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Photograph: (the sootr)
Jaipur. केंद्र सरकार ने अरावली पर्वतमाला में नई खानों की लीज जारी करने पर रोक लगाने का फैसला लिया है। इस कदम का असर राजस्थान के सवा सौ से अधिक खनन क्षेत्रों पर पड़ेगा, जिनकी टेंडरिंग पहले ही खान विभाग द्वारा की जा चुकी है और कागजी कार्यवाही शेष है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में मामला उठाए जाने के बाद लिया गया और अब खान विभाग को नई लीज पर कार्यवाही रोकनी पड़ी है।
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केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के बाद राजस्थान खान विभाग ने 126 खानों के लिए टेंडर जारी किए थे। इनमें से 50 खनन क्षेत्रों को अरावली रेंज में रखा गया था, जहां पहले ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन खानों पर काम में देरी हो सकती है।
विभिन्न क्षेत्रों में खनन क्षेत्रों का वितरण
केंद्र के निर्देशों के बाद जिन खानों की लीज जारी की गई थी, वे अरावली रेंज के पास स्थित 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर आधारित थीं। इन खानों का आवंटन विभिन्न जिलों में हुआ था, जैसे अलवर में 20, कोटपूतली में 7, बहरोड़ में 7, खैरथल में 2, तिजारा में 2, जयपुर में 6, राजसमंद में 2, झुंझुनूं में 1, सिरोही में 5, भीलवाड़ा में 6 और दौसा में 1 है।
माइनिंग एक्सपर्ट का नजरिया
माइनिंग एक्सपर्ट का मानना है कि खान विभाग को इस स्थिति में नोटिफिकेशन का इंतजार करना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों में कहा गया था कि पर्यावरण मंत्रालय और अन्य एजेंसियां माइनिंग प्लान तैयार करें, इसके बाद ही नई लीजों पर काम शुरू किया जा सकता था। इस प्रकार विभाग को जल्दबाजी में टेंडर प्रक्रिया से बचना चाहिए था और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करना चाहिए था।
सख्त कदम और पर्यावरण संरक्षण
केंद्र सरकार का यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि अरावली पर्वतमाला जैव विविधता और जलवायु संतुलन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। नई खनन लीज पर रोक और पुरानी खनन गतिविधियों पर सख्ती से लागू की जाने वाली पाबंदियां इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी को बचाने में मददगार साबित होंगी।
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खास बातें
- केंद्र सरकार ने अरावली पर्वतमाला के पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नई खानों की लीज जारी करने पर रोक लगाई है। यह कदम प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और जैव विविधता को बचाने के लिए लिया गया है।
- खनन विभाग को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए माइनिंग प्लान तैयार करना था और नई लीज पर काम शुरू करने से पहले संबंधित नोटिफिकेशन का इंतजार करना था।
- राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों जैसे अलवर, जयपुर, राजसमंद, झुंझुनूं, सिरोही, भीलवाड़ा और अन्य क्षेत्रों में खनन क्षेत्रों का आवंटन किया गया था, जिनमें अरावली रेंज के पास 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियां शामिल थीं। अरावली में सवा सौ से अधिक खानों की टेंडरिंग पर असर।
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