इंदौर में जिला प्रशासन व नगर निगम की ट्रैफिक सुधार को लेकर चल रही मुहिम पर व्यापारियों की आई शिकायतों पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव अधिकारियों पर बुरी तरह भड़के। फोन पर ही अधिकारियों को फटकार लगा दी और यह लताड़ लगाने वाला वीडियो भी वायरल हो गया।
इसमें वह बोलते दिख रहे हैं कि हमारे ही बाजार दिखते हैं, खजराना, बांबे बाजार, चंदननगर जाओ ना कार्रवाई के लिए, पहले वहां करो। महापौर ने क्यों यह बोला? हालांकि महापौर के इस बयान को लेकर इन क्षेत्रों में आलोचना भी हो रही है कि आखिर वह महापौर तो पूरे शहर के हैं ना कि केवल बीजेपी वार्ड के।
इसकी वजह 85 में से यह 9 वार्ड
इंदौर नगरीय सीमा में 85 वार्ड है, साल 2022 में हुए निगम चुनाव के दौरान इसमें से 64 वार्ड बीजेपी ने जीते, दो निर्दलीय के खाते में गए और 19 पार्षद कांग्रेस ने जीते थे। लेकिन इसमें से सबसे ज्यादा चुनौती बीजेपी के लिए अभी नहीं बल्कि हमेशा से ही रही है, जहां बीजेपी को हार ही मिलती है वह है दस वार्ड, जो इन्हीं खजराना, बॉम्बे बाजार, चंदन नगर, आजाद नगर क्षेत्रों में है।
महापौर भड़के, बोले- हमारे बाजार दिखते हैं, खजराना, बांबे बाजार जाएं
9 वार्ड में बीजेपी के यह रहे हाल
यह नौ वार्ड मुस्लिम वोट बाहुल्य है। इसमें से सात कांग्रेस ने जीते तो दो निर्दलीय ने और यह सभी मुस्लिम पार्षद है।
कांग्रेस के यह पार्षद जीते
वार्ड 8 से रुखसाना दस्तक, वार्ड 39 से रुबीना खान, वार्ड 53 से फौजिया शेख, वार्ड 58 से अनवर कादरी, वार्ड 60 से सुनहरा अंसारी, वार्ड 68 से अयाज बेग और वार्ड 73 से शाहीन सादिक खान चुनाव में विजयी हुए।
निर्दलीय यह जीते
- वार्ड दो से फातमान खान जीतीं जो निर्दलीय थीं।
- वार्ड 38 से निर्दलीय तौर पर जमीला पटेल जीतीं।
बीजेपी कई जगह तो निर्दलीय से नीचे रही
इन वार्ड में बीजेपी का हालत यह है कि लगातार हार रही है। साथ ही चुनावी नतीजे में कई वार्ड में तो बीजेपी निर्दलीय व अन्य दलों के भी नीचे रही, जैसे वार्ड 39 और 53 में बीजेपी चौथे नंबर पर रही। इसी तरह अन्य जगह भी हालत खराब रही, कई जगह पर बीजेपी पांच-पांच हजार वोट से हारी।
काउंटिंग में यहां गड्ढा ही मानकर चलती है बीजेपी
बॉम्बे बाजार विधानसभा के नजरिए से विधानसभा चार में है तो आजाद नगर, खजराना जैसा क्षेत्र विधानसभा पांच का हिस्सा है। वहीं चंदन नगर विधानसभा एक का हिस्सा है। किसी भी चुनाव चाहे लोकसभा हो, विधानसभा या निगम यहां पर बीजेपी वोट में गड्ढा ही मानकर चलती है।
इंदौर विधानसभा पांच में महेंद्र हार्डिया की तो सांसे आजाद नगर, खजराना में थमी रहती हैं। वह विधानसभा चुनाव 2018 में यहां हुई अधिक वोटिंग से हारते हुए बचे थे। विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजों के बाद महेंद्र हार्डिया एक आयोजन में बोले थे कि इन क्षेत्रों से 75 हजार वोट डले और मुझे 600 से भी कम वोट मिले हें।
बीजेपी नहीं लेती यहां लोड
इन राजनीतिक वजहों से बीजेपी इन क्षेत्रों में वोट के लिहाज से अधिक लोड नहीं लेती है। क्योंकि उन्हें किसी भी तरह से राजनीतिक लाभ नहीं है। इसके पहले अतिक्रमण, कब्जे हटाने की कार्रवाई जब महापौर ने बडे स्तर पर कराई तो बॉम्बे बाजार जैसे क्षेत्रों में बड़ी मुहिम हुई और काफी अतिक्रमण हटाए गए थे। हालांकि महापौर के इस बयान को लेकर इन क्षेत्रों में आलोचना भी हो रही है कि आखिर वह महापौर तो पूरे शहर के हैं ना कि केवल बीजेपी वार्ड के।
यह बोले थे महापौर
महापौर भार्गव का अधिकारियों पर नाराज होते हुए वीडियो सामने आया है। इसमें उन्होंने कहा कि दिवाली के दौरान व्यापारियों को सामान मत उठाओ, टू व्हीलर, फोर व्हीलकर खड़े हैं तो उन्हें पार्किंग में खड़े करवाओ, ट्रैफिक पुलिस उनके चालान बनाए। कार्रवाई के लिए खजराना, बांबे बाजार, चंदननगर जाओ ना आपको सिर्फ हमारे बाजार दिखते हैं, कब करोगे वो…
पहले वो करो, फिर करना यहां पर… रहने दो बंद करो यह सब, खजराना की रोड करो पहले… कोई हमारे आदेश का पालन नहीं हो रहा है. व्यापारियों को परेशाम मत करो। मैं बयान जारी करता हूं। सब अपनी मर्जी से करते हो, कहीं भी चले जाते हो, हमे बताओ ना, हम बात करेंगे अपने व्यापारियों से। अभियान चलाने का बोलना है तो यह मतलब नहीं कि कभी चले जाओ, सुबह 11 बजे दुकान पर पहुंच जाओ। समझाइश दो लेकिन व्यापारियों का सामान मत उठाओ। दिवाली पर ही तो व्यापारी डेकोरेशन करेगा।
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