World Diabetes Day 2025: भारत में तेजी से बढ़ रहे डायबिटीज के मरीज, खाने-पीने की आदतों में करें बदलाव

नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा 2.5 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग में 14 लाख डायबिटीज मरीजों का पता चला। बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज के मामले भी चिंताजनक हैं।

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Sourabh Bhatnagar
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World Diabetes Day 2025
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हर साल 14 नवंबर को, पूरी दुनिया World Diabetes Day मनाती है। यह दिन सर फ्रेडेरिक बैंटिंग का जन्मदिन भी है। इन्होंने इन्सुलिन की खोज की थी। यह दिन हमें याद दिलाता है कि डायबिटीज एक ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी बन चुकी है। लाखों लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। इंडिया को तो 'Diabetes Capital' भी कहा जाता है।

इस दिन का मकसद जागरूकता फैलाना है, ताकि लोग इसके लक्षणों को पहचानें और समय पर इलाज कराएं। एक हेल्दी लाइफस्टाइल और खान-पान में छोटे बदलाव करके इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है। याद रखें, डायबिटीज को मैनेज करना संभव है, बस सही जानकारी और सपोर्ट की जरूरत है।

बच्चों में डायबिटीज की स्थिति गंभीर

नेशनल हेल्थ मिशन की स्क्रीनिंग में 3.48 लाख बच्चों की जांच की गई, जिनमें 38 हजार में टाइप-1 डायबिटीज पाया गया। यह बीमारी आनुवांशिक होती है और पीढ़ी दर पीढ़ी फैलती है।

इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, मध्य प्रदेश में टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों की संख्या 56,600 तक हो सकती है। इसके अलावा, करीब 1,505 बच्चों का रूटीन फॉलोअप किया जा रहा है। 

हाल ही में नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा 2.5 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग में 14 लाख डायबिटीज मरीजों का पता चला। बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज के मामले भी चिंताजनक हैं। 

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खान-पान है बड़ा कारण

विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में शारीरिक सक्रियता की कमी, मोबाइल का अत्यधिक उपयोग और फास्ट फूड के कारण भी डायबिटीज तेजी से फैल रहा है।

स्वस्थ जीवनशैली के अभाव में, बच्चों और वयस्कों दोनों में डायबिटीज का जोखिम बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, हर स्कूल में डायबिटीज की जांच अनिवार्य होनी चाहिए और माता-पिता को भी स्वस्थ दिनचर्या अपनानी चाहिए।

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वयस्कों में टाइप-2 डायबिटीज का बढ़ता प्रभाव

वयस्कों में टाइप-2 डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह समस्या व्यापक हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या कुल आबादी का 8% है।

जबकि शहरी आबादी में यह आंकड़ा 11% से अधिक है। कई मरीज ऐसे भी मिले जिनमें डायबिटीज का पता देर से लगा, जिससे उनके उपचार में कठिनाई हो रही है। 

डायबिटीज कार्ड से मिलेगी फ्री दवा

डायबिटीज के प्रमुख कारणों में अनियमित जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर आहार, मोटापा और आनुवांशिकता शामिल हैं। इससे बचाव के लिए सरकार ने राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर डायबिटीज की जांच और उपचार की सुविधा प्रदान की है। डायबिटीज कार्ड जारी किए जा रहे हैं, जिनसे मरीज फ्री में दवाएं और जांच करवा सकते हैं।

डायबिटीज के लक्षण और बचाव के उपाय

जानकारी के अनुसार (MP diabetes patient) अगर गर्दन काली हो रही है, भूख बढ़ गई है, बार-बार पेशाब जाने की इच्छा हो रही है या वजन घट रहा है तो यह डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं।

सप्ताह में कम से कम 150 मिनट चलना या साइकिल चलाना, तनाव को कम करना, और पर्याप्त नींद लेना इसके बचाव में सहायक हो सकता है। धूम्रपान और शराब के सेवन से भी डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।

डायबिटीज से बढ़ता हृदय रोग का खतरा

शिकागो की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी (विश्व डायबिटीज डे) के शोध के अनुसार, टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में हृदय रोग का जोखिम अधिक होता है। डायबिटीज के कारण हृदय रोगों का खतरा सामान्य से 10 साल पहले हो सकता है।क्या खाने से हो रहा डायबिटीज

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