राजस्थान का युवक मौत के दो महीने बाद बना आरएएस, गम में डूबा परिवार और गांव

गंगापुरसिटी के सिरसाली गांव के सुनील बैरवा ने आरएएस की अंतिम सूची में 1150वीं रैंक से चयन किया, लेकिन 28 अगस्त को बीमारी से उनका निधन हो गया था। खुशी के मौके पर दुख में डूबा परिवार।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (TheSootr)

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Jaipur. राजस्थान के गंगापुरसिटी के सिरसाली गांव में एक दुर्लभ और भावनात्मक घटना घटी है। यहां एक युवा ने मौत के बाद राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की अंतिम सूची में अपना नाम दर्ज कराया। सुनील बैरवा (25) राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में 1150वीं रैंक से चयनित हुए। हालांकि, संघर्षों और गरीबी से लड़ते हुए हासिल की इस सफलता का आनन्द उठाने के लिए सुनील अब इस दुनिया में नहीं हैं। आरएएस परीक्षा 2023 का परिणाम आने से करीब दो माह पहले 28 अगस्त 2025 को उनका बीमारी के कारण निधन हो गया।

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गांव में शोक का माहौल

आरएएस भर्ती 2023 में सुनील बैरवा की सफलता का जश्न मनाने के बजाय, सिरसाली गांव में शोक का माहौल है। यह उस गांव के लिए एक बहुत ही दुखद क्षण है, जो हमेशा अपनी मेहनत और संघर्ष के कारण सुनील पर गर्व करता था। गांव की गलियों में, जहां सुनील की सफलता पर बारात-सा जुलूस निकलने की उम्मीद थी, वहां अब चुप्पी और गम का माहौल है। परिवार और गांव के लोग उन्हें याद कर रहे हैं, और साथ ही उनके परिवार के दिलों में एक खालीपन का एहसास हो रहा है।

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संगर्ष और गरीबी से लड़कर हासिल की सफलता 

सुनील बैरवा ने एक लंबी और कठिन यात्रा की थी, जिसमें गरीबी और परिवारिक कठिनाइयों का सामना करते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और आरएएस परीक्षा-2023 की कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त की। यह सफलता सिर्फ उनकी मेहनत का परिणाम नहीं थी, बल्कि उनके संघर्ष और बलिदान का भी परिणाम था।

आरएएस परीक्षा 2023 परिणाम के बाद स्पष्ट हो गया है कि सुनील का जीवन प्रेरणा देने वाला था। उन्होंने परिवार के कठिन हालातों के बावजूद कभी हार नहीं मानी। उनका सपना था कि वे अपने परिवार को बेहतर जीवन दे सकें और समाज में एक बदलाव ला सकें। राजस्थान प्रशासनिक सेवा में उनका चयन उनके आत्मविश्वास और मेहनत का प्रतीक था।

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छलक उठा माता-पिता का दर्द 

सुनील के माता-पिता, संतोष और पप्पूलाल बैरवा, जिनकी आँखों में अपने बेटे की सफलता का सपना था, इस खबर को सुनकर गहरे दुख में हैं। उन्होंने कहा, "अगर हमारा बेटा आज जीवित होता, तो हम भी अन्य चयनित बच्चों के परिवारों की तरह खुशियाँ मनाते।" यह दर्दनाक सत्य है कि उन्होंने अपने बेटे को खो दिया, जो अब सफलता के शिखर पर पहुँचने जा रहा था। सुनील की मौत के बाद, परिवार के लोग दुख की स्थिति से जूझ रहे थे और अब उनके बेटे का नाम राजस्थान प्रशासनिक सेवा में आने के बाद यह दुख और गहरा हो गया है। यह क्षण उनके लिए गर्व से ज्यादा दुख का था। परिवार का यह भावनात्मक संघर्ष बेहद कठिन है।

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सुनील की पत्नी और बेटी का भविष्य

सुनील बैरवा अपनी पत्नी सपना और सात महीने की बेटी को छोड़कर चले गए। सपना, जो खुद वर्तमान में पढ़ाई कर रही हैं, को अब एक अकेले मां के रूप में अपनी बेटी का पालन-पोषण करना है। उनका जीवन अब एक नई चुनौती से भर चुका है, और सुनील के बिना यह यात्रा और भी कठिन हो गई है। सपना के पास अब वो हिम्मत और ताकत है, जो उसने अपने जीवनसाथी के साथ बिताए समय से सीखी है, लेकिन एकल माता-पिता के रूप में वह यह यात्रा अकेले ही तय करेगी।

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एकलौते बेटे की माँ का दिल दहलाने वाला दर्द

सुनील बैरवा का परिवार विशेष रूप से उनकी माँ के लिए बहुत कठिन समय से गुजर रहा है। सुनील अपने माता-पिता का एकलौता बेटा था, और उसकी मृत्यु ने परिवार को कभी न भरने वाले दुख में डाल दिया है। मां संतोष के लिए यह दुखपूर्ण है कि उन्होंने अपने बेटे के लिए जो सपने देखे थे, वे कभी पूरे नहीं हो पाए। सुनील का असामयिक निधन उनके जीवन का सबसे गहरा दुख बन गया है।

FAQ

1. सुनील बैरवा कौन थे और उनका योगदान क्या था?
सुनील बैरवा राजस्थान के गंगापुरसिटी के सिरसाली गांव के निवासी थे। उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा 2023 के परिणाम की अंतिम सूची में 1150वीं रैंक प्राप्त की थी, लेकिन उनका निधन बीमारी के कारण 28 अगस्त को हो गया था।
2. सुनील बैरवा का निधन किस कारण हुआ था?
सुनील बैरवा का निधन आरएएस परीक्षा 2023 का परिणाम आने से करीब दो माह पहले 28 अगस्त 2025 को बीमारी के कारण हुआ था। उनका निधन परिवार के लिए गहरा दुख लेकर आया।
3. सुनील बैरवा का राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयन कैसे हुआ?
सुनील बैरवा ने कठिन संघर्ष और गरीबी के बावजूद राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा 2023 में सफलता प्राप्त की और 1150वीं रैंक हासिल की।

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