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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान (Rajasthan) में रक्तदान कैंपों में बढ़ती ब्लड चोरी और उसकी अवैध बिक्री की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। अब राज्य सरकार एक नई तकनीकी पहल के साथ इसे रोकने के लिए एक एप (Blood Camp Management App) तैयार कर रही है, जिससे रक्तदान प्रक्रिया की मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग की जाएगी। यह ब्लड कैंप मैनेजमेंट एप रक्तदान कैंपों में इकट्ठा होने वाले ब्लड की रियल टाइम मॉनिटरिंग करेगा। यह एप जीपीएस ट्रैकिंग से हर यूनिट की ट्रैकिंग भी करेगा, जिससे ब्लड की ट्रांसपोर्टेशन और वितरण में पारदर्शिता आएगी।
ब्लड चोरी की बढ़ती घटनाएँ
हाल के वर्षों में रक्तदान कैंपों से जमा ब्लड को चोरी-छिपे बेचने और दूसरे राज्यों में भेजने की कई घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने ब्लड डोनेशन कैंपों की मॉनिटरिंग के लिए एक हाईटेक सिस्टम विकसित करने का निर्णय लिया है। इस नई पहल का उद्देश्य ब्लड की चोरी और गलत तरीके से बिक्री को पूरी तरह से रोका जाएगा।
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राज्य के ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक ने बताया कि इस एप के लिए वित्त विभाग से स्वीकृति मिल चुकी है और इसे तीन चरणों में तैयार किया जा रहा है। इस तकनीकी प्रणाली के लागू होने से न केवल ब्लड की अवैध बिक्री रोकी जाएगी, बल्कि ब्लड मैनेजमेंट में पारदर्शिता और दक्षता भी आएगी।
क्यूआर कोड और ट्रैकिंग सिस्टम से लैस
प्रत्येक ब्लड यूनिट पर एक क्यूआर कोड लगाया जाएगा, जिसे स्कैन करके उस ब्लड यूनिट की पूरी जानकारी देखी जा सकेगी। इसके साथ ही, हर यूनिट की जानकारी राज्य सरकार के हेल्थ पोर्टल पर भी दर्ज होगी, जिससे ब्लड की चोरी और अवैध बिक्री पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी।
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एप से ही कैंपों की अनुमति और डोनर डेटाबेस
इस एप के जरिए ब्लड बैंक और एनजीओ को कैंप आयोजित करने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा, हर डोनर का नाम, मोबाइल नंबर, ब्लड ग्रुप और दान की गई यूनिट की जानकारी रियल टाइम में दर्ज की जाएगी। इससे पूरे राज्य में डोनर्स का एक डेटाबेस तैयार होगा, जिससे भविष्य में जरूरत पड़ने पर रेयर ब्लड ग्रुप्स से संपर्क किया जा सकेगा।
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ब्लड बैंक में ब्लड ग्रुप स्टॉक का रहेगा हिसाब
इस एप के जरिए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक ब्लड बैंक में किस ब्लड ग्रुप का स्टॉक उपलब्ध है। अस्पतालों को ऑनलाइन डिमांड भेजकर तुरंत ब्लड मंगवाने की सुविधा मिलेगी। इससे ब्लड की आपूर्ति में सुधार होगा और मरीजों को जल्द से जल्द ब्लड मिल पाएगा।
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ब्लड ट्रांसपोर्टेशन पर भी कड़ी नजर
इस नए सिस्टम से यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ब्लड बैग्स जिन कंटेनरों में भेजे जाएंगे, उन पर जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा। इससे यह ट्रैक किया जा सकेगा कि ब्लड कैंप से ब्लड बैंक तक कैसे और कहां पहुंचा। यह कदम ब्लड की गलत जगहों पर भेजने की घटनाओं को रोकने में मदद करेगा।
हाल में सामने आए ब्लड चोरी के मामले
जनवरी 2025 में जोबनेर पुलिस ने जयपुर-फलोदी मेगा हाईवे पर नाकाबंदी के दौरान एक कार से 250 यूनिट अवैध ब्लड बरामद किया। जानकारी के अनुसार, मकराना से ब्लड एकत्रित कर सवाई माधोपुर भेजा जा रहा था, लेकिन संबंधित ब्लड बैंक सेंटर से कोई दस्तावेज़ नहीं मिले।
मई 2024 में जयपुर स्थित जेके लॉन अस्पताल से 70 यूनिट प्लाज्मा चोरी हो गया था। इस घटना से अस्पताल में हड़कंप मच गया और एफआईआर दर्ज कराई गई। मामले में अस्पताल के एक कर्मचारी की लिप्तता सामने आई।
भारत में रक्तदान की स्थिति
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