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Photograph: (the sootr)
राकेश कुमार शर्मा @ जयपुर
राजस्थान के बारां जिले में अंता विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में मंगलवार को नरेश मीणा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भर दिया है। नामांकन रैली में बड़ी संख्या में आए समर्थकों की ताकत दिखाते हुए मीणा ने पर्चा भरा। मीणा के नामांकन भरने के साथ ही अंता सीट भी देवली-उनियारा की तरह हॉट हो गई है।
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चुनाव रोचक होने की पूरी गारंटी
देवली-उनियारा में कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़कर नरेश मीणा ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया था। अब अंता से ताल ठोकने से इस सीट पर भी मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
पूरे दल-बल के साथ नरेश मीणा के चुनावी मैदान में आने से भाजपा और कांग्रेस में हलचल है, वहीं दोनों ही दलों में चुनावी समीकरण बिगड़ने का अंदेशा भी है। हालांकि नरेश के आने से अब भाजपा और कांग्रेस भी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में दिखेंगे। परिणाम कुछ भी आए, लेकिन चुनाव रोचक होगा।
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भाजपा जल्द कर सकती है ऐलान
कांग्रेस ने यहां से पूर्व मंत्री और तीन बार के विधायक रहे प्रमोद जैन भाया को चुनावी मैदान में उतारा है। उन्होंने सोमवार को नामांकन भरा है। भाजपा फिलहाल मजबूत प्रत्याशी की तलाश में है।
दमदार उम्मीदवार को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में मंथन चल रहा है। उम्मीदवार के नामों को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष भाजपा मदन राठौड़ के बीच वार्ता भी हो चुकी है। जल्द ही भाजपा कोर कमेटी की मीटिंग के बाद प्रत्याशी का ऐलान हो सकता है।
यह हैं अंता के समीकरण
गौरतलब है कि अंता सीट पर 11 नवंबर को मतदान है और 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। अंता सीट पर 2,27,563 मतदाता हैं, जिसमें 1,16,405 पुरुष मतदाता और 1,11,154 महिला मतदाता शामिल हैं। वहीं 4 वोटर थर्ड जेंडर हैं। अंता के जातिगत समीकरण अलग हैं। यहां सबसे ज्यादा माली समाज के चालीस हजार वोट हैं।
दूसरे नंबर पर मीणा समाज के 35 हजार हैं और इतने ही एससी समाज के वोटर हैं। इसके बाद धाकड़, मुस्लिम, चारण, राजपूत, ब्राह्मण, वैश्य के भी अच्छी तादाद में वोट हैं। चुनाव में नरेश को मीणा समाज के अधिकांश वोट मिलने की संभावना है। एससी, मुस्लिम व दूसरे समाज के वोटों में सेंधमारी कर पाए, तो अंता सीट पर चौंकाने वाले समीकरण हो सकते हैं।
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चौंकाने वाले होंगे चुनाव नतीजे
नरेश के निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में आने से मुकाबला रोचक होने वाला है। नरेश ने अंता सीट पर कांग्रेस से टिकट की मांग की थी। पार्टी ने प्रमोद जैन भाया पर विश्वास जताया। भाया की घोषणा होते ही नरेश ने भी निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया था। अब नरेश के आने से मुकाबला त्रिकोणीय होगा।
जिस तरह से देवली-उनियारा में नरेश ने चुनावी समीकरण बिगाड़ दिए थे, वैसे ही कुछ अंता में भी हो सकता है। देवली-उनियारा में कांग्रेस सांसद हरीश मीना ने केसी मीना को चुनाव लड़वाया, लेकिन वे तीसरे नंबर पर रहे। वहीं नरेश 60 हजार वोट लेकर दूसरे नम्बर पर रहे।
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भाया की भी पकड़ मजबूत
हालांकि भाया की पकड़ सभी वर्ग व समाज में है। उनकी सामाजिक व धार्मिक कार्यों से अलग पहचान है। इसके अलावा मंत्री के तौर पर करवाए गए विकास कार्यों का लाभ भी उन्हें मिलेगा। कांग्रेस में उनके टिकट को लेकर गुटबाजी नहीं है। ऐसे में भाया मजबूती के साथ सभी को लेकर चुनावी मैदान में उतरे, तो जीत का सेहरा उनके सिर बंध सकता है।
पिछले विधानसभा चुनाव में कंवरलाल मीणा को समाज के साथ पार्टी के वोट मिलने से भाया को करीब 58 सौ मतों से हराया था। हार का अंतर इतना ज्यादा नहीं है, जिसे पाटा नहीं जा सके। हालांकि एक अधिकारी के साथ मारपीट के आपराधिक मुकदमें में कंवरलाल मीणा की विधायकी रद्द होने से फिर से अंता सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं।
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भाजपा में आधा दर्जन नेता दावेदार
मीणा, एससी, मुस्लिम, धाकड़, वैश्य आदि समाज कांग्रेस के वोटर हैं। हालांकि नरेश के आने से मीणा वोटों में बिखराव होना तय है। उधर भाजपा भी सीट में मजबूत है। अंता सीट में कांग्रेस व भाजपा में मुख्य तौर पर मुकाबला होता रहा है। माली, ब्राह्मण, राजपूत, चारण जैसी कौम भाजपा की कोर वोटर हैं।
हालांकि प्रत्याशी की घोषणा के बाद ही चुनावी तस्वीर साफ हो पाएगी, क्योंकि यहां से माली, ब्राह्मण, वैश्य, मीणा, धाकड़ समाज के नेता जोर-शोर से टिकट की मांग कर रहे हैं। ऐसे में एक को टिकट मिलने से दूसरे समाज के नेताओं व कार्यकर्ताओं में नाराजगी सामने आ सकती है।
ऐसे में भाजपा में भी सभी को साथ लेकर चुनाव लड़ना होगा, तभी फिर से सीट को वापस प्राप्त कर सकते हैं। भाजपा से पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, कंवरलाल मीणा की पत्नी समेत आधा दर्जन नेता दावेदारी जता चुके हैं।
नामांकन सभा.!
— Naresh Meena (@NareshMeena__) October 14, 2025
📍अंता, बारां pic.twitter.com/lyaFZw5DAK
यह रहा है विधायकी का इतिहास
अंता सीट पर चुनाव नतीजे हमेशा से ही चौंकाने वाले रहे हैं। 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रेमनारायण गालव और निर्दलीय प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया और कांग्रेस के शिवनारायण नागर के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला था।
इसमें प्रमोद जैन भाया बीजेपी के दिग्गज गालव और कांग्रेस के शिवनारायण को हराकर पहली बार विधायक चुने गए। प्रमोद करीब 6750 मतों से जीते थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। 2008 के चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता रघुवीर सिंह कौशल और कांग्रेस के भाया में मुकाबला हुआ, जिसमें भाया 29 हजार मतों से जीते।
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इस तरह चलती रही टक्कर
2013 के चुनाव में पूर्व कृषि मंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी और भाया के बीच कड़ा मुकाबला हुआ, जिसमें भाया को करीब 33 सौ मतों से शिकस्त झेलनी पड़ी। इसी तरह 2018 के चुनाव में फिर दोनों प्रभुलाल सैनी और भाया के बीच टक्कर हुई, जिसमें इस बार भाया ने प्रभुलाल को 35 हजार से अधिक मतों से हराया।
2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कंवरलाल मीणा ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री भाया को करीब 58 सौ मतों से हरा दिया। इस चुनाव में भाया को 81529 मत मिले थे। वहीं कंवरलाल मीणा को 87390 वोट मिले। अब उपचुनाव में भी मुकाबला त्रिकोणीय होना तय है। जीत का सेहरा किसके सिर पर बंधेगा, यह 14 नवंबर के चुनाव नतीजे बताएंगे।
राजे बोलीं-पार्टी और मुख्यमंत्री तय करेंगे कैंडिडेट
अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बयान सामने आया है। राजे ने कहा कि प्रत्याशी का निर्णय पार्टी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा करेंगे। वो ही तय करेंगे कि कैंडिडेट कौन होगा। जो पार्टी का कैंडिडेट होगा, वो ही सबको सर्वमान्य होगा।
जो निर्देश वो हमको देंगे, कहां जाना है और क्या करना है, उस निर्देश का पालन करने की कोशिश करेंगे। गौरतलब है चार दिन पहले मुुख्यमंत्री भजनलाल और भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ पूर्व मुख्यमंत्री राजे के घर पहुंचे और अंता चुनाव को लेकर मंथन किया।
मदन राठौड़ बोले-आज होगा नाम का ऐलान
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि अंता से उम्मीदवार का ऐलान आज हो जाएगा। लोकतंत्र के अंदर विपक्ष का होना जरूरी है। आज विपक्ष कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। अंता उपचुनाव में भाजपा की जीत होगी। टिकट को लेकर कोई विवाद नहीं है।
सभी की राय से उम्मीदवार तय होगा। सब मिलकर जिताएंगे भी। गौरतलब है कि राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट उपचुनाव को लेकर सियासत तेज है। कांग्रेस ने प्रमोद जैन भाया पर दांव खेला है, वहीं बीजेपी में टिकट को लेकर मंथन जारी है।