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BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अवैधानिक रूप से लाइव कवरेज होने का मामला सामने आया है। यह घटना विधानसभा के मार्शलों द्वारा गैलरी में जांच करने के बाद उजागर हुई। विधानसभा स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और स्पष्ट किया कि किसी भी विधानसभा की कार्यवाही का कवरेज बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में बिना अनुमति के लाइव प्रसारण किए जाने का मामला बहुत गंभीर है, क्योंकि यह राज्य के नियमों का उल्लंघन करता है। यह नियम विधानसभा के सदस्यों और कार्यवाही को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए हैं। हालांकि, कांग्रेस की ओर से समय-समय पर विधानसभा की कार्यवाही के लाइव प्रसारण का मुद्दा उठाया जाता रहा है।
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बीते महीने, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर यह मांग की थी कि विधानसभा की कार्यवाही का लाइव टेलीकास्ट किया जाए। उनका तर्क था कि लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण होता है, तो मध्य प्रदेश विधानसभा क्यों नहीं? इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्य भी अपनी विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण करते हैं, इस मुद्दे पर उन्होंने सवाल उठाया।
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मध्य प्रदेश विधानसभा के कार्यवाहियों का बिना अनुमति के प्रसारण करना कानून का उल्लंघन है। यह कानून सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखने के उद्देश्य से है, जिससे विधानसभा की कार्यवाही और उसके निर्णयों को प्रभावी रूप से सुरक्षित रखा जा सके। विधानसभा कार्यवाही के सार्वजनिक प्रसारण के लिए, सदन के प्राधिकृत अधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य है।
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हालांकि, कांग्रेस नेताओं द्वारा उठाए गए इस मुद्दे ने विधानसभा के प्रसारण की दिशा में विचार करने का एक मौका दिया है। अगर आने वाले समय में मध्य प्रदेश विधानसभा इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करता है, तो यह संभव है कि यहां भी अन्य राज्यों की तरह लाइव प्रसारण की व्यवस्था लागू हो।
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