रामगढ़ बांध पर कृत्रिम बारिश की शुरुआत अब 12 अगस्त से, एनओसी का भी इंतजार

राजस्थान के रामगढ़ बांध पर कृत्रिम बारिश की शुरुआत 12 अगस्त से होगी। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल होगा।ड्रोन उड़ाने की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है। जानें इस पहल के बारे में।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में जयपुर के रामगढ़ बांध पर कृत्रिम वर्षा का कार्यक्रम 12 अगस्त से शुरू हो रहा है। पहले यह 31 जुलाई को शुरू होने वाला था, लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्रालय से ड्रोन उड़ाने के लिए जरूरी 10,000 फीट तक उड़ान भरने की अनुमति (एनओसी) नहीं मिलने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। हालांकि भारी बारिश को भी एक कारण बताया गया था।

राजस्थान में कृत्रिम बारिश का प्रयोग पहली बार हो रहा है|  रामगढ़ बांध पर कृत्रिम बारिश का यह प्रयोग सफल रहा तो हजारों लोगों का फायदा होगा।

NOC का इंतजार 

इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि एवं उद्यानिकी विभाग और अमेरिकी कंपनी एक्सल-1 के सहयोग से हो रहा है। एक्सल-1 के मौसम वैज्ञानिक शशांक शर्मा के अनुसार, कृत्रिम वर्षा के लिए बादलों की उपस्थिति महत्वपूर्ण होगी और यदि पर्याप्त बादल नहीं होंगे तो वर्षा संभव नहीं हो सकेगी।

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कार्यक्रम को लेकर लोगों में उत्साह

इस कार्यक्रम को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। जमवारामगढ़ विधायक महेन्द्रपाल मीना और भाजपा कार्यकर्ता 12 अगस्त को होने वाले कार्यक्रम के लिए अधिक से अधिक जनता, किसानों और युवाओं को आमंत्रित कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस पहल को लेकर जागरूकता फैल रही है।

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तकनीकी मदद और ड्रोन उड़ान 

इस पहल में नासा उपग्रह और भारतीय मौसम विभाग के राडार की मदद ली जा रही है ताकि मौसम का सही विश्लेषण किया जा सके। ड्रोन का उपयोग करके कृत्रिम वर्षा करवाई जाएगी, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल होगा।

कृत्रिम वर्षा का इतिहास 

भारत में कृत्रिम वर्षा का प्रयोग नया नहीं है। सबसे पहले 1951 में टाटा फर्म ने केरल में इसका प्रयोग किया था। इसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे राज्यों में भी सूखा और प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम वर्षा की तकनीक का उपयोग किया गया।

इस पहल की विशेषता

यह पहला मौका है जब कृत्रिम वर्षा के लिए ड्रोन और AI तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। यह पहल देश में अपनी तरह का पहला प्रयास होगा।

भविष्य की दिशा 

यदि यह प्रक्रिया सफल रहती है, तो रामगढ़ बांध को फिर से भरने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। इसके साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी इस तकनीक का प्रयोग करने की संभावना है।

FAQ

1. कृत्रिम वर्षा के लिए ड्रोन का उपयोग क्यों किया जा रहा है?
कृत्रिम वर्षा के लिए ड्रोन का उपयोग AI तकनीक के साथ किया जाएगा ताकि बादलों में बदलाव कर वर्षा की प्रक्रिया को नियंत्रित किया जा सके। यह एक नई और अनूठी पहल है।
2. रामगढ़ बांध पर कृत्रिम वर्षा कब से शुरू होगी?
रामगढ़ बांध पर कृत्रिम वर्षा की शुरुआत 12 अगस्त से होगी। पहले इसे 31 जुलाई को शुरू किया जाना था, लेकिन यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।
3. क्या रामगढ़ बांध की कृत्रिम वर्षा की प्रक्रिया सफल हो सकेगी?
बादल और मौसम की स्थिति पर इसकी निर्भर है। अगर पर्याप्त बादल हुए, तो कृत्रिम वर्षा का कार्यक्रम सफल रहेगा।

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