के दरकिनार होने के बाद इंदौर में लालवानी गुट की भी चर्चा होने लगी थी खासकर कोविड काल में, इंदौर में उन्हीं की सुनी जा रही थी। ऐसे में वह भाई यानि कैलाश विजवर्गीय गुट की नजरों में भी आ गए थे। ऐसे में चौहान गुट में जुड़ने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

35 साल से बीजेपी के पास सीट

इंदौर लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत किला है। 1989 में सुमित्रा महाजन ने पहली बार चुनाव जीता था, इसके बाद वह 2014 तक लगातार 8 बार चुनाव जीती। और स्पीकर भी बनी। इसके बाद पार्टी ने 2019 में शंकर लालवानी को टिकट दिया और वह रिकार्ड 5.47 लाख वोट से जीते। यह सीट 35 साल से बीजेपी के ही पास है।

इंदौर सांसद लालवानी