राजस्थान के दो लाख कार्मिकों के डेढ़ साल तक नहीं होंगे ट्रांसफर, जानें सरकार ने क्यों दिया ऐसा आदेश

जनगणना 2027 में डिजिटल प्रक्रिया लागू की जाएगी। राजस्थान में दो लाख कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों पर जनवरी 2026 से मार्च 2027 तक रोक लगेगी। यह जनगणना का सातवां चरण होगा।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (The Sootr)

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भारत में हर दस साल में होने वाली जनगणना को अब एक नया रूप दिया जा रहा है। राजस्थान में 2027 में होने वाली जनगणना के लिए जो तैयारियाँ की जा रही हैं, वे इसे पूरी तरह से डिजिटल और अधिक व्यवस्थित बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। 2027 में यह जनगणना आज़ादी के बाद सातवीं बार होगी। इस बार जनगणना की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें कर्मचारियों के तबादलों पर प्रतिबंध, डिजिटल जानकारी एकत्रित करने की प्रक्रिया, और व्यक्ति-विशेष जानकारी का संग्रहण शामिल है।

डिजिटली होगा जनगणना कार्य

इस बार जनगणना कार्य में प्रगणक (enumerators) डिजिटल माध्यम से जानकारी एकत्र करेंगे। यानी, अब जनगणना के आंकड़े मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरणों के माध्यम से सीधे संबंधित अधिकारियों को भेजे जाएंगे। इससे न केवल डेटा संग्रहण में आसानी होगी, बल्कि आंकड़ों की शुद्धता भी बढ़ेगी। इस बदलाव का उद्देश्य जनगणना को और अधिक पारदर्शी और तेज बनाना है।

इसके साथ ही, इस बार लोगों को भी स्वयं अपनी जानकारी भरने का विकल्प मिलेगा। सरकार ने यह सुविधा दी है ताकि लोग अपने परिवार के बारे में सही और सटीक जानकारी भर सकें।

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जनगणना कार्य में कर्मचारियों के तबादलों पर रोक

जनगणना कार्य के दौरान करीब दो लाख कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों पर जनवरी 2026 से मार्च 2027 तक पूरी तरह से रोक रहेगी। यह निर्णय जनगणना कार्य को प्रभावित किए बिना इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।

प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि जनगणना प्रक्रिया के दौरान कोई भी बदलाव और बदलाव के कारण होने वाली कठिनाइयाँ न हो। यह कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती भी होगी क्योंकि वे इस अवधि में अपनी पारंपरिक स्थानांतरण प्रक्रिया का पालन नहीं कर पाएंगे।

भारत में जनगणना

1. भारत में जनगणना का महत्व

  • भारत में जनगणना हर 10 साल में आयोजित होती है।

  • यह एक बड़ा प्रशासनिक प्रयास है, जो देश की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक और जनसांख्यिकीय डेटा एकत्र करता है।

2. भारत में जनगणना का इतिहास

  • पहली जनगणना 1872 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी, लेकिन वह पूरी तरह से व्यवस्थित नहीं थी।

  • 1881 में पहली पूरी और व्यवस्थित जनगणना की गई।

  • इसके बाद से, हर 10 साल में जनगणना का आयोजन नियमित रूप से होता रहा है।

  • 1949 के बाद, जनगणना गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त द्वारा की जाती है।

  • 2011 की जनगणना 1 मई, 2010 को शुरू हुई थी, जबकि 2021 की जनगणना को COVID-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया।

3. जनगणना के चरण

  • जनगणना आमतौर पर दो प्रमुख चरणों में की जाती है:

    1. हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस: इस चरण में घरों की सूची बनाई जाती है और आवास के बारे में जानकारी इकट्ठी की जाती है।

    2. जनसंख्या गणना: इसमें जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक और जनसांख्यिकीय डेटा एकत्र किया जाता है।

4. जनगणना का महत्व

  • जनगणना सरकार को नीतियों और योजनाओं को बनाने और लागू करने में मदद करती है।

  • यह विभिन्न क्षेत्रों में विकास योजनाओं के लिए आवश्यक डेटा प्रदान करती है।

  • जनगणना के जरिए सरकार को जनसंख्या, लिंगानुपात, साक्षरता दर, आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

  • यह सरकार को विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों की जरूरतों को समझने में मदद करती है।

5. 2011 की जनगणना

  • 2011 की जनगणना में पहली बार बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र की गई थी।

  • इस जनगणना में भारत की जनसंख्या 1,210,854,977 थी।

  • 2001-2011 के दशक में जनसंख्या में 181,455,986 की वृद्धि हुई थी।

  • 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की साक्षरता दर 69.3% थी।

जनगणना के पहले चरण की प्रक्रिया

राजस्थान में जनगणना का पहला चरण अगले साल यानी अप्रैल 2026 में शुरू होगा। इसमें मकान सूचीकरण का कार्य किया जाएगा, जो 30 दिनों तक चलेगा। इस दौरान प्रगणक सभी मकानों की सूची तैयार करेंगे और घरों में रहने वाले लोगों की संख्या और प्रकार को दर्ज करेंगे।

फरवरी 2027 में जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत होगी, जिसमें परिवारों से व्यक्तिगत जानकारी एकत्र की जाएगी। यह जानकारी पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और केवल जनगणना के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जाएगी।

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जनगणना में जानकारी देने के नियम

जनगणना के दौरान जानकारी देने वाले लोगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम लागू किए गए हैं। कानून के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जनगणना से संबंधित जानकारी देने से मना नहीं कर सकता। यदि कोई व्यक्ति गलत जानकारी प्रदान करता है, तो उसे जुर्माना या सजा दी जा सकती है।

इसके अलावा, इस बार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के लिए कोई जानकारी नहीं एकत्र की जाएगी, जो पहले जनगणना प्रक्रिया का हिस्सा थी। इसका मतलब है कि जनगणना के दौरान केवल परिवारों से संबंधित जानकारी ही ली जाएगी, न कि उनके व्यक्तिगत दस्तावेज़ जैसे आधार या पैन कार्ड से जुड़ी जानकारी।

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जनगणना की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत में जनगणना की शुरुआत 1865-1872 के बीच हुई थी, लेकिन यह प्रक्रिया पूरी तरह से व्यवस्थित नहीं थी। 1872 में पहली व्यवस्थित जनगणना का आयोजन हुआ। तब से लेकर अब तक, हर दशक में जनगणना का आयोजन किया जाता रहा है। 2027 में स्वतंत्र भारत की सातवीं जनगणना होगी। यह जनगणना पिछली जनगणनाओं से अधिक डिजिटल और सटीक होगी।


नए वाट्सऐप चैनल की शुरुआत

जनगणना कार्य निदेशालय ने मंगलवार को जनगणना-2027 से संबंधित जानकारी के लिए एक वाट्सऐप चैनल की शुरुआत की है। यह चैनल लोगों को जनगणना के बारे में नवीनतम जानकारी प्रदान करेगा और जनगणना प्रक्रिया के दौरान होने वाली किसी भी समस्या का समाधान देगा। जनगणना कार्य निदेशक IAS बिष्णु चरण मल्लिक ने इस चैनल का शुभारंभ किया और बताया कि यह चैनल लोगों को जनगणना की प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने के लिए होगा।

FAQ

1. भारत की जनगणना 2027 में क्या बदलाव किए गए हैं?
जनगणना 2027 में डिजिटल प्रक्रिया को लागू किया गया है, जिससे जानकारी का संग्रहण तेज और पारदर्शी होगा। इसके अलावा, कर्मचारियों के तबादलों पर 2026 से 2027 तक रोक रहेगी।
2. क्या इस बार जनगणना में व्यक्तिगत जानकारी एकत्र की जाएगी?
हां, जनगणना के दूसरे चरण में व्यक्तिगत जानकारी एकत्र की जाएगी, लेकिन एनपीआर के लिए जानकारी नहीं जुटाई जाएगी।
3. क्या किसी को जनगणना से संबंधित जानकारी देने से मना किया जा सकता है?
नहीं, कानून के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जनगणना से संबंधित जानकारी देने से मना नहीं कर सकता। यदि जानकारी गलत दी जाती है, तो जुर्माना या सजा हो सकती है।
4. जनगणना के पहले चरण में क्या काम किया जाएगा?
जनगणना के पहले चरण में मकान सूचीकरण का कार्य किया जाएगा, जिसमें घरों की संख्या और वहां रहने वाले लोगों की जानकारी एकत्र की जाएगी।
5. जनगणना के लिए वाट्सऐप चैनल का क्या उद्देश्य है?
जनगणना कार्य निदेशालय ने एक वाट्सऐप चैनल शुरू किया है, जिसका उद्देश्य लोगों को जनगणना प्रक्रिया के बारे में जानकारी देना और समस्याओं का समाधान करना है।

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जनगणना निदेशालय | राजस्थान जनगणना 2027 कर्मचारियों का तबादला प्रतिबंध

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