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Photograph: (the sootr)
7 सितंबर, 2025 को होने वाला चंद्रग्रहण राजस्थान के प्रमुख मंदिरों के लिए विशेष महत्व रखता है। खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी मंदिर दोनों ही भक्तों के लिए कुछ समय के लिए बंद रहेंगे। इस दिन चंद्रग्रहण के दौरान मंदिरों के पट बंद करने की घोषणा की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को भ्रमित होने से बचाया जा सके।
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खाटूश्यामजी मंदिर के पट होंगे बंद
सीकर के खाटूश्यामजी मंदिर में 7 सितंबर को होने वाले चंद्रग्रहण के कारण 6 सितंबर रात 10:00 बजे से 8 सितंबर शाम 5:00 बजे तक मंदिर के पट बंद रहेंगे। इस समय के दौरान श्रद्धालु श्याम बाबा के दर्शन नहीं कर पाएंगे। मंदिर प्रशासन ने इस बारे में सूचना जारी की है और भक्तों से अपील की है कि वे इन तिथियों में मंदिर आने से बचें। ग्रहण समाप्ति के बाद 8 सितंबर को सुबह विशेष स्नान और शृंगार के बाद शाम 5 बजे से भक्तों के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए जाएंगे।
खाटूश्यामजी मंदिर बंदी की मुख्य बातें
- 6 सितंबर रात 10:00 बजे से 8 सितंबर शाम 5:00 बजे तक बंद
- ग्रहण के बाद विशेष स्नान और शृंगार
- 8 सितंबर को शाम 5 बजे से दर्शन फिर से शुरू
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सालासर बालाजी में दर्शन का समय बदलेगा
चूरू जिले के प्रसिद्ध सालासर बालाजी मंदिर में भी 7 सितंबर को चंद्रग्रहण के कारण दर्शन का समय बदला जाएगा। मंदिर के पुजारी अजय शर्मा के अनुसार, श्रद्धालु 7 सितंबर को दोपहर 12:50 बजे तक ही मंदिर में दर्शन कर पाएंगे। इसके बाद मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे और ग्रहण समाप्ति के बाद शुद्धिकरण की प्रक्रिया होगी। 8 सितंबर को सुबह 6:30 बजे से भक्त फिर से मंदिर में दर्शन कर सकेंगे।
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सालासर बालाजी मंदिर दर्शन के प्रमुख बिंदु
- 7 सितंबर को दोपहर 12:50 बजे तक दर्शन
- ग्रहण के बाद शुद्धिकरण और पूजा
- 8 सितंबर को सुबह 6:30 बजे से दर्शन प्रारंभ
क्यों बंद रहते हैं मंदिर ग्रहण के समय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। यह ऊर्जा धार्मिक स्थानों पर भी प्रभाव डाल सकती है, जिससे पूजा और अन्य धार्मिक क्रियाओं की शुद्धता पर असर पड़ता है। इसलिए ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और भगवान की मूर्तियों को ढक दिया जाता है।
ग्रहण समाप्त होने के बाद विशेष पूजा और शुद्धिकरण की प्रक्रिया होती है, जिससे वातावरण की शुद्धि और भगवान की शक्ति में पुनः वृद्धि होती है।
ग्रहण के दौरान किए जाने वाले धार्मिक कार्य
- मंदिर के कपाट बंद करना
- मूर्तियों को ढकना
- शुद्धिकरण और विशेष पूजा
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