अंता उपचुनाव : वसुंधरा राजे का वीटो पड़ा भारी, नहीं चली लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पसंद

राजस्थान के अंता विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने वसुंधरा राजे के पसंदीदा मोरपाल सुमन को उम्मीदवार बनाया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और मदन राठौड़ के प्रयास विफल रहे। कांग्रेस ने प्रमोद जैन भाया को प्रत्याशी चुना।

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Rakesh Kumar Sharma
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Jaipur.राजस्थान के अंता विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के टिकट चयन में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चली है। भाजपा ने बारां पंचायत समिति के प्रधान मोरपाल सुमन को उम्मीदवार बनाया है। सुमन पूर्व सीएम राजे के पसंदीदा प्रत्याशी हैं।

टिकट को लेकर चली लम्बी जद्दोजहद में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की पसंद काम नहीं आई। वे पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को टिकट दिलाना चाहते थे। लेकिन, इस नाम पर वसुंधरा राजे सहमत नहीं हुई। प्रभुलाल  के लिए संगठन के शीर्ष नेता भी तगड़ी लॉबिंग कर रहे थे। लेकिन वसुंधरा राजे के वीटो पावर से प्रभुलाल सैनी और उन्हें टिकट दिलवाने में लगे वरिष्ठ नेताओं के सारे प्रयास धरे रह गए। 

 पैनल में तीनों नाम माली समाज से 

भाजपा से घोषित मोरपाल सुमन भी माली समाज हैं। वे वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं। भाजपा टिकट के लिए एक सप्ताह से काफी सियासी बैठकें चल रहीं थी। मान-मनोव्वल और मेल-मुलाकातों का दौर भी चला। 

 इस दौरान मनमुटाव और बयानबाजी भी सामने आई। जब प्रदेश में आपसी सहमति से नाम तय नहीं हो पाया तो तीन नामों का एक पैनल बनाकर दिल्ली भेज दिया गया। इसमें प्रभुलाल सैनी, मोरपाल सुमन और नंदलाल सैनी का नाम बताया जा रहा था। 

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 वसुंधरा के प्रयास ही रंग लाए

अंता उपचुनाव के सियासी समीकरणों को देखते हुए सैनी समाज से ही किसी को टिकट दिया जाना तय माना जा रहा था। दिल्ली में भी दो दिन से नाम को लेकर काफी मंथन हुआ। 

 आखिर में वसुंधरा राजे की दिल्ली में की गई जोरदार वकालत के आगे दूसरे धड़े के प्रयास विफल हो गए। मोरपाल सुमन का टिकट फाइनल कर दिया गया। चर्चा है कि मोरपाल का नाम फाइनल करवाने के लिए वसुंधरा राजे दो दिन से दिल्ली में ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सम्पर्क में थी।

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 नहीं चली मदन राठौड़ और ओम बिरला की

अंता से विधायक रह चुके प्रभुलाल सैनी को टिकट दिलवाने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ भी लगातार प्रयास करते रहे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी पर्दे के पीछे से प्रभुलाल सैनी को टिकट दिलवाने की जोरदार लॉबिंग में रहे। इसके लिए संगठन में नाम आगे बढ़ाया और मदन राठौड़ के माध्यम से प्रभुलाल सैनी को वसुंधरा राजे के आवास भी लेकर गए, ताकि प्रभुलाल सैनी के नाम पर मुहर लग सके। बताया जा रहा है कि प्रभुलाल सैनी के नाम पर राजे ने सहमति नहीं दिखाई। राजे के घर से निकलने के दौरान प्रभुलाल सैनी के चेहरे और उनके हावभाव से भी लग रहा था कि राजे ने उन्हें आशीर्वाद नहीं दिया।

राजे स्थानीय के नाम पर अड़ी रहीं और माली समाज के मोरपाल सुमन को टिकट देने की बात कही। इस बैठक के तीन दिन तक भी दोनों ही धड़ों में टिकट को लेकर जोर-आजमाइश रही। सहमति नहीं बनने पर तीन नाम का पैनल दिल्ली में केन्द्रीय नेताओं को भेजा गया।

बाहरी बनाम स्थानीय मुद्दे ने भी जोर पकड़ा

 अंता सीट पर टिकट में देरी के चलते स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा भी हावी रहा। बारां जिले के टिकट के दावेदार नेता इस सीट पर तेजी से उभर कर आए प्रभुलाल सैनी के खिलाफ लामबंद हो गए।

उन्हें बाहरी बताते हुए स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को टिकट देने की मांग करने लगे। प्रभुलाल सैनी के अलावा दूसरे सभी दावेदार बारां जिले के हैं। वे भी स्थानीय को टिकट दिए जाने को लेकर पार्टी नेताओं पर दबाव बनाना शुरु कर दिया। साथ ही इस मुद्दे को लेकर बयानबाजी भी होने लगी। यह भी एक बड़ा कारण है कि जिससे प्रभुलाल सैनी का टिकट कटा और सुमन के नाम पर हरी झंड़ी मिली। प्रभुलाल सैनी को टिकट दिए जाने पर चुनाव में बाहरी का मुद्दा बन सकता था और स्थानीय कार्यकर्ताओँ व नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता था।

सुमन के टिकट से तस्वीर साफ, मुकाबला त्रिकोणीय

मोरपाल सुमन स्थानीय नेता है। उनकी लो प्रोफाइल नेता की छवि है। माली समाज के साथ दूसरे समाज में भी उनकी अच्छी पैठ बताई जाती है। सुमन के नाम की घोषणा के साथ अंता सीट पर चुनावी तस्वीर साफ हो गई है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को प्रत्याशी बनाया है। वहीं नरेश मीणा निर्दलीय चुनाव मैदान में है। नरेश मीणा के आने से इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होना तय है।

मोरपाल सुमन से ठग लिए थे 38 हजार 

भाजपा के घोषित उम्मीदवार मोरपाल सुमन से साइबर ठगों ने 38 हजार रुपये की ठगी कर ली थी। सुमन चार दिन पहले बीजेपी का टिकट दिलाने एवं  कागजी कार्यवाही करवाने के नाम पर 38 हजार रुपए की ठगी करने का आरोप लगाया था। 
ठगों ने नामांकन दस्तावेज तैयार करवाने का झांसा देकर 38 हजार खाते में ट्रांसफर करवा लिए थे। इसकी मोरपाल सुमन ने साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के बाद बैंक ने रकम को होल्ड करवा दिया था।

कंवरलाल की विधायकी रद्द से उपचुनाव

अंता में भाजपा के कंवरलाल मीणा ने प्रमोद जैन भाया को हराकर यह सीट जीती थी। कंवरलाल मीणा ने भाया को करीब 58 सौ वोटों से हराया था। बीस साल पुराने एक मामले में कोर्ट द्वारा दी गई सजा के कंवरलाल मीणा की विधायकी रद्द हो गई। कंवर लाल मीणा भी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थक हैं। मीणा की विधायकी जाने के बाद ये सीट खाली हुई थी।

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