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Photograph: (the sootr)
Jaipur. बीजेपी से निष्कासित पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने अरावली पर्वतमाला के विनाश को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आहूजा का कहना है कि अरावली की हत्या में गहलोत की 75 प्रतिशत और वसुंधरा की 25 प्रतिशत जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि वसुंधरा के कार्यकाल में अवैध खनन, पट्टे और लीज देने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। जयपुर में कई इमारतों को मान्यता देना भी इसी नीति का हिस्सा रहा।
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अरावली की हत्या का आरोप
आहूजा ने आरोप लगाया कि गहलोत और वसुंधरा राजे दोनों ही अरावली पर्वतमाला के विनाश के जिम्मेदार हैं। यदि अरावली की हत्या का दोष तय किया जाए, तो इसमें 75 प्रतिशत जिम्मेदारी गहलोत की है, जबकि 25 प्रतिशत जिम्मेदारी वसुंधरा की है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा ने अपने दोनों कार्यकाल में अवैध खनन, पट्टे और लीज देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अलवर में अवैध कब्जे और खनन
आहूजा ने आरोप लगाया कि अलवर जिले में अरावली की हत्या और अवैध खनन के लिए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और भंवर जितेंद्र सिंह जिम्मेदार हैं। इन दोनों के संरक्षण में सिलीसेढ़ झील, जयसमंद और अन्य जल स्रोतों पर अवैध कब्जे किए गए हैं और किसी भी सरोवर को नहीं छोड़ा गया। इन जल स्रोतों पर अवैध होटल भी बनाए गए हैं।
अरावली बचाने के लिए करेंगे आंदोलन
आहूजा ने चेतावनी दी कि यदि अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले 10 वर्षों में राजस्थान के हर जिले में रेगिस्तान फैल जाएगा और इसका असर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब तक पहुंचेगा।
उन्होंने घोषणा की कि वह इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ और अरावली को बचाने के लिए आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि यह मुद्दा जाति, धर्म, हिंदू-मुस्लिम से ऊपर है और इसका संबंध प्रकृति, जल, जीव-जंतुओं और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से है।
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भाजपा नेताओं पर भी उठाए सवाल
आहूजा ने अलवर जिले के भाजपा नेताओं पर भी सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि भाजपा का कोई नेता अरावली के मुद्दे पर क्यों नहीं बोल रहा है? क्या उन्हें इस विनाश से कोई पीड़ा नहीं है या फिर क्या किसी भाजपा नेता ने खुद खनन पट्टे ले रखे हैं? आहूजा ने इसे बड़ा सवाल बताया और इस मुद्दे पर भाजपा नेताओं की चुप्पी पर नाराजगी जताई।
मुख्य बातें
- आहूजा ने गहलोत और वसुंधरा पर अरावली पर्वतमाला के विनाश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि गहलोत की 75 प्रतिशत और वसुंधरा की 25 प्रतिशत जिम्मेदारी है।
- आहूजा का कहना है कि यदि अरावली को नहीं बचाया गया, तो 10 वर्षों में राजस्थान के हर जिले में रेगिस्तान फैल जाएगा। इसका असर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब तक पहुंचेगा।
- आहूजा ने कहा कि वह अरावली को बचाने के लिए आंदोलन शुरू करेंगे। यह मुद्दा प्रकृति, जल और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से जुड़ा है, जो जाति और धर्म से ऊपर है।
- अरावली पर सियासी घमासान जारी। पूर्व विधायक आहूजा के गहलोत-वसुंधरा पर आरोप। उन्होंने अरावली की बर्बादी के लिए दोनों को जिम्मेदार ठहराया।
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