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Photograph: (TheSootr)
Jodhpur . राजस्थान के जैसलमेर जिले में हुए दिल दहला देने वाले बस अग्निकांड की जांच अब शुरू हो चुकी है। इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। हादसे की जांच अब सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्टपुणे (CIRT पुणे) की टीम द्वारा की जाएगी। इस टीम का मुख्य उद्देश्य हादसे के कारणों की गहरी जांच करना, जिम्मेदार लोगों की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय सुझाना है। बता दें, 14 अक्टूबर 2025 को एक निजी एसी स्लीपर बस में आग लगने की घटना जैसलमेर से जोधपुर जा रही बस में घटी। दोपहर 3:30 बजे बस में अचानक आग लग गई। इस अग्निकांड में घटनास्थल पर ही 19 लोग जिंदा जल गए, जबकि एक अन्य व्यक्ति रास्ते में दम तोड़ गया। अस्पताल में इलाज के दौरान दो और लोगों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की कुल संख्या 22 हो गई।
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एसआईटी ने की जांच
पांच लोगों की SIT टीम गुरुवार को जैसलमेर पहुंची और शुक्रवार सुबह वापस जयपुर के लिए रवाना हो गई।SIT ने संबंधित परिवहन विभागीय एवं तकनीकी पहलुओं की गहन जांच के लिए घटना स्थल और बस का निरीक्षण किया गया। टीम इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
परिवहन विभाग का विशेष एक्शन
हादसे के बाद, परिवहन विभाग ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है। परिवहन विभाग ने विशेष टीम गठित की है, जिसका नेतृत्व जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर RAS ओ.पी. बुनकर कर रहे हैं। बुनकर ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और हादसे के तकनीकी कारणों की जानकारी ली। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि भविष्य में इस तरह के हादसे नहीं हों। इसके लिए विभाग ने एक विशेष मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है, जो बस निर्माण करने वाली कंपनियों और वर्कशॉप्स का निरीक्षण करेगी।
परिवहन विभाग के जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ओ.पी. बुनकर ने बताया कि घटना की तकनीकी जांच के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT), पुणे की टीम भी जल्द जैसलमेर पहुंचेगी। यह एजेंसी घटनास्थल का निरीक्षण कर दुर्घटना के वास्तविक कारणों की पड़ताल करेगी और आगे ऐसी घटनाएं रोकने के सुझाव भी देगी।
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बस निर्माण कंपनियों की जांच
हादसे के बाद, परिवहन विभाग ने यह निर्णय लिया है कि बस निर्माण करने वाली कंपनियों की भी जांच की जाएगी। बुनकर ने कहा कि भविष्य में जैसलमेर जैसी घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए सभी कंपनियों और वर्कशॉप्स का निरीक्षण किया जाएगा, जहां बसों की बॉडी बनाई जाती है। यह कदम सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
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नियमों का उल्लंघन करने वाली बसों की जब्ती
जैसलमेर हादसे के बाद, परिवहन विभाग ने 5 अन्य निजी एसी बसों को भी जब्त किया है, जो नियमों का पालन नहीं कर रही थीं। इन बसों का संचालन बिना मानकों के किया जा रहा था, जिससे हादसे की संभावना बढ़ रही थी। विभाग ने बताया कि भविष्य में ऐसे वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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स्लीपर बसों की लगातार जांच
जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ओ.पी. बुनकर ने बताया कि राज्य में संचालित स्लीपर बसों की जांच लगातार की जा रही है। अब तक 1400 से अधिक बसों का निरीक्षण किया गया है, जिनमें से 162 बसों को नियमों के उल्लंघन पर जब्त किया गया है। राजस्थान में कुल 3200 एयरकंडीशनर बसें पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से कई बसें तय सुरक्षा नियमों का पालन नहीं कर रही हैं।
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जैसलमेर बस हादसा कैसे हुआ?
जैसलमेर से जोधपुर जा रही इस प्राइवेट बस में अचानक आग लग गई। घटनास्थल पर तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया, लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि उसमें 19 लोग मौके पर ही जलकर मर गए। रास्ते में एक अन्य व्यक्ति ने दम तोड़ा, और इलाज के दौरान दो और लोगों की मौत हो गई।
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डीएनए टेस्ट से शवों की पहचान
हादसे में घटनास्थल पर मृत 19 लोगों में एक डीएनए टेस्ट से 18 शवों की पहचान हुई है। एक शव की पहचान नहीं हो पाई है। डीएनए परीक्षण के बाद 10 शव एम्स हॉस्पिटल और 9 शव महात्मा गांधी हॉस्पिटल जोधपुर में रखे गए हैं। एम्स के एक शव की पहचान नहीं हो पाई है।
एम्स हॉस्पिटल में इनके शव रखे गए हैं
1. जितेश चौहान 2. महेन्द्र (लवारण) 3. खुशी (लवारण) 4. इरफान खान (बम्बोरो की ढाणी) 5. बरकत खान (बासनपीर) 6. शाहरूख खान (चाम्पला) 7. अयुब खान (बासनपीर) 8. बसीरा (बासनपीर) 9. जसु (कोटड़ी) 10. अज्ञात
महात्मा गांधी हॉस्पिटल में इनके शव रखे हैं
1. स्वरूप (जोधपुर) 2. गोपीलाल (लाठी) 3. जोगराज सिंह (झलारिया) 4. पार्वती (लवारण) 5. दीक्षा (लवारण) 6. शौर्य (लवारण) 7. दीपक (जैसलमेर) 8. राजेन्द्र सिंह चौहान (जैसलमेर) 9. हसीना (बम्बोरो की ढाणी)