MP में रोजाना कितने लीटर दूध की होती है खपत, World Milk Day पर जानें सांची डेयरी की खास जानकारी

मध्य प्रदेश की सांची डेयरी में रोजाना तीन लाख लीटर दूध बचकर पाउडर बनाने में जाता है, जिसका स्टॉक 4,000 टन से अधिक है। आज वर्ल्ड मिल्क डे के अवसर पर हम दूध के महत्व को समझेंगे....

author-image
Kaushiki
New Update
WORLD MILK DAY 2025
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन के प्लांट में प्रतिदिन लगभग तीन लाख लीटर दूध बचता है, जिसे दूध पाउडर बनाने में उपयोग किया जाता है।

गर्मी के मौसम में जब दूध की आपूर्ति कम हो जाती है, तब यही पाउडर मिलाकर दूध की कमी को पूरा किया जाता है। हालांकि, दूध पाउडर मिलाकर बनाया गया दूध स्वाद और पोषण के मामले में ताजे दूध से कहीं पीछे रहता है।

आज 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है। ऐसे में आइए आज वर्ल्ड मिल्क डे के अवसर पर हम दूध के महत्व को समझेंगे।

ये खबर भी पढ़ें...World No Tobacco Day पर ICMR की रिपोर्ट में खुला भोपाल में ओरल कैंसर का भयानक सच

रोज तीन लाख लीटर दूध नहीं बेच पा रही ये डेयरी, बढ़ गई समस्या... - Sanchi  dairy left 3 lakh liters of milk every day

वर्ल्ड मिल्क डे क्यों मनाया जाता है

वर्ल्ड मिल्क डे (World Milk Day) हर साल 1 जून को मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने 2001 में स्थापित किया था ताकि दूध और डेयरी उत्पादों के महत्व को समझाया जा सके।

दूध एक जरूरी पोषण स्रोत है, जो शरीर को कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स देता है। वर्ल्ड मिल्क डे का उद्देश्य दूध की खेती, उत्पादन और स्वास्थ्य लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही यह दिन किसानों और डेयरी उद्योग में काम करने वालों के योगदान को भी सम्मानित करता है।

दूध पाउडर का सेवन क्यों है नुकसानदायक

राजधानी भोपाल के वरिष्ठ पीडियाट्रिशियन और सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी का कहना है कि ताजे दूध में मौजूद सभी पोषक तत्व प्राकृतिक रूप से घुले रहते हैं। इसे गर्म करने या सेंट्रीफ्यूगल तकनीक से दूध के सॉलिड और फैट निकालते हैं।

लेकिन जब दूध पाउडर को पानी में मिलाकर दूध बनाया जाता है, तो वह ताजे दूध जैसा प्राकृतिक मिश्रण नहीं बन पाता। डॉक्टरों के मुताबिक, लगातार दूध पाउडर के सेवन से कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, साथ ही शरीर का पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है। खासकर बच्चों का पाचन तंत्र कमजोर होता है, इसलिए उन्हें पाउडर वाला दूध पिलाने से बचना चाहिए।

ये खबर भी पढ़ें...भारत में कैसे हुई थी चाय की शुरुआत, International Tea Day पर जानें चाय की कहानी

World Milk Day 2023: इन बेहद आसान और स्वादिष्ट रेसिपी के साथ मनाएं विश्व  दुग्ध दिवस | Patrika News

ताजे दूध और दूध पाउडर में क्या फर्क है

सिनीयर पीडियाट्रिशियन डॉ. प्रभाकर तिवारी बताते हैं कि ताजे दूध में सभी तत्व प्राकृतिक रूप से घुले रहते हैं, जबकि पाउडर को पानी में घोलने पर वह दूध जैसा मिश्रण नहीं बन पाता। इनमें

लैक्टोज (Lactose): ताजे दूध में पाया जाने वाला प्राकृतिक शुगर लैक्टोज शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, जबकि पाउडर दूध में इसकी मात्रा कम होती है। पाउडर में आर्टिफिशियल शुगर मिलाई जाती है, जो मोटापे और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है। 

विटामिन और खनिज: ताजे दूध में विटामिन बी-5, बी-12, फास्फोरस और सेलेनियम अधिक मात्रा में होते हैं, जबकि ये पोषक तत्व दूध पाउडर में कम पाए जाते हैं।

कैल्शियम: पाउडर दूध में कैल्शियम की मात्रा ताजे दूध की तुलना में कम होती है।

ये खबर भी पढ़ें... International Dance Day पर जानिए उन 6 भारतीय नर्तकों को जिन्होंने शास्त्रीय नृत्य को जीवित रखा

milk price What are the rates in China Pakistan Bangladesh Nepal | Milk  Price: भारत में 50 रुपए लीटर मिलता है दूध... क्या आपको पता है पाकिस्तान,  बांग्लादेश, नेपाल और चीन में

दूध पाउडर के स्टॉक की जानकारी

सांची डेयरी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि प्रदेश में रोजाना करीब 10 लाख लीटर दूध एकत्र होता है, जबकि खपत लगभग 7 लाख लीटर है। बचा हुआ तीन लाख लीटर दूध पाउडर और मक्खन में कन्वर्ट होता है।

सांची प्लांट में चार हजार टन से अधिक मिल्क पाउडर संग्रहित है। डेयरी टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञों के मुताबिक, दूध में 20% से अधिक पाउडर मिलाने पर दूध का स्वाद और खुशबू में फर्क आसानी से महसूस किया जा सकता है।

Flat world milk day illustration | मुफ्त वेक्टर

कितना पाउडर मिलाना सुरक्षित

डेयरी टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ बताते हैं कि दूध में कितना पाउडर मिलाना चाहिए, इसका कोई सख्त नियम नहीं है। लेकिन दूध में 20 प्रतिशत से अधिक पाउडर मिलाने पर दूध की खुशबू और स्वाद में बदलाव आ जाता है, जिसे आम उपभोक्ता आसानी से महसूस कर सकता है।

इस वर्ष गर्मी के मौसम में दूध की पर्याप्त आपूर्ति होने के कारण पाउडर मिलाने की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन जब भी दूध की कमी होगी, पाउडर मिलाकर गुणवत्ता का खास ध्यान रखा जाएगा।

रोजाना दूध की खपत

मौसम के मुताबिक, दूध की उपलब्धता में उतार-चढ़ाव होता है। गर्मी के दिनों में दूध की कमी होने पर पाउडर दूध की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करता है। हालांकि इस स्थिति में भी दूध की गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाता है।

ये खबर भी पढ़ें... MP में दूध उत्पादक किसानों को बोनस का इंतजार, 5 रुपए प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि का वादा अधूरा

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬

👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

Sanchi Dairy | Sanchi | Milk Brand Sanchi | SANCHI MILK SAGAR | दुग्ध ब्रांड सांची | मध्यप्रदेश | मध्यप्रदेश न्यूज | MP News | Madhya Pradesh

Sanchi Dairy Milk Brand Sanchi दुग्ध ब्रांड सांची SANCHI MILK SAGAR Sanchi वर्ल्ड मिल्क डे World Milk Day भोपाल मध्यप्रदेश न्यूज मध्यप्रदेश Madhya Pradesh MP News