अंता उपचुनाव : सियासी संग्राम में कमजोर-निराश नजर आ रहे नरेश मीणा, बोले-भाया के सामने मैं फीका

राजस्थान के अंता उपचुनाव में नरेश मीणा का कांग्रेस पर हमला, बोले-प्रमोद जैन भाया के धन-बल के आगे मेरी चमक फीकी। टिकट कटने पर कांग्रेस पर फूटा गुस्सा। डोटासरा पर भी साधा निशाना।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Baran. राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां मैदान में पूरी ताकत झोंक रही हैं, लेकिन इस बार चर्चा का केंद्र बने हैं निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर नरेश मीणा ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रमोद जैन भाया के आगे मेरी चमक फीकी पड़ गई है।

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भाया के पैसों से कांग्रेस की राजनीति

नरेश मीणा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर खुला हमला बोला। एक यूट्यूब इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सुना है कुछ कांग्रेसी नेताओं के घर की दाल-रोटी प्रमोद जैन भाया के पैसों से चलती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाया ने कांग्रेस कार्यालय के निर्माण के लिए बड़ी रकम दान दी थी। नरेश के इन बयानों ने कांग्रेस के भीतर खलबली मचा दी है।

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भाया के धन-बल से मेरी पकड़ कमजोर पड़ी

कांग्रेस से टिकट कटने के बाद नरेश मीणा का गुस्सा अब खुलेआम सामने आ गया है।
उन्होंने कहा कि प्रमोद जैन भाया के धन-बल से मेरी पकड़ कमजोर हो गई है, मेरी मेहनत और जनाधार सब फीका पड़ गया। नरेश ने आरोप लगाया कि उनके टिकट कटने के पीछे डोटासरा की व्यक्तिगत रंजिश है। उन्होंने कहा कि जब बारां में संविधान बचाओ रैली हुई थी, तब डोटासरा संविधान नहीं, बल्कि भाया को बचाने की बात कर रहे थे।

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आंतरिक राजनीति सामने आई

अंता उपचुनाव के बीच कांग्रेस की आंतरिक राजनीति खुलकर सामने आ रही है। कई कार्यकर्ता नरेश मीणा के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं, जिससे कांग्रेस के भीतर असंतोष का माहौल है। नरेश मीणा पहले भी आधा दर्जन बार टिकट मांग चुके हैं, पर हर बार उन्हें निराशा हाथ लगी। उनके अनुसार, कांग्रेस में अब मेहनत नहीं, बल्कि पैसा बोलता है।

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त्रिकोणीय मुकाबले का संकेत

इस उपचुनाव में मुकाबला तीन तरफा होता दिख रहा है। एक तरफ कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया, दूसरी ओर बीजेपी प्रत्याशी मोरपाल सुमन और तीसरे मोर्चे पर नरेश मीणा हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मीणा वोट बैंक के कारण यह चुनाव बेहद नजदीकी हो सकता है। बीजेपी इस मौके को कांग्रेस की अंदरूनी कलह बताकर जनता के बीच मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है।

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राजस्थान की राजनीति में नया समीकरण

अंता की सीट हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन इस बार समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। यदि नरेश मीणा को पर्याप्त जनसमर्थन मिला, तो वह दोनों प्रमुख दलों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि यह चुनाव कांग्रेस की साख और नेतृत्व दोनों की परीक्षा बन गया है। 

FAQ

1. नरेश मीणा कांग्रेस से क्यों नाराज हैं?
नरेश मीणा को इस बार भी कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रमोद जैन भाया के धन बल के कारण पार्टी नेतृत्व ने उन्हें नजरअंदाज किया।
2. नरेश मीणा ने किन नेताओं पर आरोप लगाए हैं?
उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्री प्रमोद जैन भाया पर राजनीतिक पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
3. क्या अंता उपचुनाव में नरेश मीणा असर डाल पाएंगे?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मीणा वोट बैंक और उनके जनाधार के कारण अंता सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है, जिससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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