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राजस्थान में 277 लिपिकों की नौकरी खतरे में है , जिनके पास दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राप्त कंप्यूटर डिग्री है।
राज्य सरकार ने अब प्रदेश की सभी जिला परिषदों से इन लिपिकों के बारे में रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही यह भी पूछा गया है कि इन लिपिकों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई है।
राज्य सरकार ने जिला परिषदों से रिपोर्ट मांगी
पंचायती राज विभाग के उपायुक्त इंद्रजीत सिंह ने राज्य की सभी जिला परिषदों के सीईओ को पत्र जारी किया है। इस पत्र में पूछा गया है कि जिले में ऐसे कितने लिपिक कार्यरत हैं, जिनके पास दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राप्त कंप्यूटर प्रमाण पत्र हैं।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे कि जो लिपिक दूरस्थ शिक्षा से कंप्यूटर डिग्री प्राप्त कर नौकरी में शामिल हुए हैं, उन्हें बर्खास्त किया जाए। हालांकि, वर्ष 2017 और 2018 में सरकार ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इन सभी को बर्खास्त करने का आदेश दिया था, लेकिन इस अमल नहीं हुआ। यह मुद्दा अब फिर से सामने आया है।
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बड़ी कार्रवाई की संभावना
राजस्थान सरकार ने निर्देश दिए हैं कि इन लिपिकों के मामले में न्यायालय में कैविएट दायर की जाए। इसके साथ ही उन लिपिकों की पहचान की जाए जिन्होंने लंबे समय तक प्रभावी पैरवी नहीं की है। कई जिम्मेदार लोग अब बचाव के रास्ते तलाश रहे हैं।
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दूरस्थ शिक्षा और कंप्यूटर डिग्री