यशवंत क्लब में द सूत्र की खबर के बाद गर्माया सदस्यता का मुद्दा, सदस्यों ने उठाई नामों के खुलासा करने, लॉटरी से सदस्यता देने की मांग

यशवंत क्लब में नई सदस्यता प्रक्रिया ( yashwant club membership ) में पारदर्शिता की कमी और विवादित सदस्यों को प्राथमिकता देने पर सदस्यों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
यशवंत क्लब
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

कुलीनों और राजा-रजवाड़ों के क्लब कहे जाने वाले यशवंत क्लब ( YC ) में नई सदस्यता को लेकर मैनेजिंग कमेटी चेयरमैन टोनी सचदेवा, सचिव संजय गोरानी के चल रहे खेल का खुलासा द सूत्र ने 27 जुलाई को किया था। इसके बाद अब क्लब में माहौल गर्मा गया है और इसे लेकर सदस्यों के बीच लगातार मैसेज चल रहे हैं। सदस्यों द्वारा इस पूरे मामले को पारदर्शिता के साथ करने के साथ ही लॉटरी सिस्टम से सदस्य बनाने और खुल मंच के सामने पूरी प्रक्रिया करने की मांग उठी है। 

ये खबर भी पढ़िए...इंदौर यशवंत क्लब चुनाव : चैयरमैन पद के लिए टोनी सचदेवा जीत रहे हैं चुनाव

फिर लग रहे अपनों को सदस्य बनाने के आरोप

क्लब में चल रहे संदेशों में मैनेजिंग कमेटी पर गंभीर आरोप लग रहे हैं कि एक बार फिर यह फर्म्स एंड सोसायटी से मात खाने के बाद फिर वही तरीका अपना रहे हैं। अपनों को सदस्यता फार्म का वितरण किया गया और पहुंच वाले, राजनीतिक ताकत वालों के साथ ही आपराधिक छवि वालों को यह फार्म दिए गए। सबसे बड़ी बात उन लोगों को भी फार्म दिए गए, जिन्हें बीती सदस्यता दौर में गलत छवि के कारण खारिज कर दिया था, इस बार उन्हें आगे बुलाकर फार्म दिए गए। 

ये खबर भी पढ़ें... कलेक्टर ने रखा प्रस्ताव तो ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले- नहीं चाहिए मुझे सफेद हाथी, SDM को दिए ये सख्त निर्देश

चल रहे संदेश में यह उठ रही मांग

  • नई सदस्यता के लिए 193 फॉर्म बेचे जा रहे हैं, ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी गई है, जो राजनीति से प्रेरित हैं और अतीत में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उनके परिवार के सदस्यों को पहली प्राथमिकता दी गई है ताकि आने वाले अभियान में किसी भी मुकदमेबाजी से बचा जा सके।
  • पूरी प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ निष्पादित करें और सभी नई सदस्यता संबंधी गतिविधियों को खुले मंच पर करें; जैसे कि इस वर्ष के लिए चुने गए पहले 25 सदस्यों का ड्रा खुले मंच पर किया जाना चाहिए।
  • नोटिस बोर्ड पर लगाए जाने चाहिए कितने और किसे फॉर्म दिए जा रहे हैं?  इस 2 साल के कार्यकाल में कितने सदस्य बनाए जाएंगे? - पिछली सदस्यता प्रक्रिया में खारिज किए गए सदस्यों का क्या होगा;  कृपया अंतिम प्रक्रिया में अस्वीकृति के कारण सहित उनके नाम बताएं!
  • क्या उनमें से किसी को इस बार भी फॉर्म दिया गया है? यदि हां, तो वह कौन हैं, उचित नाम और विवरण के साथ?
  • उनकी अस्थायी सदस्यता की अस्वीकृति और अंतिमीकरण का निर्णय कौन और कैसे करेगा और किस आधार पर?
  • केवल मैनेजिंग कमेटी के करीबी होने के कारण सदस्यता देना क्लब की मर्यादा के अनुकूल नहीं होगा

ये खबर भी पढ़िए...इंदौर नगर निगम में कार्यभार बदले, IAS मिश्रा को स्वच्छता मिशन, दिव्यांक और पांडे पर भी जताया भरोसा

ईओजीएम बुलाने की भी मांग

संदेशों में यह भी मांग की गई है कि जब पुरानी प्रक्रिया फर्म्स एंड सोसायटी में जाने से विवादित हो गई और बाद में संविधान संशोधन हुआ। पिछली प्रक्रिया को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था और सभी आवेदकों को रिफंड दे दिया है, तो क्या कुछ बदलावों के साथ एक नई प्रक्रिया शुरू की जा रही है? तब EOGM क्यों नहीं हो रही है? पहले ईओजीएम कराकर सभी मुद्दों पर चर्चा के बाद यह प्रक्रिया आगे पूरी पारदर्शिता से होना चाहिए। 

द सूत्र ने बताया क्या हैं अंदरूनी खेल

क्लब की ओर से जुलाई माह में सदस्यों को एक संदेश गया कि हम सदस्यता शुरू कर रहे हैं, जिन्हें अपने वालों के फार्म भरवाना हो वह भरवा लीजिए। इसके लिए 21 से 23 जुलाई तक का समय दिया गया।

सदस्यों ने फार्म भरवा दिए, इसमें भी मोटे तौर पर मैनेजिंग कमेटी सक्रिय रही और मोटे तौर पर वही सारे सदस्यों के फार्म भरवाए गए जो बीती प्रक्रिया में थे। वहीं कमेटी ने सबसे ज्यादा ध्यान उन सदस्यों पर दिया जिनके फार्म उन्होंने दागदार बताते हुए खारिज किए थे, इसके चलते कानूनी विवाद हुआ फर्म्स एंड सोसायटी से लेकर हाईकोर्ट तक केस गया और आखिर में प्रक्रिया ठंडी पड़ गई।

ये खबर भी पढ़िए...इंदौर यशवंत क्लब चुनाव: चैयरमैन पद के लिए टोनी सचदेवा जीत रहे हैं चुनाव

एक साथ सभी को सदस्यता देने की तैयारी

वहीं मिली जानकारी के अनुसार मैनेजिंग कमेटी ने तय किया है कि पहले चरण में एक साथ 75 सदस्यों को अस्थाई सदस्यता दे दी जाएगी। इसमें मोटे तौर पर प्रभावी और कई दागदार शामिल होंगे, जिससे यह लोग सदस्यता प्रक्रिया में अडंगे नहीं लगा पाएं। मैनेजिंग कमेटी फार्म की कोई स्क्रूटनी करने को तैयार नही है कि किसी दागदार को सदस्यता देने से क्लब में क्या प्रभाव पड़ेगा। 

किसे पहले देंगे सदस्यता, फार्म कैसे दिए कोई ट्रांसपेरेंसी नहीं

एक बार फिर क्लब मैनेजिंग कमेटी ने इस मामले में गोपनीयता ओढ़ी हुई है। अभी तक सदस्यों को नहीं बताया गया कि आखिर किन 193 सदस्यों के फार्म लिए गए। इस सदस्यता प्रक्रिया का पूरे शहर को पता भी नहीं चला और कोई ट्रांसपेरेंसी नहीं रखी गई, केवल एक मैसेज जारी कर सदस्यता फार्म लिए गए।

वहीं अब इसमें से किन्हें पहले सदस्यता दी जाए, यह भी खुद कमेटी यानी सचिव संजय गोरानी ही तय कर रहे हैं। इसके लिए कोई लॉटरी निकालने जैसी प्रक्रिया नहीं की जा रही है, जिसका जिसका प्रभाव भले ही वह दागदार हो, उन्होंने सदस्यता देने के क्रम में पहले प्राथमिकता दी जा रही है। इसके पहले भी प्रक्रिया में यही किया गया था और अपने हिसाब से अपने वालों को सदस्यता देने का क्रम तय कर दिया गया था। 

सदस्यों में नाराजगी, पहले ही सुविधाएं नहीं

क्लब में साल 2000 से ही सदस्यता बंद है। क्लब में पांच हजार से ज्यादा सदस्य है और ऐसे में क्लब में सुविधाएं मौजूदा लोगों के लिए ही कम पड़ रही है। ऐसे में नए सदस्यों को और वह भी विवादित लोगों के आने से प्रतिष्ठित क्लब का क्या हाल होगा? यह सोचकर क्लब के कई सदस्य खुश नहीं है।  

sanjay gupta

thesootr links

 

  द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें 

 

 

इंदौर यशवंत क्लब सदस्यता इंदौर यशवंत क्लब मामला यशवंत क्लब इंदौर यशवंत क्लब Confidential Membership Process गोपनीय सदस्यता प्रक्रिया Demand for Transparency Yashwant Club Membership Controversy यशवंत क्लब सदस्यता विवाद Managing Committee Game Yashwant Club Membership