केंद्रीय मंत्री शेखावत के शक्ति प्रदर्शन पर लटकी तलवार, दिल्ली के हस्तक्षेप से लगा राजनीतिक झटका

राजस्थान के बाड़मेर जिले के सरहदी गांव बाखासर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के राजनीतिक कार्यक्रम के अचानक रद्द होने से सियासी माहौल में हलचल मच गई। यह कार्यक्रम उनका शक्ति प्रदर्शन बताया जा रहा था। जानें इसकी वजह और असर।

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Amit Baijnath Garg
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gajendra singh shekhawat

Photograph: (the sootr)

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Barmer. राजस्थान के बाड़मेर जिले के सरहदी गांव बाखासर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा आयोजित किए जाने वाले एक बड़े राजनीतिक कार्यक्रम से पहले सियासी माहौल में अचानक बदलाव आया। शेखावत के नेतृत्व में मूर्ति अनावरण कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर थीं, जिसमें राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन की योजना थी। 

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बदल गई पूरी रूपरेखा

ऐन वक्त पर इस कार्यक्रम की रूपरेखा बदल गई और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दौरा रद्द कर दिया गया, जिससे कार्यक्रम की अहमियत और प्रभाव दोनों पर प्रश्न चिह्न लग गया। इस घटनाक्रम के पीछे पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह की नाराजगी को महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है। 

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पूर्व सांसद की अनदेखी बनी विवाद की वजह

सूत्रों के अनुसार, मानवेंद्र सिंह को कार्यक्रम की तैयारियों के दौरान लगातार नजरअंदाज किया गया, जिससे उनका असंतोष बढ़ा। राजनीति में इस तरह की अनदेखी से तनाव की स्थिति पैदा होती है और इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। यह माना जा रहा है कि मानवेंद्र सिंह की नाराजगी ने इस पूरे मामले में दखलअंदाजी की, जिससे दिल्ली स्तर से हस्तक्षेप हुआ और बड़े नेताओं के दौरे रद्द कर दिए गए।

राजपूत सियासत में बढ़ी हलचल

बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र में अब तक जाट राजनीति का बोलबाला था, लेकिन इस घटनाक्रम के बाद राजपूत सियासत में भी एक नई सक्रियता देखने को मिली है। यह माना जा रहा है कि यह सियासी उथल-पुथल आने वाले समय में क्षेत्रीय राजनीति की दिशा को प्रभावित कर सकती है। यह घटना न केवल बाड़मेर जिले के सियासी समीकरणों को बदल सकती है, बल्कि राज्य की सियासत में भी एक नया मोड़ ला सकती है।

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राजनाथ सिंह का प्रस्तावित दौरा टला

13 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का राजस्थान दौरा प्रस्तावित था, जिसमें बाड़मेर के बाखासर गांव में 1971 के भारत-पाक युद्ध के नायक वीर सपूत बलवंत सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया जाना था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शेखावत और कई विधायक व जनप्रतिनिधियों के शामिल होने की योजना थी।

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दिल्ली से लगा राजनीतिक झटका

दिल्ली और जयपुर से बड़ी हस्तियों की गैर मौजूदगी ने इस कार्यक्रम को कमजोर कर दिया। इस घटना को एक बड़ा राजनीतिक झटका माना जा सकता है, खासकर केंद्रीय मंत्री शेखावत के लिए। उन्होंने जिस प्रकार इस कार्यक्रम को लेकर शक्ति प्रदर्शन की योजना बनाई थी, वह अब एक खामोश राजनीतिक झटके के रूप में सामने आई है।

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मुख्य बिंदु

  • बाड़मेर के कार्यक्रम का रद्द होना पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह की अनदेखी और उनके असंतोष का परिणाम था, जिसके चलते दिल्ली से हस्तक्षेप हुआ और दौरे रद्द कर दिए गए।
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का प्रस्तावित दौरा 13 दिसंबर को था, जिसमें बाड़मेर के बाखासर में वीर सपूत बलवंत सिंह की प्रतिमा का अनावरण होना था, लेकिन यह दौरा अचानक रद्द हो गया।
  • यह घटना बाड़मेर और राजस्थान की सियासत में नए समीकरण बना सकती है, विशेषकर राजपूत सियासत में बढ़ती सक्रियता के कारण।
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