जगदीश अरोरा की सोम डिस्टलरी पर कार्रवाई क्यों नहीं? क्या हादसे के इंतजार में है सरकार...

हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाकों से 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 217 से ज्यादा लोग घायल हैं। फैक्ट्री के संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। सरकार ने कार्रवाई बताने के लिए हरदा कलेक्टर और एसपी को भी हटा दिया। हो गई इतिश्री...।

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Pratibha Rana
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जगदीश अरोरा

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हरदा जैसी प्रदेश में और अवैध फैक्ट्रियां: सरकार ने 2021 में दिया था जांच का आश्वासन, अब तक कुछ नहीं हुआ 

BHOPAL. हरदा ( Harda ) में पटाखा फैक्ट्री ( Harda  firecracker factory accident  )में हुए धमाकों ने 12 लोगों की जान ले ली। 217 से ज्यादा लोग घायल हैं। फैक्ट्री के संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। सरकार ने कार्रवाई बताने के लिए हरदा कलेक्टर और एसपी को भी हटा दिया। हो गई इतिश्री...। 

हर हादसे के बाद अमूमन सरकारी स्तर पर ऐसी ही कार्रवाई होती है। ताबड़तोड़ जांच दल गठित होते हैं। महीनों तक कछुआ गति से जांच चलती रहती है। जनता सब भूल जाती है और हुक्मरान भी सब बिसरा देते हैं। फिर कोई हादसा, दुर्घटना होती है और यही प्रक्रिया दोहराई जाती है, लेकिन इनके मूल में कोई नहीं जाना चाहता। 

पेटलावद, बालाघाट, दमोह और अब हरदा में हुए हादसों के बाद ऐसे अवैध धंधों का खुलासा हो गया, लेकिन अब भी प्रदेश में ऐसे कई उद्योग-धंधे चल रहे हैं, जो पूरी तरह अवैध हैं। बरसों-बरस से उनकी जांच चल रही है। जिम्मेदार कार्रवाई का भरोसा देते हैं, लेकिन होता कुछ नहीं है। कांग्रेस ने इसे लेकर एक बार फिर सरकार से कार्रवाई की मांग की है। 

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मुरैना शराब कांड में क्या थी भूमिका! 

कुछ ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश में अवैध शराब कारोबार है। हर वर्ष जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो रही है। फिर भी इस पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। जनवरी 2021 में जब मध्यप्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब से 24 लोगों की मौत हुई थी तब पता चला था कि जहरीली शराब बनाने वालों तक ओवर प्रूफ अल्कोहल डिस्टलरी से पहुंचा था और यह डिस्टलरी जगदीश अरोरा ( Distillery Jagdish Arora ) की थी।

खुले में बने हैं स्प्रिट टैंक 

रायसेन जिले के सेहतगंज स्थित सोम डिस्टलरी के कर्ताधर्ता जगदीश अरोरा ( Harda Som Distillery  )ने खुले में स्प्रिट एवं रिसीवर टैंक बना रखे थे। मुरैना शराब कांड के बाद इन्हें सील किया गया था। ये टैंक ओपन एरिया में बने थे, जबकि नियम कहता है कि ऐसे टैंक कवर्ड कैंपस के अंदर बनाए जाने चाहिए। सोम डिस्टलरीज के प्लांट में स्प्रिट का स्टॉक खुले एरिया में बने टैंकों में किया गया था, यानी यहीं से स्प्रिट का घालमेल किया जा रहा था।

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तीन साल से लंबित है मामला 

इस घटनाक्रम के बाद सरकार ने आश्वासन दिया था कि जांच कर ठोस कार्रवाई की जाएगी, लेकिन देखिए तीन साल से आश्वासन समिति में मामला लंबित है और जगदीश अरोरा अपने रसूख के बल पर धड़ल्ले से काम कर रहे हैं। इस अवैधानिक काम से जुड़े आबकारी अधिकारी न केवल मौज में हैं, बल्कि मंत्री के ओएसडी बनने की जुगत जमा रहे हैं।

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कांग्रेस ने सरकार से की कार्रवाई की मांग 

अब हरदा हादसे के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर सोम डिस्टलरी के अवैध टैंक और रिसीवर को लेकर सवाल उठाए हैं। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने डॉ.मोहन यादव इसे लेकर सरकार सोशल मीडिया साइट एक्स पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मांग की है कि सरकार संदिग्ध और नियम विरुद्ध बनाए गए इन टैंकों पर तत्काल कार्रवाई करे।

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