मध्य प्रदेश की मोहन सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर कामकाजी महिलाओं को बड़ी खुशखबरी दी है। बता दें केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए वर्किंग वुमेन हॉस्टल योजना को शुरू किया है। इस योजना के तहत घर से दूर काम करने वाली महिलाओं को सस्ता और सुरक्षित घर मिलेगा। जबलपुर और ग्वालियर में इस योजना की शुरुआत की गई है। करोड़ों रुपए की लागत से हॉस्टल का निर्माण हो रहा है। इसमें डाइनिंग रूम, वर्किंग स्पेस से लेकर लाइब्रेरी जिम और गार्डन कई सारी सुविधाएं मिलेंगी।
सरकार की ये योजना उन महिलाओं के काम आएगी, जो कि घर से दूर नौकरी करती हैं। इस योजना के तहत महिलाओं को कम कीमत पर घर मिलेगा। कई बार महिलाओं को दूसरे शहर में शिफ्ट होने पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार ने हॉस्टल योजना की शुरुआत की है।
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जबलपुर में हो रहा निर्माण
वर्किंग वुमेन हॉस्टल योजना के तहत जबलपुर के तेबर में हॉस्टल का निर्माण किया जा रहा है। इस हॉस्टल की लागत 31 करोड़ रुपए है। करीब 5.25 बीघा क्षेत्र में बनेगा। हॉस्टल में महिलाओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है। यहां पर सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे महिलाओं को एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल मिलेगा।
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इन शहरों में भी बनेंगे वर्किंग वुमेन हॉस्टल
इसके अलावा मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन में भी हॉस्टल बनाने की योजना है। यहां पर जल्द वर्किंग वुमेन हॉस्टल' बनेंगे। इन शहरों में हॉस्टल बनाने के लिए कुल 210 करोड़ रुपए का बजट बनाया गया है। इससे साफ हो गया है कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए कितनी गंभीर है।
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हॉस्टल को लेकर नियम
हॉस्टल में रहने वाली महिलाओं के लिए कुछ नियम भी तय किए गए हैं। सबसे जरूरी नियम यह है कि सभी महिलाओं को रात 11 बजे तक हॉस्टल वापस आना होगा। किसी भी महिला को हॉस्टल में अधिक से अधिक 3 साल रहने की परमीशन होगी। अविवाहित और विवाहित महिलाएं हॉस्टल योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं। हॉस्टल में पुरुषों को सिर्फ लाउंज तक ही आने की परमीशन होगी। हॉस्टल में नशीले पदार्थ शराब और धूम्रपान पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
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