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मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण देने का फैसला लिया, जिसे कैबिनेट ने नवंबर 2024 में मंजूरी दी। हालांकि, यह नोटिफिकेशन अक्टूबर 2023 में ही जारी हो गया था। इसके बावजूद, भर्ती प्रक्रियाओं में इस सीमा का पालन नहीं हो रहा है।
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एमपी पीएससी की भर्तियों में आरक्षण का आंकलन
पिछले तीन वर्षों में एमपी पीएससी ने विभिन्न विभागों के लिए 2000 से अधिक पदों पर भर्तियां की। लेकिन इन भर्तियों में महिला आरक्षण का प्रतिशत असंगत रहा।
परीक्षा | कुल पद | महिला पद | महिला प्रतिशत |
---|---|---|---|
राज्य सेवा परीक्षा 2024 | 60 | 18 | 30% |
बीमा चिकित्सा अधिकारी 2023 | 27 | 8 | 29.62% |
सहायक संचालक उद्यान 2023 | 9 | 4 | 44.44% |
वैज्ञानिक अधिकारी 2023 | 17 | 15 | 88.24% |
सहायक यंत्री सिविल 2022 | 18 | 7 | 38.88% |
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विसंगतियों के मुख्य कारण
- आरक्षण सीमा का पालन नहीं
- कई विभागों में 35% आरक्षण के बजाय कहीं 29% तो कहीं 44% पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए।
- सटीक फॉर्मूला का अभाव
- दशमलव आधारित आरक्षण गणना में नियमों का पालन नहीं हुआ।
- नोटिफिकेशन के बावजूद अनदेखी
- अक्टूबर 2023 के बाद जारी भर्तियों में भी 35% महिला आरक्षण का पालन नहीं हुआ।
- द्वितीय श्रेणी पदों में असमानता
- राज्य सेवा परीक्षा के द्वितीय श्रेणी पदों में आरक्षण का प्रतिशत 33% से कम और 35% से अधिक दोनों ही रहा।
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समाधान के सुझाव
- सख्त नियमावली लागू करें
- महिला आरक्षण की सीमा तय करने के लिए एक स्पष्ट और अनिवार्य फॉर्मूला अपनाना चाहिए।
- भर्ती प्रक्रियाओं की नियमित निगरानी
- आरक्षण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र निकाय का गठन आवश्यक है।
- डिजिटल ट्रांसपेरेंसी
- आरक्षण गणना और विज्ञापन प्रक्रिया को सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना चाहिए।
FAQ
महिला आरक्षण की वर्तमान सीमा क्या है?
सरकारी नौकरी में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया गया है।
कब से 35% महिला आरक्षण लागू हुआ?
यह नोटिफिकेशन 3 अक्टूबर 2023 को जारी हुआ था।
आरक्षण विसंगतियों का मुख्य कारण क्या है?
विभिन्न विभागों द्वारा आरक्षण गणना के लिए एक समान फॉर्मूला का अभाव।
क्या यह समस्या केवल एमपी पीएससी में है?
नहीं, यह समस्या कई सरकारी विभागों की भर्तियों में देखी गई है।
विसंगतियों को कैसे दूर किया जा सकता है?
सख्त नियमावली, नियमित निगरानी, और पारदर्शिता से इन समस्याओं का समाधान हो सकता है।
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