आतंकी डेविड कॉलमैन हेडली की रेकी के 17 साल बाद पुष्कर में फिर NIA की जांच, जानें पूरा मामला

एनआईए ने राजस्थान के पुष्कर में कॉलमैन हेडली मामले की जांच की। 17 साल पुराना मामला फिर से सुर्खियों में, ब्रह्मा मंदिर और इजरायली धर्मस्थल पर सुरक्षा बढ़ाई गई।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (The Sootr)

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राजस्थान के अजमेर जिले स्थित पुष्कर में 17 साल पहले आए आतंकवादी डेविड कॉलमैन हेडली (David Coleman Headley) मामला एक बार फिर सुर्खियां में है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पुष्कर में इस मामले की फिर से जांच शुरू की है। यह मामला 2009 से जुड़ा हुआ है, जब हेडली ने पुष्कर के इजरायली धर्मस्थल और ब्रह्मा मंदिर की रेकी की थी। हाल ही में NIA की टीम ने पुष्कर थाने में इस मामले की जानकारी जुटाई और पुराने रिकॉर्ड्स को खंगाला है।

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2009 में डेविड कॉलमैन हेडली ने पुष्कर का दौरा किया था। वह आइसिस होटल में ठहरा था और यहां से उसने इजरायली धर्मस्थल बेद खबाद (Baid Khabad) और ब्रह्मा मंदिर (Brahma Temple) की रेकी की थी। हेडली एक आतंकवादी था, जिसका संबंध पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन से था। उसकी गतिविधियों का खुलासा तब हुआ जब उसे अमेरिका में गिरफ्तार किया गया और उससे पूछताछ की गई। इसके बाद सीआईडी (CID) विभाग ने इस मामले की जांच शुरू की।

डेविड कोलमेन हेडली कौन है?

मुख्य साजिशकर्ता

डेविड कोलमेन हेडली, जिसे दाउद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है, मुंबई 2008 के आतंकी हमलों (Mumbai terrorist attack) के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।

पार्श्वभूमि

हेडली एक अमेरिकी नागरिक था, जो आंशिक रूप से पाकिस्तानी मूल का था। उसे अमेरिकी न्याय विभाग ने कई आतंकवादी अपराधों के लिए दोषी ठहराया।

सजा

2013 में हेडली को मुंबई हमलों की योजना बनाने और डेनमार्क में हमले की साजिश रचने के मामले में 35 साल की सजा मिली।

लश्कर-ए-तैयबा से संबंध

हेडली ने 2002 से 2005 तक पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण शिविरों में भाग लिया था। इसके बाद उसे भारत में हमलों की योजना बनाने के लिए भेजा गया।

भारत में निगरानी

हेडली को लश्कर के तीन सदस्यों से भारत में कुछ खास स्थानों की निगरानी करने के लिए भेजा गया था, जो उसने 5 बार किया और इसके परिणामस्वरूप 2008 में मुंबई हमला हुआ।

याचिका समझौता

मार्च 2010 में हेडली ने स्वीकार किया कि उसने आपराधिक जांच में मदद की और महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी प्रदान की।

अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा दोषी ठहराया गया

हेडली को भारत में बम विस्फोट, हत्या और आतंकवाद को बढ़ावा देने की साजिश रचने के छह मामलों में दोषी ठहराया गया था।

भारत में 9 यात्रा

हेडली ने 2006 से 2009 के बीच 9 बार भारत का दौरा किया। हालांकि, उसने अपना नाम फरवरी 2006 में फिलाडेल्फिया में बदलकर दाउद गिलानी रख लिया था।

मुंबई हमले की भूमिका

26 नवंबर 2008 को, हेडली ने 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों को मुंबई में हमले के लिए मार्गदर्शन किया था। यह हमला 60 घंटों तक चला और इसमें 166 लोग मारे गए।

हमले के ठिकाने

हमलावरों ने ताज महल होटल, ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, चबाड हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर हमला किया, जिनकी पहले हेडली ने निगरानी की थी।

हेडली मामले में होटल मालिक के खिलाफ भी एफआईआर

सीआईडी के तत्कालीन प्रभारी गजानंद ने जब इस मामले की जांच की, तो उन्हें सी फॉर्म रिकॉर्ड (C-Form record) में कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद होटल के मालिक केशव (Keshav) के खिलाफ विदेशी अधिनियम (Foreign Act) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि, जांच में एफआर (FR - Final Report) दी गई, लेकिन सीआईडी के विरोध के बाद इस मामले में पुनः जांच शुरू हुई।

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पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर। Photograph: (The Sootr)

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हेडली की रेकी के बाद बढ़ाई थी ब्रह्मा मंदिर की सुरक्षा

हेडली द्वारा ब्रह्मा मंदिर की रेकी किए जाने की जानकारी मिलने के बाद, जिला प्रशासन (District Administration) ने पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर पर सशस्त्र सुरक्षा (Armed Security) बढ़ा दी। यह सुरक्षा आज भी बनी हुई है। इसके साथ ही, पुष्कर मेला (Pushkar Fair) के दौरान क्षेत्र को सुरक्षा घेरे (Security Perimeter) में लिया गया था और पुलिस के सशस्त्र जवान हर जगह तैनात किए गए थे।

इसके अलावा, बेद खबाद (ubad khabad) पर भी सशस्त्र सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया। ये सुरक्षा उपाय अब तक जारी हैं, जो यह दर्शाते हैं कि इस मामले को लेकर प्रशासन की गंभीरता कायम है।

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पुष्कर स्थित इजराइली धर्मस्थल बेद खबाद। Photograph: (The Sootr)

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हेडली मामले में अब क्या तलाश रही एनआईए

पिछले कुछ वर्षों में इस मामले को लेकर कई जाँचें हुईं, लेकिन अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency - NIA) ने इसे अपने हाथ में लिया है। पुष्कर में एनआईए 17 साल पुराने इस मामले में नई जानकारी के आधार पर जांच कर रही है। पुष्कर थाना और होटल संचालकों से बातचीत के बाद नए तथ्य सामने आ सकते हैं। ब्रह्मा मंदिर पुष्कर और बेद खबाद पुष्कर में सुरक्षा भी कड़ी की गई है।

एनआईए के इंस्पेक्टर (Inspector) और अन्य अधिकारियों ने पुष्कर थाना और होटल संचालक से बातचीत की और इस संदर्भ में नए साक्ष्य एकत्र किए। यह कदम महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस मामले में कोई महत्वपूर्ण पहलू छूट न जाए।

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File Photo Photograph: (The Sootr)

हेडली की रेकी के बाद सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए?

पुष्कर के इजरायली धर्मस्थल (Israeli Religious Site) और ब्रह्मा मंदिर (Brahma Temple) की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने बहुत ही कड़े कदम उठाए हैं। इस क्षेत्र में सुरक्षा अधिकारियों की संख्या में वृद्धि की गई है और वहां पर सुरक्षा निगरानी (Surveillance) को और अधिक प्रभावी बनाया गया है।

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2009 में हेडली ने पुष्कर में क्या रेकी की थी?

2009 में हेडली ने इजरायली धर्मस्थल और ब्रह्मा मंदिर की रेकी की थी। इन स्थलों पर उसकी निगरानी आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी हुई हो सकती है। हेडली का यह कदम राज्य की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा था। हालांकि, उसे अमेरिका में गिरफ्तार करने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ और भारतीय जांच एजेंसियों ने इस पर काम शुरू किया।

FAQ

1. डेविड कॉलमैन हेडली कौन था और उसने पुष्कर में क्या किया था?
हेडली एक आतंकवादी था, जिसने 2009 में पुष्कर के इजरायली धर्मस्थल और ब्रह्मा मंदिर की रेकी की थी। उसने इन स्थानों पर संभावित आतंकवादी हमलों के लिए जानकारी जुटाई थी।
2. आतंकी हेडली मामले में क्या नए तथ्य सामने आए हैं?
एनआईए की जांच के दौरान नए साक्ष्य एकत्र किए गए हैं, जिसमें पुष्कर थाना और होटल संचालक से बातचीत की गई है। यह जांच मामले को एक नए मोड़ पर ले जा सकती है।
3. पुष्कर में सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं?
पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर और इजरायली धर्मस्थल पर सशस्त्र सुरक्षा बढ़ाई गई है। इसके साथ ही पुष्कर मेला के दौरान सुरक्षा घेरे बनाए गए थे।
4. 2009 के बाद हेडली मामले की जांच क्यों शुरू की गई है?
इस मामले को 17 साल बाद फिर से उठाया गया क्योंकि इस दौरान कई नए तथ्यों का खुलासा हो सकता है, जिनकी जांच अब एनआईए कर रही है।

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